ज़रूरत है एक बड़ी पहल की


आशुतोष रंजन
गढ़वा

क्या गांव क्या शहर,नगर और महानगर के साथ सरकारी महक़मा और सरकार सभी जगह कोरोना,इन्फ्लूएंजा के साथ साथ हर तरह के बीमारियों की चर्चा और उससे बचाव एवं उसके रोकथाम की कवायद तो हो रही है लेकिन उससे पहले से हमारे यहां जड़वत हो कर बैठी जानलेवा मर्ज़ पर किसी की नज़र नहीं है,हम बात यहां एड्स की कर रहे हैं जिसे झारखंड के गढ़वा में जहां एक तरफ़ सेक्स वर्करों द्वारा बांटा जा रहा है वहीं दूसरी ओर इसके रोकथाम की कोई माकूल व्यवस्था नहीं है।

गढ़वा में एड्स बांट रहे 700 सेक्स वर्कर: – राज्य के गढ़वा में पुरातनी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भले सुधर रही हैं,लेकिन एड्स जैसी जानलेवा बीमारी की ओर किसी का ध्यान नहीं है,सूत्रों की मानें तो जिले की एक दो नहीं बल्कि सात सौ सेक्स वर्करों द्वारा खुले रूप से एड्स बांटा जा रहा है,जिले में ग्रामीण क्षेत्र के साथ साथ शहरी मुख्यालय को मिला कुल सात सौ सेक्स वर्कर हैं जिसमें से कुछ अरसा पहले तक बारह एड्स पीड़ित थे,वर्तमान में संख्या और बढ़ी होगी,ऐसी बात नहीं की विभागीय स्तर से इसके रोकथाम की व्यवस्था नहीं हो रही होगी,पर स्थिति की भयावहता का अंदाज़ा लगाना बड़ा मुश्किल है।

जागरूक किया जा रहा है: – दवा और इलाज़ से पहले जागरूकता ही इससे बचाव का एक बड़ा जरिया है,के जरिये ही इससे बचाव की व्यवस्था में जुटना पड़ रहा है,तभी तो सेक्स वर्करों से मिलकर उन्हें बचाव को ध्यान में रखते हुए कार्य करने को ले कर विभाग द्वारा जागरूक किया जा रहा है।

कोरोना एवं अन्य बीमारियों से बचाव के क़वायद में सरकार और सरकारी महक़मा का जुटना ठीक है,लेकिन जरूरत है इस ओर भी गंभीरता से ध्यान देने की,कहीं ऐसा ना हो जाए की इस विषम हालात में एक बड़ी संख्या एड्स से पीड़ित हो जाये.?