थैंक्यू एसडीएम सर, फोर योर काइंडनेस

थैंक्यू एसडीएम सर, फोर योर काइंडनेस

एसडीओ ने महाविद्यालयों में स्नातक परीक्षाओं का किया निरीक्षण

परीक्षार्थियों को परेशान देख मौके पर बिजली आपूर्ति शुरू करवाई, छात्र बोले थैंक्यू



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा


गढ़वा : मारे गर्मी के पसीने से लथपथ व अंधेरे में आंखें फाड़ फाड़कर लिखने की कोशिश करते हजारों विद्यार्थी। एक ही हॉल में पांच सौ। परीक्षा भी स्कूल की नहीं। बीए, बीएससी व बीकॉम सेमेस्टर वन व थ्री की। 45 डिग्री की गर्मी में उबल रहे छात्र व छात्राओं के मन से निकली आर्त पुकार सुन पहुंच गए कर्तव्यों के धनी दरियादिल अधिकारी गढ़वा एसडीएम संजय कुमार। यह समस्या किसी स्कूल की नहीं गढ़वा जिला के एकमात्र नामी गिरामी व कॉन्सटीट्यूट कॉलेज नामधारी कॉलेज की है। जहां परीक्षा में लाइन तो कट ही गया था। कॉलेज का जेनरेटर भी खराब था। एसडीएम ने तुरंत बिजली विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को लाइन देने को बोला। दो मिनट में बिजली बहाल। छात्रों ने कहा थैंक्यू एसडीएम सर। फोर योर काइंडनेस। नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय से संबद्ध गढ़वा के महाविद्यालयों में मंगलवार से आरंभ हुई बीए, बीएससी, बीकॉम की सेमेस्टर परीक्षाओं के क्रम में विधि व्यवस्था की जांच हेतु गढ़वा सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने नामधारी कॉलेज, सूरत पांडेय डिग्री कॉलेज एवं गोपीनाथ महाविद्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा की गयी तैयारियों, दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की मौजूदगी तथा अन्य एहतियाती मामलों का निरीक्षण किया।

इस दौरान उन्होंने सभी महाविद्यालयों के परिसरों एवं परीक्षा कक्षों का भ्रमण कर चल रही शांतिपूर्ण परीक्षाओं, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था आदि का जायजा लिया। उल्लेखनीय है कि द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं प्रथम पाली में जबकि तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं द्वितीय पाली में हो रही हैं। प्रथम पाली में भूगोल, इतिहास, हिंदी तथा भौतिकी आदि विषयों की परीक्षाएं थीं। उन्होंने सभी केंद्राधीक्षकों को कदाचार मुक्त परीक्षाएं संपन्न करवाने का निर्देश दिया।

परीक्षार्थी हुये खुश: नामधारी कॉलेज में भ्रमण के दौरान एसडीओ ने वहां देखा कि परीक्षा हाल में लगभग 500 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे। किंतु बिजली न होने के कारण अंधेरे और गर्मी से छात्र काफी परेशान थे। जबकि महाविद्यालय का जेनरेटर खराब था। उनकी परेशानी को देखते हुए एसडीओ ने मौके पर ही विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता को बिजली आपूर्ति के लिए कहा। फलस्वरुप अगले दो से तीन मिनट में विद्युत आपूर्ति चालू हो गयी। इससे छात्रों ने राहत की सांस ली। एसडीओ की इस तत्परता पर महाविद्यालय प्रबंधन एवं छात्रों ने उनको धन्यवाद दिया।

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Ashutosh Ranjan

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