गायब हो गए नीलांबर-पीतांबर यूनिवर्सिटी के हजारों छात्र!

गायब हो गए नीलांबर-पीतांबर यूनिवर्सिटी के हजारों छात्र!

जानें, क्या है पूरा मामला


दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा

नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी के 8995 छात्र गायब हो गए हैं। गायब होने वाले सभी छात्र ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे। इस मामले की अब जांच शुरू हो गयी है।

दरअसल, नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी में 2021-24 बैच के तहत 25118 छात्रों ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया। छात्रों ने नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले अलग-अलग 19 डिग्री कॉलेज में नामांकन लिया था। डिग्री के छठे एवं अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा देने के लिए 16123 सामने आए। छात्रों ने परीक्षा के लिए फॉर्म ही नहीं भरा।


कहां गायब हो गये नीलांबर-पीतांबर यूनिवर्सिटी के हजारों छात्र! : नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी में पलामू, गढ़वा एवं लातेहार के छात्र पढ़ाई करते हैं। पलामू, गढ़वा और लातेहार के अलग-अलग इलाकों में 19 डिग्री कॉलेज हैं। जहां ग्रेजुएशन की पढ़ाई होती है। छात्रों के गायब या ड्रॉप आउट की बात सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी ने जांच बैठा दिया है। यूनिवर्सिटी यह आकलन करवा रही है कि गायब होने वाले छात्र कौन हैं? यह आंकड़ा सिर्फ 2021-24 बैच का है या इससे पहले भी छात्र गायब हुए है?

आखिर छात्र क्यों हो रहे है गायब? :  ऐसी पहली बार खबर निकलकर सामने आई है कि ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाली बड़ी संख्या में छात्र गायब हुए। नीलांबर पीतांबर यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर प्रोफेसर दिनेश कुमार सिंह बताते हैं कि यूनिवर्सिटी सभी कॉलेजों में जांच करवा रही है कि ड्रॉप आउट क्यों हो रहा है? ड्रॉपआउट बढ़ रहा है या यह घट रहा है?

उन्होंने बताया कि नामांकन के दौरान यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी प्रिंसिपल और प्रोफेसर छात्रों से बातचीत करेंगे। उनकी समस्याओं को भी जानने का प्रयास करेंगे। वह खुद सभी कॉलेजों में जाएंगे और पदाधिकारी छात्रों से बात करेंगे। यूनिवर्सिटी छात्रों के अटेंडेंस को बढ़ाने के लिए भी कई योजनाओं पर कार्य कर रही है। सभी कॉलेजों का औचक निरीक्षण एवं जांच भी किए जाएंगे और छात्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

पलायन और बाल विवाह के लिए भी चर्चित है पलामू! : दरअसल, पलामू, गढ़वा एवं लातेहार का इलाका पलायन एवं बाल विवाह के लिए भी चर्चित है। नीलंबित पीतांबर यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेज तीनों जिलों में मौजूद हैं। कोविड 19 काल के आंकड़े के अनुसार पलामू में 53 हजार प्रवासी मजदूरों के आंकड़े को रिकॉर्ड किया गया था। वहीं गढ़वा के इलाकों में यह आंकड़ा 60 हजार के करीब था।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार पलामू में होने वाले 35 प्रतिशत के करीब शादियां बाल विवाह के दायरे में है। ऐसा बताया जा रहा है कि छात्र रोजगार की तलाश में पलायन कर गए हैं। वहीं कई ऐसी लड़कियां है जिनकी शादी हो गई है।

ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन के राज्य सचिव त्रिलोकी नाथ बताते हैं कि पलामू का इलाका सामाजिक रूप से पिछड़ा हुआ है। यूनिवर्सिटी जिस इलाके में है वहां पलायन और बेरोजगारी भी है। यूनिवर्सिटी के सत्र एवं शैक्षणिक वातावरण समय पर नहीं हैं।

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Ashutosh Ranjan

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