दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
गढ़वा : रेल टिकट घोटाला पकड़े जाने के बाद प्रत्येक 15 दिन में बैंक खाता से डेटा का मिलान किया जा रहा है। प्रत्येक 15 दिनों में रेलवे के अधिकारी बैंकों में जाते हैं और टिकट बिक्री के रकम का सत्यापन करते हैं। रेलवे के धनबाद रेल डिवीजन में पलामू गढ़वा और लातेहार के इलाके में रेल टिकट घोटाला पकड़ा गया था।
रेल टिकट घोटाले के पूरे मामले में अलग-अलग एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। सीटीआई विकास कुमार ने बताया कि प्रत्येक 15 दिनों में बैंक खातों से मिलान किया जा रहा है और निगरानी रखी जा रही है। दरअसल, रेलवे के टिकट बिक्री का पैसा बैंक खातों में जमा होता है। पलामू और गढ़वा के इलाके में रेलवे के टिकट बिक्री के रुपए बैंक में जमा करने के लिए दो अलग-अलग एजेंसी कार्य कर रही है। एजेंसी के लोग स्टेशन से रकम उठाते हैं और रेलवे के बैंक खाता में जमा करते हैं।
एजेंसी ने रकम जमा करवाने के लिए कुछ लोगों को नौकरी पर रखा था। नौकरी पर रखे गए लोगों को बाइकर्स कहा जाता है। यही बाइकर्स टिकट के रकम को लेकर भाग गए हैं। गढ़वा में 2 करोड़ 16 लाख रुपए, रमना में एक लाख रुपए, गढ़वा टाउन में 46 लाख रुपए, लातेहार के बरवाडीह में 90 लाख रुपए और पलामू के डालटनगंज रेलवे स्टेशन पर 12 लाख रुपए का घोटाला बाइकर्स ने किया है। बाइकर्स ने घोटाला के लिए फर्जी बैंक वाउचर भी तैयार किया था। 2023 में रेलवे का इंटरनल ऑडिट में यह घोटाला पकड़ा गया था।