पारम्परिक ढोल-वादकों को एसडीएम ने आमंत्रित किया कॉफी पर

पारम्परिक ढोल-वादकों को एसडीएम ने आमंत्रित किया कॉफी पर

इस सप्ताह कॉफ़ी विद एसडीएम में होंगे आमंत्रित मेहमान

एसडीएम की यह अभिनव पहल गढ़वा जिला के लिए मील का पत्थर साबित होगा



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा


भारत की जीवंत परंपराओं का परिरक्षण व परिपोषण बहुत बड़ी बात है। और यह काम जब कोई प्रशासनिक पदाधिकारी करता है निश्चित रूप से उनकी गरिमा में चार चांद लग जाती है। कैसे आपको इस खबर में बताते हैं। अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने अपने एक घंटे के नियमित साप्ताहिक कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” में इस सप्ताह अनुमंडल क्षेत्र के वैसे परंपरागत वाद्य कलाकारों को आमंत्रित किया है जो ढोल, नगाड़ा, मांदर आदि को बजाकर अपनी जीविका चलाते आ रहे हैं।

संजय कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहर में भी कई ऐसे परिवार हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी ढोल, नगाड़ा, भांगड़ा आदि के व्यवसाय से अपनी जीविका चला रहे हैं। हालांकि बढ़ती तकनीक के दौर में धीरे-धीरे इनकी मांग घटने से उनकी जीविका पर संकट आ रहा है। ऐसे कलाकारों को उन्होंने अपने यहां आगामी बुधवार को प्रातः 11:00 बजे प्रस्तावित ‘कॉफी विद एसडीएम‘ में आमंत्रित किया है। ताकि उनसे संवाद के क्रम में यह जाना जा सके कि वर्तमान में उनकी क्या समस्याएं हैं तथा उन्हें प्रशासनिक स्तर से किस प्रकार की मदद दी जा सकती है।

उन्होंने अनुमंडल क्षेत्र के परम्परागत वाद्य कलाकारों से अनुरोध किया है कि वे समय निकालकर उपरोक्त कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आगामी बुधवार 2 अप्रैल को अनुमंडल कार्यालय में अवश्य पधारें। ताकि न केवल वे अपनी निजी या सामूहिक समस्याओं एवं शिकायतों को इस अनौपचारिक प्लेटफार्म के माध्यम रचनात्मकता प्रशासन तक पहुंचा सकेंगे। बल्कि वे चाहें तो इस दौरान अपने क्षेत्र की बेहतरी के लिए कुछ रचनात्मक सुझाव भी दे सकेंगे।

इस दौरान विभिन्न जन कल्याणकारी सरकारी योजनाओं के बारे में भी उन्हें विस्तार से बताया जायेगा। संजय कुमार ने बताया कि “कॉफी विद एसडीएम” को शुरू हुये 17 सप्ताह हो चुके हैं। लगातार 17 सप्ताह से चल रहे इस संवाद कार्यक्रम में अब तक समाज के विभिन्न वर्गों को आमंत्रित कर न केवल उनकी समस्याओं को सुना गया बल्कि उनके समाधान की दिशा में भी यथासंभव कार्रवाई की गई। एसडीएम संजय कुमार की यह अभिनव पहल गढ़वा जिला के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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Ashutosh Ranjan

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