नेताओं ने अंदरूनी तकरार को बताया पत्रकारों का बनावटी सवाल
आशुतोष रंजन
गढ़वा
झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को ले कर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने अपने स्तर से जुट गई हैं,जहां एक ओर नेता टिकट पाने की जुगत में जुटे हैं तो वहीं पार्टी संगठन के वरीय पदाधारियों द्वारा राज्य से ले कर जिला स्तर तक लगातार बैठकें की जा रही हैं जिसके मुख्य केंद्र में संगठन की धार को तेज़ करना एवं आगामी चुनाव है,लेकिन सभी पार्टियों में से एक भाजपा ही है जिसके द्वारा किसी चुनाव को ले कर नहीं बल्कि साल के बारहों महीने बैठकें और कार्यक्रम आयोजित की जाती हैं जिसका उद्देश्य केवल चुनाव नहीं बल्कि मुख्य रूप से संगठन होता है,पर आज एक सवाल मन में उपजा रहा है कि आज भाजपा द्वारा ही एक महत्वपूर्ण बैठक गढ़वा में आयोजित हुई जहां चर्चा तो कुछ और हुआ पर मीडिया को बताया कुछ और गया,ऐसा क्यों जानने के लिए इस ख़ास रिपोर्ट को पढ़िए।
लेकिन मीडिया को बताई गई BDM की बात : – हमने इस ख़बर का शीर्षक दिया है बैठक में हुई राजधानी की चर्चा लेकिन मीडिया को बताई गई BDM की बात,अब आप पूछिएगा की ऐसा क्यों तो सबसे पहले आपको बताऊं कि आज भाजपा की सांगठनिक बैठक स्थानीय पद्मावती होटल के सभागार में आयोजित हुई जहां बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह मौजूद रहे,उनकी मौजूदगी में आयोजित बैठक में जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद महतो एवं पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के साथ साथ जिला से ताल्लुक रखने वाले प्रदेश स्तरीय नेता मौजूद रहे,उक्त बैठक अंदरूनी थी यानी अंग्रेजी में कहें तो संगठन के इंटरनल विषयों की चर्चा होनी थी सो मीडिया को इससे दूर रखा गया,और ऐसा होना भी चाहिए,जब गढ़वा भाजपा की सभी अंदरूनी बातें सार्वजनिक हैं ही तो फिर मीडिया बैठक में मौजूद रहने की क्यों कोशिश करे,ख़ैर बैठक हुई,कई तरह की चर्चाएं हुईं,लेकिन जो अंदरखाने से मालूमात हुआ उसके अनुसार बताएं कि उक्त बैठक में आने वाले चुनाव को ले कर पार्टी द्वारा लगातार जो कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं उसे ले कर बातें करने के साथ साथ पूरी तन्मयता के साथ जुट कर उसे पूरा करने पर बल दिया गया,साथ ही संगठन की धार को और तेज़ करने की भी चर्चा हुई,उधर बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने अपने प्रभारी को आश्वस्त किया कि आप निश्चिंत रहें कि जिस प्रकार गुज़रा सभी बैठक और कार्यक्रम सफ़ल हुआ है ठीक उसी तरह आगे भी आगाज़ से अंज़ाम तक पहुंचेगा,इतनी जानकारी तो आपको हो गई लेकिन बहुत बातें तब छुपा ली गई जब बैठक के बाद नेता मीडिया से मुखातिब हुए,क्योंकि जो अंदरखाने से मालूमात हुआ उसके अनुसार उक्त बैठक में अन्य बातों के साथ साथ यह भी चर्चा हुई कि अक्सर राज्य मुख्यालय तक गढ़वा के भाजपा नेताओं के बीच ज़ुबानी जंग होते रहता है,किसी बड़े नेताओं के आने के बाद और कोई कार्यक्रम आयोजित होने पर सभी एक साथ एक मंच पर तो जरूर होते हैं पर वो दल से साथ होते हैं दिल से जुदा होते हैं,ऐसे में जब नेता ही एक मंच पर होते हुए अलग थलग हैं तो संगठन की क्या बात की जाए, ज़रूरत है सभी को आपसी गिला शिकवा भुला कर एक साथ सुर में सुर मिलाने की तभी चुनावी लक्ष्य हासिल हो पाएगा,आपको मैने अंदरखाने की बातें भी बताई लेकिन जब नेता हम मीडिया वालों के सवाल का जवाब देने लगे तो उनके द्वारा सीधे रूप में कहा गया की बैठक केवल सांगठनिक विषयों को ले कर था,जहां आगामी कार्यक्रम को ले कर चर्चाएं हुईं,लेकिन जब उनसे सतह पर आ चुकी गढ़वा भाजपा के अंदरूनी कलह के विषयक पूछा गया तो उनके द्वारा साफ़ तौर पर कहा गया की यह सवाल आप पत्रकारों के दिमाग़ की उपज है,ऐसी कोई बात नहीं है,क्या कार्यकर्ता और क्या नेता सभी एक थे,एक हैं और एक रहेंगे,अब बड़ा परिवार है तो कभी कभी कुछ हो जाता है,लेकिन कोई अलग और जुदा है ऐसी कोई बात नहीं है।
भाजपा की ख़ेमेबाजी से कहीं सत्तापक्ष जीत ना ले फ़िर बाज़ी : – नेता जी जिस तरह पत्रकार गढ़वा भाजपा की अंदरूनी कलह और ख़ेमेबाजी से वाक़िफ हैं तो आप भी कहां नावाकिफ़ हैं,रही बात अपनी ज़ुबानी ज़ाहिर करने की तो भला आप कैसे कर सकते हैं,सांगठनिक लिहाज़ से ऐसा करना भी पार्टी हित में सही नहीं है,लेकिन इतना तो ज़रूर कहना चाहेंगे कि आपकी पार्टी का लक्ष्य गढ़वा विधानसभा सीट को फ़िर से हासिल करने का है तो वो लक्ष्य तब हासिल हो सकता है जब गढ़वा के सभी नेता आपसी गिले शिकवे को भूल कर एक साथ एक मंच पर आ कर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में पूरी दिली तन्मयता के साथ काम करेंगे नहीं तो कहीं ऐसा ना हो की एक दूसरे से नाराज़ नेताओं के खेमेबाजी का फ़ायदा पिछली बार की तरह इस बार भी सत्तापक्ष ना उठा ले..?