बेटे अथर्व के हाथों बंटवाए गर्म कपड़े
आशुतोष रंजन
गढ़वा
वो केवल नाम का नहीं बल्कि कर्म से भी पूनम हैं तभी तो आज उनके द्वारा ग़रीबों के जीवन से अमावस को दूर किया गया,अब आप पूछिएगा की आख़िर उनकी ज़िंदगी में किस रूप में अमावस था तो आपको बताएं कि हम और आप इस ठिठुरते मौसम से बचने के लिए कमरे में गर्म कपड़े पहनने के साथ साथ कंबल ओढ़ने के अलावे रूम हीटर भी जला रहे हैं लेकिन ज़रा अंदाज़ा लगाइए उन ग़रीबों के हालात का जो एक अदद कंबल की आस जोह रहे हैं,हर वक्त उनकी निगाहें रास्तों पर रहती है कि काश कोई आ जाता और एक कंबल दे जाता जिससे हमारे कांपते देह को राहत पहुंचता,क्या यह कसक उनकी ज़िंदगी में अमावस के रूप में जड़वत नहीं है,उनकी उस पीड़ा को दिली संजीदगी से महसूस करते हुए आज व्यवसायी पूनम चंद कांस्यकार द्वारा बाज़ार स्थित शनि मंदिर पहुंच ग़रीब और असहायों के बीच कंबल के साथ साथ उनके बच्चों के बीच गर्म कपड़े का वितरण किया गया,वो ख़ुद तो मौजूद रहे ही साथ में अपने बेटे अथर्व को भी रखा और उसके हाथों से भी वितरण कराया ताकि उसके मन में ग़रीबों और जरूरतमंदों को मदद करने की बात घर कर जाए,इस मौक़े पर उनके मित्र मंडली के व्यवसायी ज्योति प्रकाश केशरी के साथ साथ कई अन्य लोग मुख्य रूप से मौजूद रहे।

