तीन अवैध शराब भट्टियों को किया ध्वस्त, डेढ़ क्विंटल से अधिक जावा महुआ और निर्मित शराब की विनष्ट
दुलदुलवा को शराब मुक्त गांव बनाने हेतु प्रशासनिक व सामाजिक पहल जरूरी : एसडीएम
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
गढ़वा : उपायुक्त शेखर जमुआर के निर्देश पर सदर एसडीएम संजय कुमार ने शनिवार को मेराल प्रखंड के दुलदुलवा ग्राम पंचायत क्षेत्र का औचक भ्रमण किया। उन्हें कुछ समय से इस क्षेत्र में देशी शराब के अवैध कारोबार की शिकायतें मिल रहीं थीं। इस पर उन्होंने आज औचक छापेमारी की। सर्वप्रथम उन्होंने पंचायत भवन में मुखिया, वार्ड सदस्यों, पंचायत स्तरीय कर्मियों के अलावा स्थानीय ग्रामीणों के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। इसी समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने गांव को शराब मुक्त बनाने की दिशा में समन्वित प्रयास करने का निर्देश दिया। हालांकि पंचायत में मौजूद लोगों ने दबे स्वर में यह कहना चाहा कि यहां शराब का कारोबार घर-घर तक पहुंच गया है। इसलिए अब उस पर नकल कसना इतना आसान भी नहीं है। संजय कुमार ने सभी से पूछा कि कम से कम कुछ गोपनीय सूत्र, सूचना या जानकारी उपलब्ध करायी जाए। ताकि वे जरूरी कार्रवाई कर सकें। किंतु जब किसी ने भी कोई सूचना या जानकारी उपलब्ध कराने में कोई सहयोग नहीं किया तो एसडीएम स्वयं दुलदुलवा के जंगलों की ओर अकेले ही निकल गए।
तीन अवैध भट्टियां ध्वस्त, डेढ़ क्विंटल से अधिक जावा महुआ नष्ट: एसडीम ने दुलदुलवा के जंगल के बाहर अपने वाहन को रोककर जंगल के अंदर पैदल चलते हुए ही लगभग 2 घंटे सर्च अभियान चलाया। जिसमें तीन अवैध भट्टियां मिलीं। इन सभी को उन्होंने मौके पर ही अपने सुरक्षा कर्मियों की मदद से ध्वस्त कर दिया। इन तीनों अवैध शराब भट्टियों में से दो भट्ठियों में आग लगी हुई मिली अर्थात उनमें शराब निर्माण का काम मौके पर जारी था। भट्ठियों को तोड़ने के साथ-साथ वहां पर मौजूद लगभग डेढ़ क्विंटल जावा महुआ को बहा दिया गया व आसपास पड़े सभी बर्तनों और अन्य सामग्रियों को भी विनष्ट कर दिया गया। संभवत: एसडीएम के आने की भनक लगते ही भट्ठियों के संचालक वहां से भाग खड़े हुए होंगे। इसलिए मौके पर कोई नही मिला।



तैयार शराब भी बरामद: सर्च अभियान के दौरान किसी वाहन के ट्यूब में लगभग 20 लीटर निर्मित शराब मिली। जिसे मौके पर ही बहाते हुए ट्यूब को फाड़ कर फेंक दिया गया।
गांव में स्थानीय बुजुर्गों और बच्चों के साथ की बैठक: जंगल से लौटने के बाद संजय कुमार ने पूरे दुलदुलवा गांव में एक-एक गली का भ्रमण किया तथा इस दौरान स्थानीय बुजुर्गों, महिलाओं एवं बच्चों को विशेष रूप से समझाया गया। उन्होंने सभी से कहा कि आज गढ़वा क्षेत्र में दुलदुलवा गांव का नाम शराबखोरी के लिए आम चर्चा का विषय बन गया है। यह उस गांव के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि गांव से नशाखोरी को समूल नष्ट किया जा सकता है। अगर वहां के बुजुर्ग, छोटे बच्चे और महिलाएं इसके विरोध में कमर कस लें। उन्होंने बुजुर्गों और बच्चों से कहा कि वे अपने घर के उन सदस्यों को इस बात के लिए मनोवैज्ञानिक दबाव बनाएं कि वे लोग जो काम कर रहे हैं वह अनैतिक है, समाज के लिए अहितकर है। चूंकि उनके इस अवैध कारोबार के चलते आसपास के पूरे क्षेत्र में विधि व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। इसलिए उन पर कभी भी बड़ी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इसलिए वे इसे धंधे को छोड़ने के लिए अपने परिजनों को जरूर प्रेरित करें। उन्होंने महिला समूह से जुड़ी महिला सदस्यों से भी अपील की कि वे न केवल जागरूकता अभियान चलाएं बल्कि गांव में हो रहे अवैध शराब के निर्माण की गोपनीय सूचना प्रशासन को दें।
पुलिस एवं उत्पाद विभाग को होना होगा अधिक सक्रिय: अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि छापेमारी और क्षेत्र भ्रमण के क्रम में जो जानकारियां मिलीं उसके अनुसार उत्पाद विभाग और स्थानीय पुलिस को इस क्षेत्र में कहीं अधिक सक्रिय होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उक्त दोनों विभागों के साथ साथ वरीय पदाधिकारियों को भी सूचित किया जा रहा है।

