वज्रपात की चपेट में आकर चार बच्चियां घायल, एक गंभीर
48 घंटे पहले ही मेराल में बिजली गिरने से तीन की हुई थी मौत
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा : आज फिर जिला मुख्यालय के पड़ोस में आसमानी आफत कहर बनकर टूटी। जिसकी चपेट में 4 बच्चियां आ गईं। उनमें से एक की हालत नाजुक है। गढ़वा सदर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव में बुधवार दोपहर बारिश के साथ अचानक वज्रपात की घटना ने गांव में हड़कंप मचा दिया। इस हृदय विदारक घटना में गांव की चार मासूम बच्चियां गंभीर रूप से घायल हो गईं। सभी बच्चियों को आनन-फानन गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज जारी है। घायलों में एक बच्ची की हालत अत्यंत चिंताजनक बताई जा रही है।
घायल बच्चियों की पहचान कल्याणपुर गांव निवासी अंतू विश्वकर्मा की 7 वर्षीय पुत्री सुमन कुमारी, सुनील विश्वकर्मा की 6 वर्षीय पुत्री रूपा कुमारी, 10 वर्षीय रेणु कुमारी और 12 वर्षीय रूबी कुमारी व दिनेश मेहता का पुत्र आर्यन कुमार 8 वर्ष के रूप में की गई। बताया जा रहा है कि ये सभी बच्चियां गांव से लगभग 200 मीटर की दूरी पर स्थित एक पुराने पीपल के पेड़ के नीचे खेल रही थीं। मौसम में अचानक बदलाव हुआ और तेज बारिश के साथ जोरदार गरज-चमक शुरू हो गई। इसी दौरान अचानक बिजली गिरने की घटना घटी। जिसकी चपेट में ये चारों बच्चियां आ गईं।


वज्रपात के तेज प्रभाव से चारों बच्चियां बेहोश होकर गिर पड़ीं। स्थानीय लोगों ने तत्काल दौड़कर उन्हें उठाया और परिजनों की मदद से इलाज के लिए गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों के अनुसार चारों बच्चियों को प्राथमिक उपचार दिया गया है। परंतु 10 वर्षीय रेणु कुमारी की हालत गंभीर बनी हुई है और उसे विशेष निगरानी में रखा गया है।
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस दल भी अस्पताल पहुंच गई। उन्होंने भी स्थिति का जायजा लिया। इधर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग भी इस घटना से स्तब्ध और भयभीत हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और बेहतर इलाज की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए।


यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि मानसून के मौसम में वज्रपात कितना घातक हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के दौरान खुले स्थानों, विशेषकर पेड़ों के नीचे खड़े होने से एकदम बचना चाहिए। मात्र 48 घंटे पहले ही मेराल में वज्रपात से तीन लोगों की मौत हो गई थी। ऐसी हालत में मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी को लेकर वज्रपात से बचाव को लेकर विशेष रूप से गावों में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए।