“कॉफ़ी विद एसडीएम” : निजी विद्यालयों के संचालकों से एसडीएम की कॉफी पर सार्थक वार्ता

“कॉफ़ी विद एसडीएम” : निजी विद्यालयों के संचालकों से एसडीएम की कॉफी पर सार्थक वार्ता

एनुअल चार्ज, फीस वृद्धि, बार-बार किताबें परिवर्तन, ओवरलोडिंग, शिक्षा का अधिकार आदि को लेकर एसडीएम ने रखा अभिभावकों का पक्ष

विद्यालयों ने भी सुरक्षा व्यवस्था, साफ सफाई सहित अन्य विषयों को रखा

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में गढ़वा के निजी स्कूलों का योगदान सराहनीय : एसडीएम



दिवंगत आशुतोष रंजन


वीडियो एडीटर आकाश लोहार
गढ़वा


प्राइवेट स्कूल आज की शिक्षा व्यवस्था के अनिवार्य अंग हो गए हैं। समाज का एक बड़ा वर्ग अपनी औकात के अनुरूप के प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है। तथापि री एडमिशन, किताब व ड्रेस में बार बार बदलाव आदि को लेकर आ रही शिकायतों से प्रेरित एसडीएम ने अनूठी पहल करते हुए प्राइवेट स्कूलों के संचालकों को कॉफी पर आमंत्रित किया। कहां कब क्या हुआ आइए इस खबर के जरिए जानते हैं। सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने अपने एक घंटे के नियमित साप्ताहिक कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” में गुरुवार को अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत चल रहे निजी विद्यालयों के संचालकों को अपने यहां कॉफी पर आमंत्रित कर संवाद किया।

कार्यक्रम में अनुमंडल क्षेत्र के 40 निजी विद्यालयों के संचालकों/ प्रबंधकों ने भाग लिया। इस एक घंटे की अनौपचारिक वार्ता में अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से ऐसे विषयों को रखा गया जो अभिभावकों के द्वारा समय-समय पर अनुमंडल पदाधिकारी के पास शिकायत के रूप में प्राप्त हुए थे। इनमें ज्यादातर मामले गैर-समानुपाती फीस वृद्धि, एनुअल चार्ज, किताबों में हर साल बदलाव, किताबों की कीमत, स्कूल बसों के संचालन जैसे तमाम मुद्दे शामिल हैं।

ज्यादातर विद्यालयों में या तो हाल ही में नये सत्र शुरू हुए हैं या बहुत जल्द नए सत्र शुरू होने वाले है। ऐसे में अनुमंडल पदाधिकारी ने सभी निजी विद्यालयों के प्रबंधको से अपील की कि वे हर बार की भांति इस वर्ष भी अभिभावकों की समस्याओं और चिंताओं को संवेदनशीलता के साथ हल करें।

विद्यालयों ने उठाए विधि व्यवस्था सम्बन्धी मामले

ज्यादातर विद्यालयों के प्रतिनिधियों ने स्कूल परिसर और उसके आसपास की सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था से जुड़े मामलों को उठाया। स्कूल में छुट्टी के उपरांत विद्यालय के बाहरी बाइकर्स गैंग और अराजक तत्वों द्वारा भीड़ लगाना या लफंगों द्वारा स्कूल बसों का पीछा करना जैसे मुद्दे भी उठाए गए। कुछ विद्यालयों ने बताया कि उनके विद्यालय के ठीक सामने अवैध रूप से मांस मछली की दुकानें या तंबाकू उत्पादों की दुकानें संचालित हैं। उनको अविलंब बंद करवाया जाये। ऐसे ही सभी विद्यालयों की ओर से कुछ न कुछ अलग-अलग मुद्दे रखे गए। जिन्हें रिकॉर्ड में लेते हुए अनुमंडल पदाधिकारी ने सभी को आश्वस्त किया कि उनकी इन शिकायतों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।

कुछ स्कूल संचालकों ने बताया कि उन्हें हर वर्ष फायर, बिल्डिंग और वाटर डिपार्टमेंट से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना पड़ता है। जिसके लिए उन्हें न केवल अनावश्यक बहुत चक्कर लगाने पड़ते हैं। बल्कि उनसे कई बार अवैध राशि के लिए भी प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाया जाता है। इस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि यह मुद्दा वास्तव में गंभीर प्रकृति का है। इस पर वे अपने स्तर से जांच करने का प्रयास करेंगे। विद्यालयों की ओर से यह भी मांग रखी गई कि हाईवे पर जो नए टोल गेट संचालित हुए हैं उनमें विद्यालय की बसों को आवश्यक रियायत प्रदान की जाए। ताकि उसका अतिरिक्त वित्तीय बोझ अभिभावकों पर न पड़े।

सभी ने एसडीओ को आश्वस्त किया कि वे अपने यहां स्कूल बसों में क्षमता से अधिक बच्चों को नहीं बैठाएंगे। इस दौरान आरके पब्लिक स्कूल, शांति निवास, सेंट पॉल एकेडमी, बीएनटी संत मैरी, बीएसकेडी, ज्ञान निकेतन, साउथ पॉइंट, शांतिनिकेतन, ब्राइट फ्यूचर, ईडन गार्डन, सीपी मेमोरियल, सूरत पांडेय आदि सहित तीन दर्जन विद्यालयों से अधिक विद्यालयों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। जिन लोगों ने प्रमुखता से अपने विचार रखे उनमें अलखनाथ पांडेय, उमाकांत तिवारी, मदन केसरी, सिस्टर रेशमा, शांति केरकेट्टा, नारद तिवारी, संजय सोनी, एसएन पाठक, आनंद पाण्डेय, अनिल विश्वकर्मा, चंदन गोंड, नीलेश ठाकुर, दिवाकर सिन्हा आदि शामिल हैं।

इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने सभी निजी विद्यालयों का धन्यवाद करते हुए कहा कि निजी विद्यालय जिला की शिक्षा व्यवस्था में अपना सराहनीय योगदान दे रहे हैं। जिला प्रशासन हर समय उनके साथ खड़ा है। साथ ही अभिभावकों के हित में प्रशासन की विद्यालयों से क्या अपेक्षाएं हैं इसको भी उन्होंने स्पष्ट शब्दों में विद्यालय संचालकों के समक्ष रखा। विद्यालय प्रबंधन से जुड़े लोगों को जिला प्रशासन से क्या शिकायतें या अपेक्षाएं हैं यह जानने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि व्यवहारिक शिकायतों व सुझावों पर अमल करने हेतु आवश्यक प्रशासनिक पहल की जाएगी।

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Ashutosh Ranjan

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