चर्चा के कारण हम बस वजह जानना चाह रहे हैं


आशुतोष रंजन
गढ़वा

हम आज बड़ा नहीं बल्कि छोटा ख़बर लिखेंगे क्योंकि जो चर्चा है उसके कारण बस वजह जानना चाह रहे हैं,आप अगर गढ़वा में रहते हैं या बाहर रह कर भी यहां से ताल्लुक रखते हैं तो इस जानकारी से तो आप बखूबी वाक़िफ होंगें की इस बार यहां रामनवमी को भव्यता दी गई,हर आयोजन समितियों ने अपना बेहतर दिया,विभिन्न अखाड़ों द्वारा जहां एक ओर एक से बढ़कर एक आकर्षक रथ तैयार किया गया तो वहीं दूसरी ओर आकर्षित करने वाली झांकी सामने लाया गया,वो चाहे मंगलवारी जुलूस हो या रामनवमी रोज़ का आयोजन,सभी उम्दा रहे,लेकिन जहां एक तरफ़ आयोजन की सराहना करने के साथ साथ सबकी सराहना हो रही है वहीं एक चर्चा बहुत बलवती हो रही है की आख़िर वो कौन सी वजह है जिस कारण प्रेम मंदिर से मोहब्बत करने की जगह उससे नफ़रत हुई,किसके द्वारा और क्यों इससे नफरत किया गया.?

प्रेम मंदिर से नफ़रत किसे और क्यों हुई: – आपको बताएं की गढ़वा जिला मुख्यालय में श्री राम मंडली द्वारा एक रथ तैयार किया गया,जिसे वृंदावन में अवस्थित प्रेम मंदिर का प्रारूप दिया गया,दिन रात अनथक मेहनत मंडली के सदस्यों द्वारा रथ को आकर्षक बनाया गया और रामनवमी जुलूस के रोज़ उसे सामने लाया गया,जिस तरह वृंदावन में जा कर उक्त मंदिर को देखने के बाद लोगों की नज़रें उससे ओझल नहीं होती हैं,ठीक उसी तरह जब वो रथ के रूप में गढ़वा शहर में निकला तो लोगों को जहां एक ओर आकर्षित किया वहीं उसके ऊपर से लोगों का नज़रें हटा पाना मुश्किल हुआ,सबने उन्मुक्त कंठ से श्री राम मंडली की मेहनत को सराहा,हर देखने वालों के ज़ुबान से बरबस वाह निकला,लेकिन चर्चा यह हो रही है की जब रथ को पुरस्कृत करने की बारी आई तो उक्त मंडली के लोग मंच की ओर इस आस से देख रहे थे की उनके रथ को ज़रूर पुरस्कृत किया जाएगा क्योंकि उन्हें अपने अनथक मेहनत पर भरोसा था,सभी सदस्यों की खुशी का ठिकाना नहीं था,लेकिन उनके चेहरे से खुशी उस वक्त काफूर हो गई जब पुरस्कार मिलना तो दूर उनके रथ का नाम तक नहीं लिया गया,देखने वालों के जुबान से वाह सुन कर आह्लादित हुए मंडली के लोगों के दिलों से आह निकली,उसी आह को महसूस करने वाले लोग ही अब चर्चा कर रहे हैं की आख़िर प्रेम मंदिर से किसे और क्यों नफ़रत हुई जो उसे पुरस्कार लायक नहीं समझा गया,जिस रथ को पुरस्कृत किया गया उस समिति के लोगों की मेहनत को भी लोग सराह रहे हैं लेकिन श्री राम मंडली के प्रेम मंदिर से हुई लोगों की आसक्ति को जो ठेस पहुंचा है उसी कारण लोग सवाल कर रहे हैं,क्या इसका ज़वाब मिल पाएगा.?