अब नहीं होगी ऐसी हरक़त:डीडीसी
आशुतोष रंजन
गढ़वा
मनाए अधिकारी,मान गए कर्मचारी",अब आप पूछियेगा की आखिर कहां के कर्मचारी किस बात को ले कर नाराज हो गए थे जिन्हें अधिकारियों द्वारा मनाया गया,तो आइए न इस खबर को पढ़िए और पढ़ कर जान जाइये।
यहां के कर्मी हुए थे नाराज:- झारखंड में आये दिन विभिन्न विभागों कर कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन और हड़ताल किये जाने की खबरें आती रहती हैं लेकिन यहां के कर्मियों के नाराज होने की वजह कुछ दूसरी है,आपको बताएं कि सरकारी कार्यालयों में वरीय अधिकारियों द्वारा अपने कार्यालय कर्मियों को डांट फ़टकार की जाती है वहां तक तो ठीक है लेकिन राज्य के गढ़वा में पदस्थापित उपविकास आयुक्त द्वारा कर्मियों को डांट फ़टकार करने के साथ साथ उठक बैठक तक करायी गयी,कारण था कार्यालय में थोड़ा विलंब से आना,वरीय अधिकारी द्वारा इस तरह के दुर्व्यवहार के कारण कर्मचारी ख़ासा नाराज हो गए और एकमत हो कर काम नहीं करने का निर्णय लिया।
अब नहीं होगी ऐसी हरकत:-उधर कर्मियों की कमी से जूझ रहे जिले को इन्हीं कर्मियों के बदौलत किसी प्रकार संचालित करते हुए विकास के नित नए नए आयाम गढ़ने वाले उपायुक्त हर्ष मंगला को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया और मामले को त्वरित सुलझाने के लिए अपर समाहर्ता प्रवीण गगराई और सदर एसडीओ प्रदीप कुमार को नियुक्त किया,उधर दोनो अधिकारियों द्वारा नाराज कर्मियों से वार्ता शुरू हुई,कई घंटों बाद आखिरकार अधिकारी द्वय मामले को सुलझाने में कामयाब हुए,लेकिन इस बीच उपविकास आयुक्त नमन प्रियेश लकड़ा द्वारा अपने हरक़त के लिए लिखित रूप में सशर्त खेद व्यक्त किया गया और कहा गया की आगे भविष्य में कर्मचारियों के साथ बढ़िया व्यवहार से पेश आऊंगा और फिर से ऐसी हरकत की पुनरावृत्ति नहीं होगी,उनके द्वारा लिखित दिए जाने,उपायुक्त द्वारा पहल किये जाने और दोनो अधिकारियों के मध्यस्थता के बाद तब जा कर सभी कर्मचारियों की नाराजगी दूर हुई और वो फिर से अपने अपने हिस्से के कार्यों को संपादित करने को सहर्ष तैयार हुए।
गढ़वा में कर्मियों की दूर हुई नाराजगी,डीडीसी द्वारा उठक बैठक कराने के बाद बेहद नाराज और आक्रोशित हो गए थे कर्मी,काम नहीं करने का लिया था निर्णय,डीडीसी ने सशर्त खेद व्यक्त किया,कहा अब नहीं होगी ऐसी हरक़त की पुनरावृत्ति,तब जा कर कर्मियों की दूर हुई नाराजगी,अब कर्मी नहीं करेंगें हड़ताल,ए.सी और एसडीओ ने की मध्यस्थता।
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