झारखंड के गढ़वा जिले में अपनी पदस्थापना के साथ ही पिछड़े जिले को विकसित जिलों की श्रेणी में लाने के साथ विकास के ऊंचे पायदान पर ले लाने के प्रयास में जुटे जिला उपायुक्त हर्ष मंगला द्वारा एक अनूठी पहल की गयी है,अभी कुछ घंटो पहले ही उनके द्वारा की गयी पहल की चर्चा प्रसंशा भरे लहजों में की जा रही है,आख़िर वह कौन सी पहल है जो चर्चा का विषय बनी है आइये आपको इस ख़ास ख़बर के जरिये बताते हैं।
क्योंकि किया उपायुक्त ने कुछ ऐसा काम:- लग जायेगा अब उन सभी कयाशों पर विराम,क्योंकि उपायुक्त ने किया कुछ ऐसा काम",जी हां विकासीय कार्य को ले कर संजीदा रहने वाले उपायुक्त को क्यों एक अलग पहल करनी पड़ी इस बावत आपको बताऊं की योजना चयन से ले कर एकरारनामा और फिर उसे कार्यान्वित होने तक यह बातें अंदरखाने से ले कर बाहर तक भी आम हो जाती हैं की ना तो उक्त योजना का चयन बढ़िया हुआ,एकरारनामा में भी इमानदारिता नहीं बरती गयी साथ ही योजना निर्माण में भी अनियमितता बरती जा रही है,लेकिन इन सभी कयाशों पर गढ़वा में अब विराम लग जायेगा क्योंकि जिला उपायुक्त द्वारा एक अनूठी पहल की गयी है,वह पहल यह है कि योजना छोटी हो या बड़ी सभी योजनाओं का एकरारनामा यानी एग्रीमेंट पहले की तरह कहीं बाहर नहीं बल्कि उपायुक्त कार्यालय में उनकी मौजूदगी में होगा,जहां विभाग के वरीय अधिकारी के साथ साथ उक्त कार्य के संवेदक मौजूद रहेंगे,और लिखित के साथ साथ मौखिक रूप से यह शपथ लेते हुए की वह कार्य का कार्यान्वयन पूरी ईमानदारी और नेक नियति के साथ करेंगें।
मिल रही सराहना:- अब नहीं मिलेगा उलाहना,देखिये मिलने लगी सराहना",आज जैसे ही दोपहर बाद अपने कार्यालय कक्ष में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का विभाग और संवेदक के बीच एकरारनामा कराया गया,और जैसे ही इस बात की जानकारी बाहर में लोगों को हुई सभी ने उन्मुक्त कंठ से इस पहल की सराहना की,हम अगर सबसे पहले विभागीय अधिकारी यानी पथ निर्माण विभाग के वरीय अधिकारी विजय अग्रवाल की मानें तो उनके अब तक की जिंदगी में यह पहला अनुभव है जब किसी उपायुक्त द्वारा अपने कार्यालय में और मीडिया की मौजूदगी में किसी योजना का एग्रीमेंट यानी एकरारनामा कराया गया हो,साथ ही कहा की जहां एक तरफ इस पहल की सराहना होनी चाहिए वहीं दूसरी ओर इसका अनुकरण भी करना चाहिए।