अवैध शराब को लेकर एसडीएम की पहल के समर्थन में आई गांव की महिलाएं
गांव में शराब खोरी के चलते झेल रहीं पीड़ा को एसडीएम के सामने किया बयां
अवैध शराब जैसी बुराई के खिलाफ आवाज उठायें मातायें-बहनें : एसडीएम
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
गढ़वा : अपने बहुआयामी व्यक्तित्व के कारण सदर एसडीएम को प्रशासनिक डॉक्टर कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। कहा भी क्यों नहीं जाए अभी उन्होंने समाज की सबसे बड़ी बीमारी शराबखोरी रूपी कैंसर के ऊपर ऑपरेशन के लिए अपना नश्तर लग दिया है। मैंने पहले भी कहां है कि अवैध शराब का मायका एवं ससुराल दुलदुलवा गांव से यह कैंसर अगर दूर हो गया तो प्रशासनिक डॉक्टर संजय कुमार का नाम सुदूर देशों तक प्रसिद्ध हो जाएगा। कहां और कैसे आइए इस खास खबर के जरिए आपको भी बताते हैं :- अपने नियमित साप्ताहिक कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” के क्रम में बुधवार को सदर एसडीएम संजय कुमार ने मेराल प्रखंड के दुलदुलवा गांव की गृहणियों के साथ संवाद किया। संजय कुमार के आमंत्रण पर इस गांव की लगभग 30 महिलाएं आज बुधवार को कॉफी संवाद में भाग लेने अनुमंडल कार्यालय पहुंची हुई थीं।
बताई पीड़ा, रखे सुझाव: अनुमंडल कार्यालय पहुंची दुलदुलवा गांव की महिलाओं ने गांव में फैले अवैध शराब के दुष्परिणामों को लेकर रोज झेल रहीं समस्याओं संबंधी अपनी पीड़ा एसडीएम के समक्ष व्यक्त की। साथ ही इस नशाखोरी के धंधे से गांव को कैसे निजात दिलाई जाए इसको लेकर अपने-अपने सुझाव भी दिए।
नशे के खिलाफ महिलाएं दिखाएं एक जुटता: गांव में कार्यरत शिव गुरु आजीविका सखी मंडल की अध्यक्ष लीलावती देवी ने कहा कि यदि गांव की सभी महिलाएं नशाखोरी के खिलाफ एकजुटता दिखाएं तो गांव में बदलाव जरूर आएगा। उन्होंने एसडीएम के साथ-साथ जेएसएलपीएस के डीपीएम से भी अनुरोध किया कि महिलाओं को नशा के विरुद्ध जागरूकता वाले बैनर, पोस्टर आदि मिल जाएं तो वे गांव में अवैध शराब के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाएंगी। उन्होंने कहा कि पहले उनके पति भी नशे में आकंठ डूबे हुए थे। किंतु उन्होंने पति का नशा छुड़वाने के लिए लंबा संघर्ष किया और अंत में अपने पति को नशा मुक्त करवाया।
गांव में शराब बनाने वालों से ज्यादा पीने वाले: दुलदुलवा की सावित्री देवी ने कहा कि गांव में शराब बनाने वालों से ज्यादा संख्या पीने वालों की है। प्रतिदिन वहां शाम का माहौल बहुत ही खराब हो जकरवाया। जिससे बहन बेटियों के लिए बड़ी खराब स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसलिए वे गांव में किसी भी प्रकार की नशाखोरी के विरुद्ध हैं।
शराबी रिश्तेदारों के लिए भी पसंदीदा है उनका गांव: कुछ महिलाओं ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि उनके ऐसे रिश्तेदार जो शराबी प्रकृति के हैं। वे इस गांव में ज्यादा देर रुकना पसंद करते हैं। क्योंकि उनको यहां पर आसानी से शराब मिल जाती है। उन रिश्तेदारों के चक्कर में वे न केवल परेशान होती है बल्कि उनकी भी छवि खराब होती है। इसलिए वे सब चाहती हैं कि उनके गांव से अवैध शराब का धंधा खत्म हो। अनीता देवी ने कहा कि उनके गांव आने वाली बारातों में बारातियों की संख्या ज्यादा होती है, क्योंकि यहां पर सभी का स्वागत प्रायः यहीं पर बनी हुई शराब से किया जाता है।
अवैध दारू में मिलाते हैं जहरीले केमिकल: गांव की सीमा देवी एवं अन्य महिलाएं बताती हैं कि जो गांव में अवैध शराब बनती है उसमें शराब के अलावा कई प्रकार के जहरीले कैमिकल मिलाए जाते हैं। जो कि इंसान के लिए जानलेवा हैं। इन सभी ने एसडीएम को उनके गांव पर ध्यान देने के लिए साधुवाद दिया। साथ ही अनुरोध किया कि वे इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई करें। ताकि गांव के लोग शराब की गिरफ्त में आकर अकाल मौत मरने से बच जायें।
एक बार नहीं, लगातार कार्रवाई हो: गांव की किरण देवी ने कहा कि हाल ही में एसडीम संजय कुमार के द्वारा अवैध भट्टियों को तोड़ा गया। यह तारीफ योग्य कदम है। इससे गांव के शराब माफिया में डर का माहौल बना है। यह पहला मौका है जब किसी एसडीएम ने इस दिशा में खुद अगुवाई की हो। किंतु उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई एक बार होने से कुछ नहीं होगा। इस प्रकार की कार्रवाई अलग-अलग स्तर से लगातार होते रहना चाहिए। ताकि लोग इस अवैध व्यवसाय का फिर से दुस्साहस न कर पाएं।
शराबखोरी को लेकर जागरूकता गीत सुनाया: गांव की ही सीमा देवी ने कार्यक्रम में सभी के बीच जागरूकता गीत “नशा न करना, मान लो कहना, मेरे भाई बहना” सुनाया। साथ ही उन्होंने जिले के अधिकारियों से मार्मिक अपील की कि वे दुलदुलवा गांव को अवैध शराब की गिरफ्त से बाहर निकालने में ईमानदारी से प्रयास करें।
डरावनी होती है रात: कुछ महिलाओं ने कहा कि न केवल उनके पड़ोसी शराब पीकर हो हल्ला करते हैं बल्कि उनके पति भी शराब के नशे में कब क्या बोल दें वे सशंकित रहतीकरें। इसलिए शाम को जब उनके पति नशा कर के घर लौटते हैं तो वे उनसे बात नहीं करती हैं। क्योंकि वे डरती हैं कि कहीं उनका पति नाहक गुस्सा होकर मारपीट न कर दे। इसलिए उनकी रात डर के माहौल में निकलती है। उन्होने बताया कि जब उन्हें अपने पति से कुछ जरूरी बात करनी होती है तो वे इसके लिए सुबह तक नशा उतरने का इंतजार करती हैं।



अवैध शराब का विरोध करने का लिया संकल्प: कार्यक्रम में मौजूद दुलदुलवा गांव की इन माताओं-बहनों ने एकजुटता के साथ संकल्प लिया कि वे अब आवाज उठायेंगी। वे अपने गांव तथा आने वाली पीढ़ियों की भलाई के लिए मुखर स्वर में अवैध शराब निर्माण का विरोध करेंहैं। भले ही उनके अपने परिजन ही क्यों न शराब बना रहे हों। बैठक में कई महिलाओं ने कहा कि अगर ऐसा ही माहौल कुछ दिन और रहा तो वह दिन दूर नहीं जब यहां के शत प्रतिशत घर अवैध शराब निर्माण के काम में लग जाएंगे। आने वाले समय में कोई इस गांव में अपने बेटी बेटा ब्याहना नहीं चाहेगा।
एसडीएम ने सभी को उपलब्ध कराया अपना नंबर: कार्यक्रम में पहुंचीं कुछ महिलाओं ने आशंका व्यक्त की कि चूंकि वे अवैध शराब माफिया के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए यहां आई हैं। इसलिए हो सकता है कि गांव या उनके घर के लोग उन्हें डांट फटकार करें। इस पर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने उपस्थित सभी महिलाओं को अपना नंबर उपलब्ध कराते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि यदि कोई भी उन्हें कुछ कहता है तो वे सीधे उनसे संपर्क करके बताएंगी। उनकी पहचान गोपनीय रखते हुए संबंधित शराब माफिया को कठोरता से दंडित किया जाएगा।
जेएसएलपीएस की महिलाएं थामेंगी बदलाव की मशाल: कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मौजूद जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला ने अनुमंडल पदाधिकारी को आश्वस्त किया कि उनके संगठन से जुड़ी महिला सहायता समूहों की सदस्य महिलाएं गांव में अवैध शराब के विरुद्ध माहौल बनाने के लिए एम्बैसडर का काम करेंगी। वे इस जागरूकता कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए गांव को नशा मुक्त बनाने में अपनी भूमिका निभाएंगे।
विचार रखे: इस कॉफी संवाद में दुलदुलवा गांव की रेखा देवी, लीलावती देवी, पूजा देवी, सावित्री देवी, अनीता देवी, मंजू देवी, नीलू देवी, सरिता देवी, उर्मिला देवी, सीमा देवी, गुड़िया देवी, सुनैना देवी, सोनम देवी, सुषमा देवी, ज्ञानती देवी, अमिता देवी, जीरा देवी, संगीता देवी ,अजरुन्निशा, किरण देवी, शबनम आरा आदि ने अपने सुझाव रखे।