दो सौ छब्बीस घंटा बाद भी चोरी गई मूर्तियों का सुराग नहीं
आशुतोष रंजन
गढ़वा
कलियुग होने का इससे बड़ा और क्या प्रमाण हो सकता है जहां एक तरफ़ भगवान को जमानत तो दूसरी ओर बरामद होने का राह ताकना पड़ रहा है,आख़िर ऐसी कौन सी घटना घटित हुई है है और ऐसा क्या वाक़्या गुजरा है कि भगवान को खुद की जमानत और अपने को बरामद होने की आस जोहनी पड़ रही है जानने के लिए पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट-
नहीं मिल रहे भगवान को जमानतदार:- वह बंद हैं यहां थाने में,उधर सुना है दरबार,क्योंकि उन्हें नहीं मिल रहे जमानतदार",यह कोई पुरानी और काल्पनिक किवदंती नहीं बल्कि प्रत्यक्ष सच्चाई है,आपको बताएं कि पलामू जिले के विश्रामपुर में अवस्थित प्राचीन मंदिर से कुछ सालों पहले भगवान कृष्ण सहित कई भगवान की बेशकीमती मूर्ति चोरी हुई,पुलिस द्वारा उसे बरामद भी कर लिया गया,लेकिन फिर भी मंदिर सुना है क्योंकि उक्त सभी मूर्ति मंदिर में ना हो कर थाना के मालखाना में ज़ब्त है,यह इसलिए कि नियम के तहत भगवान की मूर्ति को थाना से छुड़ाने के लिए जमानतदार नहीं मिल रहे हैं,सालों से जड़वत ऐसे हालात को नज़र करने पर दिल से बरबस यही निकलता है कि "जिसके जनमते खुद ही खुल गए थे कारागार के ताले,आज देखिये उसे ही पड़े हैं जमानत के लाले।"
भगवान को है बरामद होने का इंतज़ार:- पल पल गुज़र रहा दिन,बीत रहा रात का पहर चार,भगवान को है बरामद होने का इंतज़ार",अभी आपने ऊपर में पढ़ा कि पड़ोसी जिला पलामू में भगवान थाना के मालखाना में बंद हो कर कई सालों से किसी जमानतदार का राह ताक रहे हैं,अब यहां गढ़वा में भगवान को खुद कर बरामद होने का इंतज़ार है,क्योंकि उन्हें चोरी कर लिया गया है,जहां एक तरफ़ सुना पड़ा मंदिर उनका आस जोह रहा है वहीं दूसरी ओर चोरों के कैद से आज़ाद हो पुलिस के हांथों बरामद होने का भगवान बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं,लेकिन अफ़सोस इस बात का है की सैकड़ा घंटा गुज़र जाने कर बाद भी भगवान बरामदगी के हद से बाहर हैं।
नहीं हैं हमारे भगवान:- किसकी करूं पूजा,करूं किसे प्रणाम,नहीं हैं मेरे भगवान",जी हां विजय राघव मंदिर खरौंधा के प्रति सदियों से हजारों लोगों की गहरी आस्था रही है,इनमें स्थानीय कई दर्जन गावों के साथ सीमावर्ती पलामू जिला व पड़ोसी राज्य बिहार के कई गावों की एक बड़ी आबादी शामिल है। किसी भी हारी बीमारी, मुकदमा,परेशानी आदि में लोग इस मंदिर में विराजमान श्रीरामलला,माता जानकी, लखन लाल व बजरंग बली तथा श्री राधा कृष्ण की मनौती मांगते व पूरा होने पर यहां छोटा बड़ा अनुष्ठान कराते हैं। वैसे भी यहां के लोगों की सुबह इन देवशक्तियों के स्मरण व रात इनके वंदन से होती है,श्री कृष्ण जन्माष्टमी, शारदीय नवरात्र व महाशिवरात्रि आदि के अवसर पर यहां भव्य पूजा समारोहों का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर भारी भीड़ व मेला बाजार भी सजता है। ऐसे में मंदिर में उनके भगवान का नहीं होना लोगों को काफी खल रहा है।
आएंगे मेरे भगवान :- देखना मेरी आस्था का प्रमाण,आयेंगें मेरे भगवान",आपको यहां बताएं कि दो सौ छब्बीस घंटा से इस मंदिर में श्री रामलला, माता जानकी व भइया लखन लाल की मूर्तियां नहीं हैं,फिर भी लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं आई है,आज भी लोग नित्य की भांति भगवान की चौखट पर पूर्व की भांति मत्था टेकने पहुंच रहे हैं,इधर पुजारी पं.भुवनेश्वर दुबे पूजा, अर्चना व आरती कर रहे हैं,पुजारी सहित सभी आस्थावान श्रद्धालुओं की श्रद्धा भगवान के प्रति इतनी जड़वत है कि वो लगातार बस यही कह रहे हैं कि आयेंगें मेरे भगवान।
श्रद्धालु रोज करा रहे सगुन :- देखिये लोग अपने भगवान को खोजने में कितनी शिद्दत से जुटे हुए हैं,आज कुछ खो जाने पर लोग जिस भगवान का स्मरण कर उसे ढूंढते हैं और पा जाने पर भगवान को लाख लाख धन्यवाद देते हुए उनकी पूजा करते हैं लेकिन आज उसी भगवान को वो कई तरीके से ढूंढ रहे हैं,इस तकनीकी विकास के युग में इसकी मान्यता नहीं है,फिर भी भक्ति में विह्वल लोग रोज दूर दूर जाकर मूर्ति चोरी को लेकर सगुन करा रहे हैं,लोग सगुनियां से बार बार पूछ रहे हैं कि "बता रे सगुनिया,हैं कहां मेरे रामलला,हैं कहां लखन,और कहां हैं मेरी सिया।"
पुलिस कर रही अनुसंधान :- चोरी की घटना के बाद एसपी शिवानी तिवारी से प्राप्त निर्देश के आलोक में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ओम प्रकाश तिवारी,पुलिस इन्सपेक्टर हरि किशोर मंडल, मझिआंव थाना प्रभारी विनय कुमार,कांडी एसआई शौकत खान ने सदल बल चोरी गई मूर्तियों की कई जगहों पर गहन खोजबीन की,कांडी थाना प्रभारी दीपक कुमार ने मंदिर सहित कई स्थानों पर तहकीकात की,लेकिन अभी तक नतीजा सिफर है।
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