कानून-वेत्ताओं ने विधि व्यवस्था एवं नागरिक सुविधाओं को लेकर दिए सुझाव
अंतिम व्यक्ति तक मानवाधिकारों के वाहक होते हैं अधिवक्ता : एसडीएम
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा
अपने अनूठे आयोजन के लिए प्रतिभागियों के चयन में महारत हासिल एसडीएम संजय कुमार की विद्वता आज उस समय सही साबित हो गई जब अधिवक्ताओं ने कई समाजोपयोगी सुझाव दिए। कहां और कैसे आइए आपको भी इस खास खबर के जरिए बताते हैं।
सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार के नियमित साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” की 25वीं कड़ी में आज बुधवार को अनुमंडल क्षेत्र के अधिवक्ताओं ने भाग लिया। इस अनौपचारिक संवाद कार्यक्रम के दौरान न केवल अधिवक्ताओं ने अपनी निजी समस्यायें रखीं बल्कि अधिवक्ता हितों के मुद्दों को उठाया, साथ ही शहर और जिले की बेहतरी को लेकर सकारात्मक सुझाव भी दिए। प्राप्त शिकायतों एवं सुझावों पर त्वरित निस्तारण एवं अमल करने के लिए सभी को एसडीएम की ओर से आश्वस्त किया गया।
नदी अतिक्रमण को लेकर जतायी चिंता अधिवक्ताओं ने दानरो और सरस्वतिया नदी के अतिक्रमण को लेकर चिंता जताते हुए इन दोनों जीवनदायिनी नदियों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए प्रभावी अभियान चलाने के हेतु अनुमंडल पदाधिकारी से अनुरोध किया, एसडीएम ने सभी को बताया कि पूर्व में अभियान चलाए गए हैं, पुनः इस दिशा में निर्णायक अभियान चलाया जाएगा। कुछ लोगों ने नगर परिषद के कचरे को नदियों में डंप किए जाने की शिकायत भी की, इस पर एसडीएम के द्वारा बताया गया कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट प्रगति पर है और इसके बाद डंपिंग स्थल का स्थाई हल हो जाएगा। साथ ही जो कचरा अभी नदी तट पर पड़ा हुआ है उसको रीसायकल करने के लिए नगर परिषद लगातार कार्य कर रहा है।
अवैध वाहन प्लेटों के विरुद्ध अभियान की मांग: अधिवक्ता कृष्ण राजन कुमार एवं उनके साथियों ने सुझाव दिया कि वाहनों पर लगाई गई अवैध नेम प्लेटों के विरुद्ध जिला परिवहन कार्यालय और पुलिस के समन्वय से एसडीएम के स्तर पर अभियान चलाते हुए कार्रवाई की जाए। उन लोगों ने बताया कि गढ़वा में ऐरा-गैरा भी वाहनों के आगे कोई ना कोई नहीं प्लेट लगाकर घूम रहा है, इस प्रचलन के विरुद्ध कार्रवाई जरूरी है।
पुराने मामले जल्द निस्तारित हों: अधिवक्ता प्रमोद चौबे, मिथिलेश दुबे, अशोक तिवारी आदि ने एसडीएम से कहा कि उनके न्यायालय में कई मामले ऐसे हैं जो एक दशक से अधिक समय से भी चल रहे हैं, उनको निस्तारित करने के लिए विशेष पहल की जाए, इस पर संजय कुमार की ओर से बताया गया है कि ऐसे कई मामले निस्तारित हुए हैं और कई पुराने मामलों में खुद स्थल भ्रमण कर या मध्यस्थता कराकर उनको सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
चिनियारोड चौड़ीकरण से जुड़े मुद्दों को उठाया: अधिवक्ता भृगुनाथ चौबे ने चिनिया रोड चौड़ीकरण मामले से जुड़ी विसंगतियों पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए अनुमंडल पदाधिकारी से अनुरोध किया कि चौड़ीकरण के क्रम में चलाया गया अतिक्रमण विरोधी अभियान अभी भी अधूरा है इस पर अभी काम करने की जरूरत है।
गढ़वा अंचल कार्यालय के विरुद्ध अधिवक्ताओं ने की शिकायत: लगभग सभी अधिवक्ताओं ने एकमत से गढ़वा सदर अंचल कार्यालय में व्याप्त अनियमितताओं की शिकायत करते हुए अंचल कार्यालय की जांच करने का सुझाव दिया। गढ़वा बार के अध्यक्ष भृगुनाथ चौबे में कहा कि गढ़वा अंचल के अधिकारी और कर्मचारियों पर दलाल हावी हो गए हैं, गलत एलपीसी बनाने के प्रमाण भी अधिवक्ताओं के पास मौजूद हैं, सभी ने एक मत से कहा कि यदि अंचल कार्यालय की शैली ठीक रहेगी तो भूमि विवाद स्वत: कम हो जाएंगे।
अवैध पार्किंग के विरुद्ध कार्रवाई की मांग: अधिवक्ताओं ने शहर की कई संकरी गलियों में कोचिंग संस्थानों के खुल जाने के बाद गलियों में मोटरसाइकिलों की अवैध पार्किंग के चलते रास्ता जाम हो जाने की शिकायत करते हुए उन मकान मालकों को नोटिस देने का सुझाव दिया जिन्होंने तंग गलियों के बावजूद अपने घर कोचिंग संस्थानों को दे दिए हैं। इसके अलावा गोविंद विद्यालय मैदान में नगर परिषद द्वारा कराये जा रहे वाहन पड़ाव को अधिवक्ताओं ने अवैध बताया। अधिवक्ताओं ने कहा कि चूंकि यह भूमि सरकारी न होकर निजी दानदाता की भूमि है और विद्यालय के छात्रों के प्रयोग के लिए है, इसलिए इस मैदान में पार्किंग करना अवैध है। इस पर एसडीएम ने आवश्यक पहल करने का भरोसा दिया।
सार्वजनिक मूत्रालयों की मांग: अधिवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने गढ़वा की कचहरी से लेकर बस स्टैंड तक जगह-जगह पर सार्वजनिक मूत्रालयों के अधिष्ठापन की मांग की। उन्होंने कहा कि मूत्रालय जैसी व्यवस्था नेचुरल कॉल के अंतर्गत आता है, जो कि सीधा मानवाधिकारों से जुड़ा हुआ विषय है। अभी पूरे शहर में मुख्य मार्गों पर सार्वजनिक मूत्रालयों का अभाव है, इस पर नगर परिषद को निर्देशित किया जाए।
डीजे एवं अवैध शराब के विरुद्ध की गई कार्रवाई को मिली सराहना: अधिवक्ताओं ने सदर अनुमंडल में डीजे पर पूर्ण पाबंदी तथा एसडीएम द्वारा दुलदुलवा गांव में अवैध शराब को लेकर की जा रही कड़ी कार्रवाई की सराहना करते हुए आम नागरिकों से भी एसडीएम के इन अभियानों में मदद का आह्वान किया।
स्टांप उपलब्धता सुनिश्चित हो: अधिवक्ताओं ने एसडीएम को जानकारी दी कि उनके सामने अक्सर कोर्ट स्टांप की कमी की विकट स्थिति आती रहती है। बताया गया कि यह कमी प्रायोजित और जानबूझकर कालाबाजारी करने के उद्देश्य से छद्म रूप से दिखाई जाती है, इस पर एसडीएम के स्तर से छापेमारी की जाए ताकि स्टांप कमी की व्यावहारिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े। एसडीएम ने भरोसा दिलाया कि वे जल्द ही स्टाम्प वेंडर्स के साथ बैठक कर इस समस्या को सुलझाने का प्रयास करेंगे।



जलापूर्ति की तरफ रहे विशेष ध्यान: अधिवक्ताओं ने कहा कि वे अधिवक्ता बाद में हैं, पहले गढ़वा के नागरिक हैं और उन्हें अगर गढ़वा की नागरिक सुविधाओं में से सबसे विकराल समस्या दिखाई दे रही है तो वह है जल आपूर्ति की समस्या। धीरे-धीरे गढ़वा में जलापूर्ति समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। अधिवक्ता राम चरित्र चौधरी ने सुझाव दिया की इस संदर्भ में एसडीएम की अध्यक्षता में पेयजल विभाग एवं नगर परिषद दोनों के साथ बैठक कर हल निकालने का प्रयास किया जाना चाहिए।
भूमाफियाओं पर हो त्वरित कार्रवाई: ज्यादातर अधिवक्ताओं ने एसडीएम को फीडबैक दिया कि गढ़वा में बड़ी तेजी से भूमाफियाओं का प्रभाव बढ़ रहा है, उन्हें प्रथम चरण में ही हतोत्साहित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है। इसमें अनुमंडल न्यायालय बड़ी भूमिका निभा सकता है। सभी अंचल कार्यालयों को सजग रखने के साथ-साथ भूमाफियाओं को नियमित दंडित करने की आवश्यकता है।
जिला बार कार्यालय में पेयजल समस्या को उठाया: कुछ अधिवक्ताओं ने कहा कि बार भवन में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की तरफ से पानी की टंकी अधिष्ठापित की गई हैं किंतु ये फंक्शनल स्थिति में नहीं है, इनको संचालनात्मक स्थिति में लाने की आवश्यकता है।
रखी निजी समस्याएं: कुछ अधिवक्ताओं जैसे प्रवीण पांडे, प्रमोद चौबे, महेश रंजन श्रीवास्तव, अरुण कुमार सिंह आदि ने अपनी निजी समस्याएं भी रखीं, जिनके हल की दिशा में या तो मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को एसडीएम की ओर से निर्देशित किया गया या फिर जल्द ही निराकरण का भरोसा दिया गया।
अन्यान्य: अशोक तिवारी ने कहा कि दानरो नदी के कल्याणपुर पुल पर पोल लाइट न होने के कारण रात में अराजक तत्वों का जमावड़ा रहता है, वहीं महेश श्रीवास्तव ने बताया कि मझिआंव रोड पर रेलवे क्रॉसिंग के पास नाली के पाइप क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुछ अधिवक्ताओं ने कहा कि कोर्ट रूम और इजलास बनना चाहिए, रिकॉर्ड रूम से सत्य प्रतिलिपि उसी दिन मिल जानी चाहिए, सड़क किनारे वेल्डिंग स्टोर चलाने पर रोक लगे जैसे कई विषय भी रखे गए।
मौजूद थे: मौके पर अनुमंडल क्षेत्र के लगभग 100 अधिवक्ता मौजूद थे। इनमें से लगभग दो दर्जन अधिवक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे। अधिवक्ता जितेंद्र सिंहा, निरंजन चौबे, मिथिलेश दुबे आदि ने एसडीएम की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पहली बार है जब किसी एसडीएम ने अधिवक्ताओं से ऐसा अनौपचारिक संवाद किया हो। एसडीएम संजय कुमार ने भी सभी अधिवक्ताओं को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया।