घूसखोरी में महिला अधिकारी कर्मचारी का भी बड़ा नाम है झारखंड में
आशुतोष रंजन
गढ़वा
अपना झारखंड किसी मामले में देश के किसी राज्य से कम नहीं है,हर विधा में बेहद मजबूत है अपना राज्य,उसमें भी बात अगर रिश्वतखोरी का हो तो फ़िर इस राज्य के अधिकारी कर्मचारी का क्या कहना,कसक तो इस बात का होता है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड वालों का ध्यान इस मामले को ले कर इस राज्य की ओर क्यों नहीं है,अगर उनकी नज़र इनायत हो जाती तो कब का इस राज्य का नाम इसे ले कर दर्ज़ हो जाता,ख़ैर पहले तक नहीं हुआ तो कोई बात नहीं अभी भी देर नहीं हुई है,आज के इस घूसखोरी की जानकारी के बाद हो जानी चाहिए,क्या है पूरा वाक्या आइए न इस ख़बर की ज़रिए जान लीजिए।
घूसखोरी का किससे ट्रेनिंग ली थीं ये मैडम : – महिलाओं को बेहद भावुक और संवेदनशील कहा जाता है,वो चाहे घरेलू महिला हों या कामकाजी उन्हें किसी काम के प्रति बेहद संजीदा माना जाता है लेकिन किसी सरकारी सेवा में रत किसी महिला अधिकारी और कर्मचारी द्वारा घूसखोरी किए जाने का मामला सामने आता है तो सोचने पर विवश हो जाना पड़ता है,क्योंकि वो भी एक महिला ही हैं लेकिन वो ऐसी कैसे हो गईं,तभी तो मैने शीर्षक लिखा कि आख़िर घूसखोरी का किससे ट्रेनिंग ली थीं ये मैडम,लेकिन फ़िर याद आता है कि वो भी तो इसी राज्य की हैं जहां कई बड़े स्तर की महिला अधिकारी और कर्मचारी द्वारा बड़े स्तर पर घूसखोरी किए जाने का मामला देश ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर ज़ाहिर हो चुका है,ऐसे में एक स्कूल की प्राचार्या द्वारा घूसखोरी किया जाना कौन सी बड़ी बात है,मामला गढ़वा जिले के कांडी प्लस टू विद्यालय का है जहां किसी काम के एवज में प्राचार्या विद्यानी बाखला द्वारा बीस हज़ार घुस की मांग की गई थी,जिससे मांगी गई थी वो बेहद परेशान था,क्योंकि घुस नहीं देने की सूरत में उसे परेशान किया जा रहा था,उसके द्वारा एसबी की टीम से संपर्क साधा गया,उधर एसीबी द्वारा जांच की गई,जांच में सही पाए जाने के बाद आज फील्डिंग लगाई गई,जिसमें प्राचार्या बीस हजार रुपया घुस लेते हुए कैच हो गईं यानी रंगेहाथों गिरफ़्तार कर ली गईं,यहां यह भी बता दें कि एसीबी की प्रमंडलीय टीम द्वारा घूसखोरों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है उसके बाद भी घूसखोर बाज़ नहीं आ रहे हैं,पहले भी आपको कई बार बता चुके हैं एक बार फ़िर वाक़िफ करा दें कि घूसखोरों के विरुद्ध कार्रवाई करने का शतक यानी सौवां गिरफ़्तारी भी एसीबी द्वारा गढ़वा में ही किया गया था।