‘कॉफ़ी विद एसडीएम’

‘कॉफ़ी विद एसडीएम’

स्वच्छता कर्मियों के स्वागत में मेजबान बने एसडीएम

कॉफी टेबल पर स्वच्छता कर्मियों से एसडीएम ने किया संवाद

‘स्वच्छ गढ़वा, सुंदर गढ़वा’ की इमारत में नींव के पत्थर हैं स्वच्छता कर्मी : एसडीएम

75 स्वच्छता कर्मी भाई-बहनों को अंग वस्त्र प्रदान कर एसडीएम ने किया सम्मानित



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा


बिंदास न्यूज, गढ़वा: गली से गांव व दरवाजा से मकान के रख रखाव का संपूर्ण अनुमान लग जाता है। मतलब सफाई से है। नींव का पत्थर किसी को दिखता नहीं लेकिन इमारत का वजूद उसी पर निर्भर है। तो आज अपने अनूठे आयोजन के प्रतिभागियों के चयन के सरताज पदाधिकारी एसडीएम संजय कुमार ने शहर के स्वरूप को सुघड़ बनानेवालों को आमंत्रित करके नींव के पत्थर को सम्मान दिया है। वह कैसे आइए आपको भी इस खबर के जरिए बताते हैं। सदर एसडीएम संजय कुमार ने अपने एक घंटे के नियमित साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” में गढ़वा जिले के स्वच्छता कर्मियों को बुधवार को अपने यहां कॉफी पर आमंत्रित किया था। उनके इस आमंत्रण पर गढ़वा एवं मझिआंव क्षेत्र के 75 स्वच्छता कर्मी भाई-बहनों ने संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। एक घंटे से अधिक चले इस अनौपचारिक संवाद कार्यक्रम में अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने न केवल स्वच्छता कर्मियों से उनकी समस्याएं जानीं, शहर के विकास में उनके सुझाव लिए, बल्कि उनके योगदान को रेखांकित करते हुए अंग वस्त्र प्रदान कर सार्वजनिक रूप से सभी को सम्मानित भी किया।

रखीं समस्याएं, दिए सुझाव: आमंत्रित सदस्यों ने अपनी निजी समस्याओं जैसे राशन कार्ड, आवास योजना, आयुष्मान कार्ड, घर के बुजुर्गों की पेंशन आदि जैसे मुद्दों से जुड़ी शिकायतें और समस्याएं रखीं। जिन्हें एसडीएम ने एक-एक कर नोट किया तथा सभी को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं के निस्तारण की दिशा में संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों ने शहर की बेहतरी को लेकर कई सकारात्मक सुझाव भी दिये।

समय से मानदेय भुगतान हो: मझिआंव नगर पंचायत से पहुंचे स्वच्छता कर्मियों में से समुद्री देवी, शकुंतला देवी, अरुण कुमार, राकेश कुमार, बबलू राम, गोविंदा तथा विकास कुमार आदि ने कहा कि उन लोगों को समय से मासिक मजदूरी नहीं मिल पाती है। कई महीनों के बकाया होने के उपरांत एक-एक महीने की मजदूरी मिलती है। उन्हें हर माह ससमय मजदूरी मिले। इसी प्रकार गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र के स्वच्छता कर्मचारी जितेंद्र राम, राजू राम, जगन राम आदि ने वेतन वृद्धि एवं उनके स्थाईकरण की दिशा में आवश्यक कदम उठाने हेतु पहल करने का अनुरोध किया।

ज्यादातर ने बतायी आवास की जरूरत: ज्यादातर स्वच्छता कर्मियों ने अपने परिवार के लिए आवास मुहैया करवाने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि गढ़वा के ज्यादातर स्वच्छता कर्मी टंडवा के स्वीपर मोहल्ला जिसे अब विवेकानंद कॉलोनी के नाम से जाना जाता है वहां रहते हैं। नदी किनारे बसी इस स्लम बस्ती में लोगों ने झोंपड़ी नुमा घर तो बना लिया है। लेकिन उन लोगों के पास इसका मालिकाना हक या रसीद आदि नहीं है। इसलिए उनको प्रधानमंत्री सआवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस सदिशा में उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी से अनुरोध किया कि वे स्लम विकास परियोजना के तहत उनका आवास बनवाने की दिशा में आवश्यक पहल कर सकते हैं। सोनवा देवी, शीला देवी, रीता देवी आदि ने कहा कि उन्हें जो तनख्वाह मिल रही है उससे उनका भरण पोषण तो हो जाता है। किंतु आवास की समस्या बरकरार है। इसलिए अनुमंडल एवं जिला प्रशासन उन्हें आवास देने पर ज्यादा ध्यान देते हुये कोई सार्थक पहल करे।

कम आय में बच्चों को पढ़ाना मुश्किल: टंडवा की सुमन देवी एवं कुछ अन्य महिलाकर्मियों ने कहा कि उन्हें लगातार काम करने के बदले जो मासिक मजदूरी मिलती है उसके बलबूते वे अपने बच्चों को पढ़ा लिखा नहीं सकतीं। इस पर संजय कुमार की ओर से सभी को बताया गया कि सरकारी विद्यालयों में किसी प्रकार की फीस नहीं ली जाती है। बल्कि छात्रवृत्ति, पुस्तकें, ड्रेस, बैग, मध्यान्ह भोजन आदि की सुविधा सरकार की ओर से दी जाती है। इसलिए उन्हें उनके बच्चों की पढ़ाई में उनकी कम आय कभी बाधा नहीं बनेगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि उनके बच्चों को पढ़ने में कोई दिक्कत आती है तो वे उनसे बताएं वे बच्चियों का कस्तूरबा विद्यालयों में एवं बच्चों का आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिलवाने के लिए नियमानुसार समन्वयात्मक सहयोग कर सकते हैं। सभी को बताया गया कि उच्च शिक्षा और विभिन्न कोचिंग के लिए भी पात्र कोटि के परिवारों के बच्चों की मदद के लिए कई सरकारी कल्याणकारी योजनाएं हैं।

नागरिक सुविधाओं को लेकर रखी मांग: स्वच्छता कर्मियों ने एकजुटता से कहा कि उनकी बस्ती में भी नाली, सड़क, पाइप लाइन, जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट आदि की सुविधा मिले। राजूराम और जगन राम ने कहा कि उनके मोहल्ले में सप्लाई के पानी का पाइप बिछा दिया गया है। किंतु कनेक्शन इसलिए नहीं मिला है क्योंकि उनके पास केवाला या रसीद आदि दिखाने को नहीं है। इस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने आवश्यक मदद का भरोसा दिलाया।

सफाई कर्मियों के लिए गर्व का पल: स्वच्छता निरीक्षक रामानुज प्रसाद ने कहा कि यह गढ़वा जिले के सफाई कर्मियों के लिए पहला अवसर है। जब किसी पदाधिकारी ने उन्हें अपने कार्यालय में आदर सहित कॉफी पीने के लिए आमंत्रित किया हो। इतना ही नहीं एसडीएम जैसे वरीय पदाधिकारी ने इन स्वच्छता कर्मी भाई-बहनों को अपनी जैसी कुर्सी पर अपने बगल में बैठा कर जिस प्यार से संवाद किया। इससे सभी सफाई कर्मियों का मनोबल बढ़ा है। यह जिले के सभी सफाई कर्मियों के लिए गर्व की बात है।

नागरिकों से भी सहयोग की अपेक्षा: स्वच्छता कर्मियों ने एसडीएम के समक्ष अपनी पीड़ा भी बताई। उन्होंने कहा कि वे जिस निष्ठा के साथ शहर की गली-गली में साफ सफाई सुनिश्चित करते हैं उसके बदले में नागरिकों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता है। कुछ कर्मी बताते हैं कि वे अपने कार्यक्षेत्र के नागरिकों को समझा समझा कर परेशान हो गए कि वे यत्र तत्र कूड़ा ना फेंकें। किंतु सफाई करने के तुरंत बाद ही लोग फिर उसी जगह कूड़ा फेंक देते हैं जहां डालने से मना किया जाता है। इस पर संजय कुमार ने शहर के सभी नागरिकों से अनुरोध किया कि वे शहर की स्वच्छता बनाए रखने में सफाई कर्मियों का नैतिक सहयोग करें। कूड़ा सही तरीके से सौंपें और यत्र तत्र कूड़ा ना फैलाएं।

विधि व्यवस्था से जुड़े मामलों की दें गोपनीय सूचना: एसडीएम ने सभी स्वच्छता कर्मियों से अपील की कि चूंकि वे नित्य प्रतिदिन हर गली मोहल्ले तक पहुंच रखते हैं। इसलिए उनको प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस बात की जानकारी होती है कि शहर में कहां पर संवेदनशील या आपत्तिजनक गतिविधियां चलती हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक हित में ऐसी गोपनीय सूचनाओं को उन तक पहुंचाएं। ताकि अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि सूचना देने वालों कर्मियों के नाम पूरी तरह गोपनीय रखे जाएंगे।

नींव की पत्थर हैं सफाईकर्मी : एसडीएम: संजय कुमार ने कहा कि गढ़वा ही नहीं बल्कि किसी भी शहर या रिहायशी क्षेत्र के लिए वहां के स्वच्छता कर्मी गुमनामी में रहते हुए प्रतिदिन अपना सश्रम योगदान देते हैं। उन्हें न अपने नाम या पहचान की अपेक्षा होती है और न ही किसी तारीफ की। किंतु फिर भी वे उस महत्वपूर्ण काम को नियमित रूप से करते हैं जिसे सामान्यतः कोई अन्य नागरिक एक दिन भी ढंग से नहीं कर सकता है। इसलिए ‘स्वच्छ गढ़वा और सुंदर गढ़वा’ की इमारत में नीव के पत्थर हैं यहां के स्वच्छता कर्मी।

अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया: अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा सभी स्वच्छता कर्मियों के प्रति सम्मान एवं कृतज्ञता प्रकट करते हुए उनके योगदान की सराहना की गई। साथ ही सभी को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

मौजूद थे: इस दौरान रामानुज प्रसाद, विजयपाल, मदन कुमार, अमित कुमार, जितेंद्र राम, अजय कुमार, पवन कुमार, अमन कुमार, करण राम, जगन राम, बसंती देवी, फूला देवी, रूबी देवी, रानी देवी, चमेला देवी, रीता देवी, बिजली कुमारी, सोनू राम, सरयू राम, कमलेश प्रजापति, दीपक राम, बबलू राम, चंदन राम, मुन्ना कुमार, मीरा देवी, उर्मिला देवी, सुमित्रा देवी, नंदिनी, सोनवा देवी, शीला देवी, पूजा देवी, ज्योति कुमारी, मधु ममता, राजू, धीरज आदि कुल 75 स्वच्छता कर्मचारी मौजूद थे।

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Ashutosh Ranjan

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