बलियारी पंचायत की मुखिया चंदा देवी के निलंबन व वित्तीय अधिकार जब्त करने की अनुशंसा

बलियारी पंचायत की मुखिया चंदा देवी के निलंबन व वित्तीय अधिकार जब्त करने की अनुशंसा

कई योजनाओं में बिना काम किए पैसा निकासी का आरोप हुआ सिद्ध

एसडीओ ने जांच कर रिपोर्ट किया समर्पित



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा


बिंदास न्यूज, गढ़वा : दण्डाधिकारी-सह-उपायुक्त शेखर जमुआर ने काण्डी प्रखण्ड के ग्राम पंचायत बलियारी की मुखिया चंदा देवी को निलंबित करने की अनुशंसा पंचायती राज विभाग से की है। उनके विरूद्ध 15वें वित्त आयोग अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में वित्तीय अनियमितता बरतते हुए सरकारी राशि के दुरुपयोग करने का आरोप है। मुखिया चंदा देवी की वित्तीय शक्ति भी जब्त करने की कार्रवाई की गई है। अनुमण्डल पदाधिकारी गढ़वा द्वारा जाँचोपरांत 3 वर्ष पूर्व बनी नाली की मरम्मति कार्य में अनियमितता बरते जाने की बात सामने आई है। वहीं डस्टबीन खरीद में 40 डस्टबीन का पैसा निकासी किया गया। जबकि स्थल पर मात्र 25 डस्टबीन ही पाया गया। डस्टबीन खरीदने में एक लाख 50 हजार रूपये की फर्जी निकासी की बात भी सामने आई। इसके अतिरिक्त पंचायत में मात्र 15 सिमेन्टेड कुर्सी क्रय कर 25 सिमेन्टेड कुर्सी का बिल बनाकर 2 लाख रूपये का फर्जी निकासी की गई। वहीं 20 चापाकल मरम्मति के नाम पर 2 लाख रूपये की निकासी की गई। जबकि जाँच के क्रम में ज्ञात हुआ कि एक भी चापाकल की मरम्मति हुई ही नहीं है। साथ ही जलमीनार मरम्मति के नाम पर भी 2 लाख की निकासी कर ली गई है और एक भी जलमीनार की मरम्मति नहीं करायी गयी। इस प्रकार अनुमण्डल पदाधिकारी, गढ़वा की अध्यक्षता में गठित जाँच दल द्वारा 15वें वित्त की राशि का दुरूपयोग करने के कारण बलियारी पंचायत की मुखिया चंदा देवी एवं पंचायत सचिव राजेन्द्र राम से स्पष्टीकरण की मांग की गई। जिनका जवाब असंतोषजनक पाया गया। मुखिया की वित्तीय शक्ति जब्त करने के साथ ही दोषी पंचायत सचिव राजेन्द्र राम के विरूद्ध आरोप-पत्र गठित करते हुए विभागीय कार्रवाई के संचालन करने का भी आदेश दिया गया।

उपायुक्त शेखर जमुआर ने बताया कि 15वें वित्त सहित पंचायत में जो भी सरकारी राशि खर्च हो रही है। उसमें वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। पंचायत में खर्च हो रही राशि पर विशेष ध्यान रखें ताकि जनहित की योजना में खर्च होनेवाली राशि का किसी भी परिस्थिति में गलत इस्तेमाल न होने पाए। सरकारी राशि में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी एवं दोषियों के विरुद्ध कड़ी-से-कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एक और जांच है अपेक्षित: इस के साथ साथ इस तरह की पंचायतों में जितनी योजनाएं कार्यान्वित की गई हैं और बिना काम किए पैसा निकासी का आरोप सिद्ध हुआ है। उनके विषय में सक्षम एजेंसी के द्वारा मुखिया से तहकीकात की जाए तो एक अन्य गंभीर मामला सिद्ध हो जाएगा। संबंधित योजनाओं के संबंध में जानकारी एवं कार्य स्थल की अवस्थिति के विषय में ही औचक पूछताछ की जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि ओरिजिनल मुखिया को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। यह बात अलग है कि कानून के शिकंजे में मुखिया ही फंसी हुई हैं। हालांकि अभी सर्व विदित है कि इस तरह की पंचायतों में ओरिजिनल मुखिया के द्वारा नहीं बल्कि शैडो मुखिया के द्वारा योजना के कार्यान्वयन के साथ-साथ सभी कार्य किए जाते हैं। इतना ही नहीं तमाम अभिलेख व पंजी से लेकर कैशबुक चेक बुक तक हस्ताक्षर विशेषज्ञ से जांच कराई जाए तो वह भी बहुत संभव है कि फर्जी पाया जाएगा। यह एक नहीं बल्कि राज्य स्तर पर अनेक पंचायतों का मामला होगा।

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Ashutosh Ranjan

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