तिरंगा लहराते हुए कहा संविधान जिंदाबाद, हिन्दुस्तान जिंदाबाद
वक्फ बोर्ड बिल का किया पुरजोर विरोध
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
गढ़वा : अल्पसंख्यक अधिकार मंच के बैनर तले आज शनिवार को वक्फ अधिनियम 2025 के विरोध में विरोध मार्च निकाला गया। विरोध मार्च में काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया। विरोध मार्च की शुरुआत शहर के ऊचरी रोड स्थित कर्बला के मैदान से की गई। विरोध मार्च में शामिल लोग मझिआंव मोड़, मुख्य पथ तथा रंका मोड़ होते हुए टाउन हॉल के मैदान में पहुंचे। जहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सह पूर्व विधायक मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार को अपनी बहुमत पर इतना गुमान हो गया है कि वह जनता को अपने पैरों तले पीसने व जनता का हक अधिकार लूटने में एक मिनट देर नहीं कर रही है। क्योंकि वह जानती है कि हम जैसे चाहेंगे वैसे काले कानून को पारित करवा लेंगे। लेकिन यह हमारा भारत देश है। भारत में डॉ भीमराव अंबेडकर साहब का संविधान चलता है। वह हमारा सुरक्षा कवच है। यह सुरक्षा कवच हमारा बहुत मजबूत है। अल्पसंख्यक अधिकार मंच के अध्यक्ष शौकत कुरैशी ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार के द्वारा वक्फ अधिनियम 2025 को वापस नहीं लिया जाता है। इसके विरोध में आंदोलन किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा वक्फ ऐक्ट 1995 में बिना मुस्लिम समुदाय के माहिर व मुतवल्ली से मशवरा किए और संशोधित बिल में मुस्लिम समुदाय के समाजिक व धार्मिक संगठन द्वारा जेपीएस को दिए सुझाव को शामिल किए बिना जल्दबाजी में बहुमत के बल पर तानाशाही रवैया अपनाते हुए असंवैधानिक संशोधन कर वक्फ ऐक्ट 2025 बना दिया गया है। जो भारतीय मुसलमानों की धार्मिक स्वायत्तता और मौलिक अधिकार को समाप्त करता है। अंजुमन के जिला सदर मदनी खान ने कहा कि देश एवं झारखंड में जो वक्फ कि सम्पति है। उनमें से अधिकतर मस्जिद, मदरसा, ईदगाह, कब्रिस्तान, मजार, खानकाह, मकबरा, मुसाफिरखाना है। इसके अलावा दुकान-मकान, संस्थान व खेत खलिहान है। जो हमारे पूर्वज द्वारा अपनी निजी जमीन व सम्पति को इस्लामिक परम्परा के अनुसार वक्फ (दान) कर स्थापित किया गया है। बहुत सी जमीनों को राजा महाराजा, नवाब, जमींदार, ओहदार द्वारा भी दिया गया है। इनमें मौखिक और सादे कागज में भी वक्फ (दान) किया गया है। जिसका उपयोग धार्मिक कार्य के तौर पर होता है। केन्द्रीय सरकार को लगता था कि वक्फ सम्पतियों में कब्जा, अतिक्रमण, मनमानी है और आमदनी नहीं है। जिससे गरीब और जरूरतमंद को लाभ नहीं मिल रहा है तो वक्फ ऐक्ट 1995 में बिना संशोधन के भी सुधार किया जा सकता था। चूंकि उसमें ऐसे सभी प्रवाधान हैं।
लेकिन मनमानी कर वक्फ (संशोधित) ऐक्ट 2025 बनाया गया है। इस कानून से बहुत सारे वक्फ सम्पत्तियों को नुकसान हो सकता है। साथ ही अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों, विशेष रूप से अनुच्छेद 14, 25, 26 और 29 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन भी करता है। इस अवसर पर एआईएमआईएम के डॉ एम एन खान, कांग्रेस के ई ओबैदुल्लाह हक अंसारी, झामुमो नेता ताहिर अंसारी, दीपमाला, शरीफ अंसारी, सुनील कुमार गौतम, भीम आर्मी के नान्हू राम आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। ग्रोथ मार्केट के समापन के बाद अल्पसंख्यक अधिकार मंच का एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सोपा


विरोध मार्च में लहराया तिरंगा: विरोध मार्च के दौरान लोग जहां अपने हाथों पर काली पट्टी लगाए हुए थे। वहीं अपने हाथों में तिरंगा झंडा लहरा रहे थे। वहीं नारा भी लगा रहे थे। इस दौरान लोगों ने आवाज दो हम एक हैं, संविधान जिंदाबाद, हिंदुस्तान जिंदाबाद, काला कानून वापस लो आदि नारे लगाए जा रहे थे।