विधायक जी बकवास करने में मशगूल

विधायक जी बकवास करने में मशगूल


दिवंगत आशुतोष रंजन

आकाश लोहार
गढ़वा

छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरुआत करते हुए बेबाक बोलने वाले धीरज दुबे की योग्यता और कार्यदक्षता को नजर करते हुए जेएमएम द्वारा उन्हें केंद्रीय प्रवक्ता बनाया गया है। उधर जिला मुख्यालय से ले कर राज्य मुख्यालय तक बड़े राजनीतिक बयानों के ज़रिए सुर्खियों में रहने वाले धीरज दुबे द्वारा ताज़ा बयान क्या दिया गया है आइए आपको बताते हैं।

विधायक बकवास करने में मशगूल :- धीरज दुबे द्वारा दिए गए ताज़ा बयान की बात करें तो उनका कहना है कि विधानसभा के बजट सत्र में जनहित का मुद्दा उठाने की बजाय गढ़वा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी बकवास करने में मशगूल हैं। उनके मुद्दा विहीन वक्तव्य से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वर्तमान में भी वह ख़ुद को एक विधायक नहीं बल्कि हारे हुए प्रत्याशी के रूप में प्रदर्शित कर रहे हैं। उनके वक्तव्य से ऐसा लग रहा है कि वह मानसिक दिवालियापन के शिकार हो गए हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा गढ़वा के पदाधिकारी विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो से मुलाकात कर विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी को मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराने का अनुरोध करेंगे। उनके इलाज का सारा खर्च झामुमो कार्यकर्ता वहन करने हेतु तैयार हैं।

गढ़वा की जनता भली भांति जानती है :- विधानसभा सत्र में पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर पर उंगली उठाने का प्रयास कर रहे हैं। गढ़वा की जनता ऐसी ओछी करतूत पर हंस रही है। गढ़वा विधानसभा अंतर्गत होने वाली सभी घटना को पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर से जोड़ देना महज उनका राजनीतिक षडयंत्र है। वर्तमान के अपराधिक घटना तथा कुछ दिन पूर्व एक मुखिया के द्वारा आत्महत्या करने की घटना को भी पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर से जोड़ा जाना गढ़वा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के विचित्र मानसिकता को दर्शाता है। इसके लिए यदि प्रमाण है तो न्यायालय में जाएं गृह मंत्री को चिट्ठी लिखा प्रधानमंत्री को लिखें। उन्हें इस बात का भ्रम है कि जनता उनके हर झूठ को सच मान लेगी। इसी झूठ-फरेब के चक्कर में आकर जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।

कार्यकर्ता भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है :- जनता को उनके हाल पर छोड़कर गढ़वा विधायक मसखरी करने ने लगे हुए हैं। विकास कार्य छोड़िए जनता के सुख-दुख में शामिल होना भी वह अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते। जनता तो दूर भाजपा के कार्यकर्ता भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। क्योंकि किसी कार्यक्रम का फोन विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी नहीं उठाते। विधायकी का वेतन और मिलने वाला खर्च पाकर विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी रांची सहित अन्य जगहों पर जाकर समय गुजार रहे हैं। उनका बस एक ही मकसद बच गया है कि गढ़वा विधानसभा में चल रहे विकास कार्यों में संवेदकों से कैसे अपना कमीशन वसूला जाए।

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Ashutosh Ranjan

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