नहीं सुना होगा आपने ऐसा घिनौना कुकृत्य


आशुतोष रंजन
गढ़वा

झारखंड का गढ़वा जिला विकास के मामले में भले पिछड़े जिलों में शुमार होता हो पर यहां ऐसे ऐसे कारनामे किए जाते हैं जिससे यह जिला हमेशा चर्चा में रहता है,अब आज के इस मामले को ही जानिए जहां अस्पताल में एक महिला के प्रसव के दौरान बच्चे की मौत होने पर उक्त नवजात के शव को अस्पताल की दाई द्वारा अस्पताल परिसर में ही जला दिया गया,क्या है पूरा मामला आइए आपको इस ख़ास ख़बर के ज़रिए बताते हैं।

नवजात के शव को अस्पताल में जलाया गया: – आप बेशक जानना चाह रहे होंगें की ऐसे घिनौने कुकृत्य को कहां अंजाम दिया गया तो आपको बताऊं की जिले के मझिआंव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पलामू के राजहरा गांव निवासी मनदीप विश्वकर्मा अपनी पत्नी मधु देवी का प्रसव कराने पहुंचा,जहां नर्स निर्मला कुमारी एवं मंजू कुमारी द्वारा महिला का प्रसव कराया गया,बताया जाता है की प्रसव से पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी,बच्चे की मौत की जानकारी होने के बाद उसकी मां सहित पूरा परिवार जहां एक ओर मर्माहत था,वहीं पुरुष सदस्य उसके अंतिम संस्कार हेतु बाजार से सामग्री की खरीददारी करने गए तो इधर अस्पताल की दाई दौलती देवी द्वारा उस कुकृत्य को अंजाम दे दिया गया जिसे लिखने में मेरी उंगलियां भी थरथरा रही हैं तो वहीं आप उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं,मेरे कहने का मतलब की उक्त दाई द्वारा मौका देख कर अस्पताल के कचरा निस्तारण हेतु बनाए गए गड्ढे में जिसमे उस वक्त कचरा जलाया जा रहा था उसी जलते आग में उक्त नवजात के शव को जला दिया गया।

हमने तो अपने मृत बच्चे का चेहरा भी नहीं देखा: – उधर मृत नवजात के परिजन गोलू विश्वकर्मा ने कहा की अभी हमलोग बाजार से अंतिम संस्कार की सामग्री ले कर लौटते,अपने मृत बच्चे को ही सही भरपूर नज़रों से देखते हुए उसकी अंत्येष्टि करते उसके पहले ही अस्पताल पहुंचने पर मालूम चला की मेरे बच्चे के शव को जलते हुए कचरे के ढेर में डाल कर जला दिया गया।

दाई ऐसा की है: – उधर दोनो नर्सों की मानें तो बिना उनकी जानकारी में दाई द्वारा ऐसा किया गया है,उधर एक जानकारी यहां और भी दे ही दें की विगत पांच वर्ष पूर्व नर्स निर्मला कुमारी द्वारा इसी अस्पताल में काम करने के दौरान एक नाबालिग छात्रा द्वारा नाजायज बच्चे को जन्म देने के बाद प्रसव रजिस्टर में हेरा फेरी करते हुए उक्त बच्चे को अपना बच्चा साबित करने की कोशिश की गई थी,लेकिन सीडब्ल्यूसी के हस्तक्षेप के बाद उसे जेल भी जाना पड़ा था,लगभग दो साल के बाद एक बार फिर से उसे उसी अस्पताल में विभाग द्वारा पदस्थापित किया गया,जहां उसकी मौजूदगी में एक और घिनौने कुकृत्य को अंजाम दिया गया।

जांचोपरांत होगी कार्रवाई: – इस बावत पूछे जाने पर अस्पताल प्रभारी गोविंद प्रसाद सेठ ने कहा की प्रसव गृह में कार्यरत नर्स और दाई द्वारा ऐसा कुकृत्य किए जाने की जानकारी मिली है,वरीय अधिकारी को सूचित किए जाने के साथ साथ जांच शुरू कर दी गई है,जांचोपरांत निश्चित रूप से बड़ी कार्रवाई की जाएगी।