माइनिंग एरिया में बिना पुलिस के छापामारी करने गए थे वनकर्मी
दिवंगत आशुतोष रंजन
वीडियो एडीटर आकाश लोहार
गढ़वा
झारखंड के खनिज संपदा पर हजारों की नजरें गड़ी रहती हैं। लिहाजा यहां खनिजों का अंधाधुंध दोहन जारी रहता है। पहले यह काम चोरी छिपे होता था। अब डंके की चोट पर होता है। इसमें बाधा कई दुखद घटनाओं को जन्म दे चुकी है। प्रस्तुत घटना में भी यही हुआ है। कहां कैसे आइए इस खबर में बताते हैं।
नक्सल इलाके में कार्रवाई करने गई थी वन विभाग की टीम :- नक्सल इलाके में माइनिंग माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के दौरान वन विभाग की टीम पर हमला हुआ है। इस हमले में वन विभाग के पांच कर्मी जख्मी हो गए हैं। सभी के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोट लगी है। सभी को इलाज के लिए पलामू के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद पूरे इलाके में छापेमारी अभियान चलाया गया।
पहले बनाया बंधक और फिर वनकर्मियों के साथ की मारपीट: दरअसल पलामू के छतरपुर थाना क्षेत्र के बसडीहा के वन विभाग की टीम अवैध माइनिंग के खिलाफ शनिवार देर रात कार्रवाई के लिए गई थी। वन विभाग की टीम को माइनिंग माफिया और स्थानीय ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। जिस इलाके में माइनिंग माफियाओं ने वन विभाग की टीम को बंधक बनाया। वह नक्सल इलाका माना जाता है और वह बेहद ही दुरूह इलाका है। बंधक बनाने के बाद वनकर्मियों के साथ मारपीट भी की गई है। जख्मियों में वनपाल सरसीज उरांव, वनरक्षी आशुतोष कुमार, लक्ष्मीकांत पांडेय, पंकज कुमार, वनपाल राकेश रोशन शामिल हैं।
वन विभाग की टीम के साथ नहीं थी पुलिस: घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और वन कर्मियों को बाहर निकाला। कार्रवाई के लिए गई वन विभाग की टीम ने पुलिस को अपने साथ नहीं लिया था। जिस इलाके में वन विभाग के कर्मियों को बंधक बनाया गया था वहां पहुंचने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
घटनास्थल पर छतरपुर एसडीएम और छतरपुर एसडीपीओ भी गए थे। छतरपुर एसडीपीओ अवध कुमार यादव ने सभी वन कर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया। जिस इलाके में माइनिंग माफियाओं ने यह हमला किया है, उसे इलाके में एक महीने पहले प्रशिक्षु आईएफएस के गाड़ी को भी रोका गया था।
“इलाके में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। विभाग के तरफ से कार्रवाई के दौरान पुलिस को जानकारी नहीं दी गई थी। हमला करने वालों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।” -एसपी रीष्मा रमेशन.