देखिए अब बुरा मत मानिएगा


आशुतोष रंजन
गढ़वा

होली का त्योहार गुजर जाने के बाद भी जब होली मिलन समारोह आयोजित हो रहा है तो हम भी उसी होलियाना मूड में ही लिखेंगे,हम तो कहेंगे और लिखेंगे ही,अब आपको बुरा लग जाए तो मैं क्या करूं,क्योंकि मेरा बोला हुआ और लिखा हुआ तो बहुत लोगों को बुरा भी लगता है और नागवार गुजरता है,बिना भूमिका बनाए अब सीधे रूप में लिखूं तो आज गढ़वा जिला मुख्यालय में स्वर्णकार संघ का होली मिलन समारोह आयोजित किया गया,जहां संघ से जुड़े लोग तो शामिल हुए ही,साथ ही अन्य लोग भी शिरकत किए,जहां एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाया गया,उसी कड़ी की एक तस्वीर जो सामने आई उसे ही देख कर लिखने की इच्छा हुई,आप तस्वीर में देख रहे हैं की समाजसेवी सह नेता कंचन साहू द्वारा स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष सह युवा समाजसेवी दौलत सोनी को और दौलत द्वारा कंचन को अबीर गुलाल लगाया जा रहा है,लेकिन आप ध्यान से देखिएगा को नज़र आएगा की कंचन द्वारा दौलत सोनी को टिका लगाया जा रहा है,दोनो राजनीति से जुड़े हैं,इस लिहाज़ से नेता की हर एक गतिविधि जिस तरह चर्चा का विषय बन जाता है तो इस तस्वीर की भी चर्चा होगी,उससे पहले ही मैं लिख रहा हूं की क्या इसे विजयश्री का तिलक समझा जाए,क्योंकि दोनो का एक दूसरे से काफ़ी बढ़िया संबंध है,बड़े भाई और छोटे भाई का रिश्ता है लेकिन राजनीति में और साथ ही नगर परिषद चुनाव को ले कर दोनो एक दूसरे के विरोधी भी हैं क्योंकि दोनो अध्यक्ष पद के भावी प्रत्याशी हैं,ऐसे में चर्चा होना लाज़िमी है की क्या कंचन साहू अपने छोटे भाई दौलत सोनी को विजयश्री का तिलक लगा दिए.?,ख़ैर ज्यादा कुछ नहीं सोचना है,होली है,साथ ही यह भी लिख ही दूं की बुरा मत मानिए क्योंकि जब आज होली मिलन समारोह आयोजित हुआ है तो यह प्रमाणित करता है की आज भी होली ही है,वैसे भी होली के एक रोज़ बाद को बुढ़वा होली कहा जाता है।