मोहब्बत जिंदा रहे यही सच्चा इश्क है
आशुतोष रंजन
गढ़वा
क्या हुआ नहीं मिली कहीं जगह यार,चलो आओ करें पटरी पर प्यार",यह कोई मात्र जुमला नहीं बल्कि आज जो प्रेमी जोड़े द्वारा प्यार मनुहार का जो मुजायरा किया गया है उस तस्वीर को देख मुझे लिखना पड़ा कि आओ चलो करें पटरी पर प्यार।
खोज लेता है जगह मोहब्बत वाला:- जब चाहे दिलवाला,खोज लेता है जगह मोहब्बत वाला",जी हां यह बात बिल्कुल साश्वत सत्य है कि दो प्रेमियों के मिलन में लाख कोई रोड़ा डाले लेकिन प्रेमी जोड़े मिलन का जगह ढूंढ ही लेते हैं,अब तक जंगलों,पहाड़ों,कंदराओं,बाग बगीचे में छुप कर मिलते प्रेमी जोड़ों को हम आप देखे होंगे पर क्या कभी इसकी कल्पना भी की है कि कोई जोड़ा ट्रेन के नीचे पटरी पर बैठ कर इश्क फरमाए,नहीं न तो इस तस्वीर को जरा गौर से देखिए,यह पलामू जिले का है जहां दो प्रेमी जोड़ा सबकुछ से अनजान खड़ी ट्रेन के नीचे पटरी पर बैठ प्यार भरी बातें कर रहा है।
जब तक है शरीर में खून का एक कतरा:- आवे हमारे प्यार के बीच हज़ार ख़तरा,पर निभायेंगे प्यार हम,जब तक है शरीर में खून का एक कतरा",कुछ इसी पंक्ति को दिल में आत्मसात कर यह प्रेमी जोड़ा हर खतरे से अनजान हो एक दूसरे पर प्यार जताने में मशगूल है,दोनों को तनिक भी इसका इल्म नहीं है कि वो मौत के मुहाने पर बैठे हुए हैं,उनसे मात्र कुछ इंच की दूरी पर मौत खड़ी है,अगर गाड़ी थोड़ी भी सरकती है तो उसका पहिया दोनों को अपने चपेट में ले लेगा,और फिर साथ जीने मरने का उनका कसम पूरा हो जाएगा,ऐसा तल्ख़ इसलिए लिखना पड़ा कि अगर आप एक दूसरे को बहुत ज्यादा चाहते हैं तो एक दूसरे का बेहद ख्याल भी रखें और साथ में मर जाने को प्यार नहीं कहते हैं बल्कि मोहब्बत को जीवित रखना ही सच्चा इश्क है।
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