बोर्ड लगने से पहले ई का हो गया..?

बोर्ड लगने से पहले ई का हो गया..?


आशुतोष रंजन
गढ़वा

ख़ुद की कार्यक्षमता और क्षेत्र के लोगों में अपनी पैठ की बदौलत वोट दिलाकर सत्येंद्र नाथ तिवारी को गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनाने वाले उनके प्रमुख कार्यकर्ताओं के दिल में शुरू से ही यह चाहत थी कि हमारे विधायक मुझे किसी ना किसी विभाग का प्रतिनिधि बना दें,उनके दिली चाहत को सम्मान देते हुए विधायक द्वारा कई प्रमुख कार्यकर्ताओं को उनकी क्षमता को देखते हुए प्रतिनिधि बनाया भी गया,उक्त प्रतिनिधियों द्वारा आह्लादित हो कर अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट करते हुए विधायक के प्रति आभार भी ज़ाहिर किया गया,उधर जैसे ही विधायक द्वारा प्रतिनिधि के निमित चिट्ठी दिया गया तो प्रतिनिधियों द्वारा अपनी अपनी गाड़ियों में लगाने के लिए बोर्ड बनाने के लिए ऑर्डर भी दे दिया गया,कई लोगों का बोर्ड तैयार हो जाने के बाद दुकानदार द्वारा प्रतिनिधि को लगातार फ़ोन भी किया जाने लगा,कुछ प्रतिनिधि दुकान पहुंच बने हुए बोर्ड को आनंदित भाव से निहारने लगे,लेकिन अभी वो बोर्ड का मूल्य देते और उसे गाड़ी में लगाते की ऐसा हो गया,आख़िर क्या हुआ आइए आपको इस ख़ास ख़बर के ज़रिए बताते हैं।

बोर्ड लगने से पहले ई का हो गया : – आख़िर का हो गया,इस विषयक आपको बताएं कि विधायक द्वारा प्रतिनिधि बनाया गया था,लेकिन प्रतिनिधि बोर्ड हाथ में ले कर अपनी गाड़ी से कुछ ही दूरी पर थे,बस चंद लम्हों में ही बोर्ड गाड़ी में लग जाता लेकिन विधायक ने प्रतिनिधि बनाए जाने के आदेश को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया,जी हां आपको बताएं कि ऐसे तो भाजपा नेता विवेकानंद तिवारी उर्फ रिंकू तिवारी विधायक से अनवरत मिलते और उनसे बात करते हैं लेकिन आज उनका उनसे अचानक मिलना हुआ,कारण मात्र एक था विधायक द्वारा प्रतिनिधि बनाए जाने के बाद उपजे मनमुटाव को ले कर बात करना,वो मिले और विधायक को सारी जानकारी से अवगत कराए,बात होने के बाद रिंकू तिवारी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि विधायक द्वारा बनाए गए सभी प्रतिनिधियों के दायित्व को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया गया है,साथ ही यह जानकारी भी निहित किए की अस्वस्थ होने के कारण विधायक फिलहाल इलाजरत हैं और गढ़वा से बाहर हैं। मार्च के बाद ही किसी कमेटी/ प्रतिनिधि का विस्तार या पुनर्गठन होगा। विधायक ने कहा कि ऐसा निर्णय कार्यकर्ताओं की भावना को ध्यान में रखते हुए लिया गया है,मार्च के बाद सभी कार्यकर्ताओं की एक एक बैठक होगी और एक राय होकर जो निर्णय होगा वही निर्णय अंतिम होगा।

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