भ्रष्टाचार की नई पटकथा : 6 महीने में 6 गंभीर आरोप

भ्रष्टाचार की नई पटकथा : 6 महीने में 6 गंभीर आरोप

झामुमो ने जारी किया विधायक का रिपोर्ट कार्ड

छह महीनों का चिट्ठा : विकास नहीं, भ्रष्टाचार की गाथा

सत्तापक्ष ने पहली बार जारी किया विपक्षी नेता का रिपोर्ट कार्ड



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा


बिंदास न्यूज, गढ़वा : झारखंड के गढ़वा जिले में राजनीति के गलियारों में इन दिनों भूचाल आया हुआ है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने स्थानीय विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और जनविरोधी कार्यशैली के गंभीर आरोप लगाए हैं। शुक्रवार को शहर के घंटाघर चौक पर झामुमो द्वारा “लापता विधायक खोजो” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें आमजनों के बीच पर्चे बांटे गए और विधायक के छह महीने के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया।

कार्यक्रम में झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य धीरज दुबे ने कहा गढ़वा की जनता ने विश्वास के साथ वोट दिया था। लेकिन विधायक ने जनता के भरोसे को ठगने का काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक के इशारे पर अधिकारी वर्ग पर योजनाओं में लूट और कमीशनखोरी में सहयोग करने का दबाव बनाया जा रहा है। यह पूरी प्रणाली एक सुनियोजित भ्रष्टाचार का हिस्सा प्रतीत होती है। जहां कुछ करीबी लोग योजनाओं से अवैध वसूली कर विधायक तक पहुंचा रहे हैं।

झामुमो ने अपने आरोपों को छह बिंदुओं में बांटते हुए कहा कि ये छह महीने विकास के नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के छह अध्याय बन गए हैं। जिसमे कमीशनखोरी और रिश्वतखोरी का बोलबाला सरकारी योजनाओं में ठेकेदारों से मोटा कमीशन मांगा जा रहा है। जो इन्कार करता है, उसे खुलेआम गाली-गलौज और अपशब्द कहे जाते हैं तथा धमकाया जाता है। भाई-भतीजावाद का राज हो गया है। विधायक के करीबी रिश्तेदारों को योजनाओं का ठेका दिया जा रहा है और उन्हें विशेष लाभ पहुँचाया जा रहा है। अलकतरा घोटाले की पुनरावृत्ति, विधायक कोटा से जनहित की उपेक्षा हो रही है।

जनता से दूरी : विधायक न आमजन की समस्याओं में साथ खड़े हो रहे हैं न ही किसी सामाजिक कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। शिकायत है कि निमंत्रण और सहयोग जाति और औकात देखकर दिया जा रहा है। गरीब और निचले तबके के सुख-दुख में जाना विधायक को रास नहीं आता। वह माफिया और पैसे वालों के घर ही नेवता पुराने जाना पसंद करते हैं।

कार्यकर्ताओं की उपेक्षा : पहले जो कार्यकर्ता विधायक के समर्थन में खड़े थे अब वही नाराज़ हैं। क्योंकि चुनाव जीतने के बाद विधायक ने उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया।

धीरज दुबे ने कहा कि विधायक ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि “जो दस साल किया था वही करूंगा। लेकिन जनता पूछ रही है कि उन दस सालों में उन्होंने आखिर किया क्या? जो आज स्थिति यह है कि विधायक के खिलाफ उनकी ही पार्टी और सहयोगी संगठन के कार्यकर्ता भी सवाल उठा रहे हैं। क्या यह कार्यकाल भी लूट-खसोट एवं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा? यही स्थिति रही तो गढ़वा विधानसभा पुनः 20 साल पीछे चला जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह बताना था कि जनता के प्रतिनिधि अब जनहित से दूर और निजी लाभ के लिए काम कर रहे हैं। झामुमो ने यह भी संकेत दिया है कि अगर विधायक की कार्यशैली में बदलाव नहीं हुआ, तो आने वाले समय में बड़े आंदोलन की शुरुआत की जा सकती है।

कार्यक्रम में जेएमएम जिला अध्यक्ष शंभू राम, सचिव शरीफ अंसारी, केंद्रीय सदस्य जवाहर पासवान, तनवीर आलम, जिला कोषाध्यक्ष चन्दन जायसवाल, फुजैल अहमद, दीपमाला कुमारी, राजा सिंह, रौशन पाठक, सुनील गौतम, मनोज तिवारी, सलीम जफ़र, रविन्द्र तिवारी, अविनाश दुबे, कार्तिक पांडेय, फैजुल अंसारी, मनीष कमलापुरी, अंकित पांडेय, दिलीप गुप्ता, फ़करे आलम, भोलू, शेरू, मनीष, विवेक सिंह, छोटू सिंह, ओमप्रकाश गुप्ता, संजय अग्रहरि, तरेश सिंह सहित कई स्थानीय नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Tags

About Author

Ashutosh Ranjan

Follow Us On Social Media