जिला पशुपालन विभाग में सरकारी राशि गबन की शिकायत

जिला पशुपालन विभाग में सरकारी राशि गबन की शिकायत

जिप सदस्य रंजनी शर्मा ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

लाभुकों को बिना पशु मुहैया कराए राशि का कर लिया गया घोटाला



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा

महकमा के लोग सरकारी राशि को अपना माल समझकर बेदर्दी से हड़प कर जाते हैं। लेकिन इसकी अन्यत्र भनक लगने पर वही माल मछली के कांटे की तरह हलक में फंस जाता है। तब उनका गोपनीय मामला सार्वजनिक हो जाता है। कहां कैसे क्या हुआ आइए इस खबर के जरिए आपको भी बताते हैं। जिला के भवनाथपुर जिला परिषद सदस्य रंजनी शर्मा ने डीसी को आवेदन सौंपकर जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा सरकारी राशि गबन करने की शिकायत की है। इस संबंध में जिपस शर्मा ने उच्च अधिकारियों की टीम गठित कर जांच कराते हुए कठोर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

रंजनी शर्मा ने डीसी को सौंपे आवेदन में कहा है कि गढ़वा जिला पशुपालन पदाधिकारी एवं वेंडर की मिलीभगत से सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की राशि का फर्जी तरीके से गबन किया जा रहा है। पदाधिकारी की मनमानी के कारण योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लाभुकों को नहीं मिल पा रहा है। इस कारण सरकार का उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है। रंजनी शर्मा ने डीसी से उच्चाधिकारियों की टीम गठित करते हुए विस्तृत जांच कराकर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई करने एवं जरूरतमंद लाभुकों को पूर्ण रूप से लाभ दिलाने की मांग की है। इस संबंध में जिपस शर्मा ने भवनाथ पुर विधायक अनंत प्रताप देव को भी आवेदन सौंपते हुए जांच कराकर कार्रवाई कराने की मांग की है। साथ ही उन्होंने विधायक को बताया कि इस संबंध में पूर्व में मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव आदि को भी अवगत कराया जा चुका है। फिर भी जिला पशुपालन पदाधिकारी के रवैया में कोई सुधार नहीं हुआ है।

क्या है मामला:- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए राज्य मुख्यमंत्री पशु धन योजना की शुरुआत की गई थी। जिस में अनुदान पर किसानों को पशु – गाय, सुअर, कुक्कुट, बैल जैसे पशु भेंडर के मध्यम से अनुदान पर उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया गया था। लेकिन भेंडर पशु पालन विभाग एवं बिचौलिया की मिली भगत से किसी भी किसान को पशु उपलब्ध नही कराया। उक्त योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई। उक्त योजना में संबंधित विभाग, भेंडर एवं बिचौलिया की मिलीभगत से पैसे की बंदर बांट कर ली गयी है। अगर सरकार इस मामले को गंभीरता से जांच करती है तो एक बहुत बड़ा घोटाला उजागर होगा।

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Ashutosh Ranjan

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