हम भाजपा में नहीं जाएंगें भाई
आशुतोष रंजन
गढ़वा
साल 2019 में सत्ता में आने के बाद गढ़वा विधायक सह राज्य के मंत्री मिथिलेश ठाकुर द्वारा विकास योजना की राशि के साथ- साथ विधायक मद से भी योजना को लेकर शत प्रतिशत राशि को खर्च कर धरातल पर योजनाओं को उतारने वाले मिथिलेश ठाकुर को 2019 से लेकर अब तक कुर्सी से उतारने की साजिश रची जा रही है। लेकिन विपक्ष की यह कुटिल चाल जब कामयाब नहीं हुई तब उनके द्वारा सरकारी जांच एजेंसी ईडी की मदद ली गई और उस जांच एजेंसी द्वारा इनके रांची एवं चाईबासा स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी कराई गई। लेकिन समाचार लिखे जाने तक जांच एजेंसी के हाथ कुछ नहीं लगा है और लगेगा भी कैसे जो व्यक्ति जनप्रतिनिधि निर्वाचित होने से पहले खुद के पैसे खर्च कर गर्मी में लोगों के सुखते हालत को पानी देता हो,भुखे को भोजन कराता हो,वस्त्रविहीन लोगों के तन ढंकता हो। सामर्थ्य अनुसार उस वक्त उसके अनुसार गांव में विकासीय काम करता हो और विधायक व मंत्री बनने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र गढ़वा में सबसे ज्यादा विकासीय योजना लाने को लेकर चोर कहलाता हो ऐसे व्यक्ति के उपर घोटाले का आरोप लगाना कितना सही है यह उन्हे अपने दिल पर हाथ रखकर सोचने की जरूरत है जो गढ़वा तालुक रखते हैं। उधर आज ईडी की हुई छापेमारी पर जब पत्रकारों द्वारा मंत्री से पूछा गया तो सबसे पहले व हसने लगे और हसते हुए कहा कि जब हम भाजपा के नेताओं द्वारा कहने से उनकी पार्टी में शामिल नहीं हुए तो उनके द्वारा जांच एजेंसी का दुरूपयोग कर मुझे डराया जा रहा है। शायद उन्हें इस बात की ऐहसास नहीं है कि यह मिथिलेश ठाकुर दिशोम गुरू शिबू सोरेन का शिष है जो जेल जाना कबुल कर सकता हैं, जो अपना सर कटा सकता हैं लेकिन किसी के आगे नतमस्तक होकर अपना सर नहीं झूका सकता है। मुझे खुद से बताने की जरूरत नहीं हैं क्या गढ़वा, क्या पलामू प्रमंडल, क्या राज्य हर कोई वाकिफ हैं कि मिथिलेश ठाकुर द्वारा बिना किसी लोभ- लालच के बिना किसी स्वार्थ के अविकसित व पूरी तरह अनगढ़ उस गढ़वा को नये स्वरूप में गढ़ने का काम किया गया है। जिसे सवारने व सजाने का युवा अवस्था से पहले बचपन में ही संकल्प लिया गया था। उन्होंने कहा कि मैं गढ़वा को बदलने का काम नेता के रूप में नहीं बल्कि एक बेटा के रूप में किया हूं।