खुदा के दर पर दिल में गहराई से पेवस्त हुआ सेवा का इरादा

खुदा के दर पर दिल में गहराई से पेवस्त हुआ सेवा का इरादा

इबादत से बढ़कर है समाज की सेवा : जाहिद


आशुतोष रंजन
गढ़वा

ऐसे तो उनके द्वारा घर से ही दिल में इरादा क़ायम कर समाजसेवा की ओर क़दम बढ़ाया गया है,लेकिन आज उसमें तब और दृढ़ता आ गई जब वो खुदा के दर पर पहुंचे जहां इबादत करने के साथ साथ दिल में समाजसेवा की भावना को और प्रगाढ़ किया,हम बात किसकी कर रहे हैं और उनके द्वारा किस रूप में समाजसेवा का इरादा तय किया गया है आइए आपको इस ख़बर के ज़रिए उनसे तारूफ कराते हैं।

खुदा के दर पर दिल में गहराई से पेवस्त हुआ सेवा का इरादा : – ऐसे तो अपने गढ़वा में कई सामाजिक संस्था और क्लब के ज़रिए कई समाजसेवी सालों से कार्यरत हैं जिनके द्वारा अपने अनुसार समाज की सेवा की जाती है लेकिन हम जिनके बारे में बात करने जा रहे हैं उनकी भावना से आपको हम कल अपने चैनल की ख़बर का शीर्षक गढ़वा के लोगों के लिए फायदेमंद होगी जाहिद फैंस क्लब की समाजसेवा के माध्यम से आपको बताए हैं,लेकिन आज उनमें सेवा की भावना तब और बलवती हुई जब वो खुदा के दर पर पहुंचे,दरअसल हम बात यहां जाहिद फैंस क्लब के अध्यक्ष जाहिद अख्तर की कर रहे हैं जो इसी शहर के नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत सोनपुरवा मोहल्ले के रहने वाले हैं,ख़ुद के सामर्थ्य अनुसार सालों से अकेले और अपने सहयोगियों के ज़रिए समाज की सेवा में अनवरत तत्पर रहने वाले जाहिद अख्तर द्वारा अपने नाम के साथ एक क्लब का गठन किया गया है,जिसका एकमात्र उद्देश्य है नगर परिषद क्षेत्र में समाज की सेवा करना,जाहिद के साथ साथ उनके क्लब से जुड़े सभी पदाधिकारी और सदस्य उनकी भावना से इतने प्रभावित हैं कि वो ख़ुद से आगे बढ़ कर समाज की सेवा करने को संकल्पित हुए हैं,समाज के पिछड़े लोगों तक उनका हक और अधिकार सही तरीके से पहुंचे,अंतिम व्यक्ति को उनका अधिकार मयस्सर हो इसे ले कर उनकी प्रतिबद्धता देखते बन रही है,सेवा के प्रति सबकी एकाग्रता आज तब देखने को मिली जब क्लब के अपने अध्यक्ष जाहिद अख्तर के साथ सभी लोग जिला मुख्यालय के पास में अवस्थित अंजान शहीद के दर पर पहुंचे जहां उनके द्वारा इबादत करने के साथ साथ चादरपोशी की गई,साथ ही इबादत के ज़रिए जाहिद अख्तर द्वारा यही मांगा गया कि मेरे साथ मेरे क्लब के सभी पदाधिकारी और सदस्यों को अपनी दुआ नाजिर करें कि समाजसेवा की जो चाहत दिल में है और नज़रों में जो मुक़ाम है उसे पाने में हम सभी मुकम्मल हों।

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Ashutosh Ranjan

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