अतिक्रमण को ले कर गढ़वा में दिख रही प्रशासन की सख्ती

अतिक्रमण को ले कर गढ़वा में दिख रही प्रशासन की सख्ती

दानरो नदी की जद में आने वाली कई अस्थाई-स्थाई संरचनाएं हुईं ध्वस्त

लगातार ज़ारी रहेगा नदी अतिक्रमण विरोधी अभियान : एसडीओ


आशुतोष रंजन
गढ़वा

पिछले कई दशक से यह बात सामने आ रही थी क्या गढ़वा शहर और क्या शहर से हो कर गुजरने वाली नदी अतिक्रमित हो गई है लेकिन अतिक्रमण के विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हो रही है,लेकिन देर से ही सही प्रशासन द्वारा सुध लिया गया और शहर को अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में एक कंक्रीट पहल शुरू हुई जिसका आलम हर रोज़ आपको देखने को मिल ही रहा है,आज कहां और किस रूप में कार्रवाई हुई आइए आपको बताते हैं।

गढ़वा में दिख रही प्रशासन की सख़्ती: – पूर्व निर्धारित योजना के तहत आज दानरो नदी पर हुये अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान शुरू किया गया। अभियान के पहले दिन टंडवा पुल और इसके आसपास से लेकर नदी के किनारे किनारे सहीजना की ओर जाने वाले नदी तट पर अवस्थित कई अस्थाई और स्थाई प्रकृति की संरचनाओं को तोड़ा गया। अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार के निर्देश पर चलाये गये इस अभियान में अंचल अधिकारी गढ़वा सफी आलम,कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद गढ़वा सुशील कुमार, पुलिस निरीक्षक बृज कुमार तथा सहायक अभियंता जल पथ अंचल हरे नारायण सुबह से ही अभियान में दलबल के साथ लगे रहे। इस दौरान विधि व्यवस्था संधारण हेतु बड़ी संख्या में महिला और पुरुष जवानों की भी तैनाती की गई थी।

उल्लेखनीय है कि नदी तटों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए गढ़वा के आम नागरिकों द्वारा समय-समय पर मांग उठाई जाती रही है। उधर न्यायालय के स्तर से भी जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में की जा रही कार्रवाई की मॉनिटरिंग की जा रही है। दानरो नदी के अतिक्रमण मुक्ति को लेकर अंचल अधिकारी गढ़वा की ओर से अतिक्रमणकारियों को नोटिस किया गया था,कुछ लोगों ने स्वत: अपने स्तर से अतिक्रमण हटाने की पेशकश की थी किंतु जिन लोगों द्वारा नहीं हटाया गया उनके अतिक्रमण को आज बलपूर्वक ध्वस्त कर दिया गया।

ज़ारी रहेगा नदी अतिक्रमण विरोधी अभियान : – अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि अतिक्रमण विरोधी यह अभियान लगातार जारी रहेगा। बता दें कि अभियान शुरू होने के कुछ ही पलों के बाद टंडवा पुल को जाम करने की असफल कोशिश भी की गई जिस पर एसडीओ ने प्रदर्शनकारियों को समझा बुझाकर ऐसा करने से मना करते हुए उन सभी को अपने कार्यालय बुलाया तथा अपने कार्यालय में उनका पक्ष सुनते हुए आवश्यक मानवीय पहल करने का भरोसा भी दिलाया।

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Ashutosh Ranjan

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