गढ़वा एसपी श्रीकांत सुरेश राव के नेतृत्व में जिला में एक टीम के रूप में कार्य कर रही पुलिस आपराधिक और नक्सली गतिविधियों पर रोकथाम लगाने के साथ साथ नशा विरोधी अभियान चला कर नशा कारोबारियों पर लगातार दबिश दे रही है,जिसका परिणाम है कि जिला के नशा क़ारोबारी यहां से बाहर निकल सुदूर प्रदेशों में अब कारोबार कर रहे हैं,तभी तो कुछ दिनों पहले ही हमने आपको बताया था कि गढ़वा का एक नशा क़ारोबारी भारी मात्रा में गांजा के साथ भुवनेश्वर में गिरफ़्तार किया गया,तो आज जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार आपको बताएं कि इसी जिला निवासी एक साइबर ठग को भी जिला से बाहर दूसरे प्रदेश की पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किया गया,अब वह गढ़वा में कहां का रहने वाला है और उसकी गिरफ़्तारी कहां से हुई,आइये आपको इस ख़बर के जरिये बताते हैं।
तीन करोड़ी साइबर ठग हुआ गिरफ़्तार:- वह साइबर ठगी करने के बाद ख़ुद को कानून के जद्द से बाहर मानते हुए स्वच्छंद विचरण कर रहा था,पर उसे शायद इल्म नहीं था कि वह जिस कानून के जद्द से अपने आप को दूर समझ रहा है उसी कानून की हथकड़ी उसके कलाई तक पहुंच रही है,और पहुंची और उसे गिरफ़्तार कर लिया गया,हम बात यहां गढ़वा के पतरिया पंचायत अंतर्गत चौखडी गांव निवासी कमेश पाल की कर रहे हैं,जिसे सीबीआई की टीम द्वारा 3 करोड़ रुपये की साइबर क्राइम के आरोप में जमशेदपुर से गिरफ्तार कर लिया गया,कमेश कि गिरफ्तारी झारखंड पुलिस की मदद से आसाम की सीबीआई की टीम ने 4 फरवरी को जमशेदपुर के गोविंदपुर इलाके से की है।जमशेदपुर के एक स्थानीय अखबार में 5 फरवरी को इस बाबत फोटो के साथ एक खबर छपी थी,जिसमें बताया गया कि मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसकी गिरफ्तारी हुई है,सीबीआई की एक्सन टीम को जानकारी मिली थी की वह गोविंदपुर कैलाशनगर का रहने वाला है।वह एक किराए के मकान में रहता था,मिली जानकारी के आधार पर पुलिस वहां पहुंची और उसकी गिरफ़्तारी हुई,आसाम पुलिस की माने तो उसके खिलाफ असम में कई मामले दर्ज हैं,जिस नंबर से उसने साइबर ठगी की है उस नंबर का ट्रैकिंग पुलिस पिछले कई माह से कर रही थी,टीम ने कहा कि कमेश के खाते में एकाएक ज़्यादा रुपया आने पर एक टीम गठित की गई थी,उसी टीम द्वारा कमेश को गिरफ़्तार किया गया।