जल्द होगी हत्यारों की गिरफ़्तारी:पुलिस
आशुतोष रंजन
गढ़वा
हम हर बार एक बात जरूर कहते हैं कि हमें जो दिखता है वही मैं ख़बरों के जरिये लिखते हुए सामने लाता हूं,ऐसे में वह बेबाकपन किसी को अच्छी लगती है तो किसी को नागवार गुज़रता है,लेकिन मैं इसकी तनिक भी परवाह नहीं करता,तभी तो उधर किसी घटना के बाद उसका त्वरित ख़ुलाशा और गिरफ़्तारी को नज़र करने के बाद ही हमारे द्वारा लगातार लिखा गया कि गढ़वा पुलिस बेहतर कार्य कर रही है,लेकिन आज यह कहने में मुझे तनिक भी हिचक नहीं है कि न जाने उस बेहतरी को किसकी नज़र लग गयी,तभी हत्या की दो घटना एक ही क्षेत्र में घटित हुई,एक में तो एक कि गिरफ़्तारी हुई भी बाक़ी नामज़द आरोपी अभी भी फ़रार हैं,हम बात पप्पी खान हत्याकांड की कर रहे हैं,तो उधर बस स्टैंड गोलीचालन की घटना के आरोपी तो अब तलक गिरफ़्त से बाहर हैं,अब ऐसे में पुलिसिया व्यवस्था पर सवाल का उठना लाज़िमी है,क्योंकि..जानने के लिए पढ़िये यह ख़ास रिपोर्ट।
अब तो दो हत्या कही जाएगी न.?:- गुज़रे 29 तारीख़ की दोपहर बस स्टैंड में एजेंट शैलेश उर्फ पिंकू को लक्ष्य करते हुए अपराधियों द्वारा गोली चलायी जाती है,उक्त गोलीकांड में पिंकू की मौत होती है और उनके साथ खड़े कार्य में सहयोगी कईल दुबे गोली लगने से घायल होते हैं,घायल दुबे को बेहतर इलाज़ के लिए रांची रेफर किया जाता है जहां इलाज़ के क्रम में आज उनकी भी मौत हो गयी,बस इसीलिए हमने कहा कि बस स्टैंड गोलीकांड में अब तो दो हत्या कही जाएगी न.?,इधर कोरोना के विषम आपदा से गुज़र रहे लोगों को जब जब इस घटना की याद आ रही है तो जहां एक तरफ़ पिंकू के अपने बीच से चले जाने की टीस उठ रही है तो वहीं दूसरी ओर पुलिसिया व्यवस्था को ले कर कसक भरे सवाल भी जेहन में कौंध रहे हैं की आख़िर क्या कारण है इस मामले में पुलिस के हाथ अब तलक ख़ाली हैं,और उधर हत्यारे खुलेआम घूमते हुए पिट रहे ताली हैं,किसी भी मामले का त्वरित ख़ुलाशा करने वाली पुलिस की कुशल कार्यप्रणाली को आख़िर किसकी नज़र लग गयी जो अब तक इस हत्याकांड के राज से पर्दा नहीं उठ सका,ऐसे कई सवाल हैं जिनके ज़वाब अनुत्तरित हैं।
जल्द गिरफ़्त में होंगें हत्यारे:- जब हम आज यह ख़बर लिख रहे हैं तो इसके अनुसार घटना घटित हुए अभी पांच दिन हुए हैं,ऐसे में अभी से सीधे रूप में यह कह देना की पुलिस इस घटना को ले कर कुछ नहीं कर रही है,अब तक हत्यारे गिरफ़्त से बाहर हैं,जबकि आपको बताएं कि घटना के वक्त से ही जिला पुलिस कप्तान यानी श्रीकांत सुरेश राव गंभीर हैं और उनके द्वारा तत्क्षण एक टीम का गठन किया गया है,जिसके द्वारा एक ओर हत्यारों को गिरफ़्तार करने को ले कर वृहद रूप में छापेमारी की जा रही है तो वहीं पूरी तत्परता से मामले का अनुसंधान किया जा रहा है,इसलिए यह कहना बेमानी होगा कि पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है,आपको बताऊं की पुलिस तीव्रता से कार्य कर रही है और जल्द ही मामले का ख़ुलाशा और हत्यारों की गिरफ़्तारी होगी।
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