गढ़वा के पाल्हे जतपुरा गांव में पधारे हैं जीयर स्वामी जी महाराज
आशुतोष रंजन
गढ़वा
श्री बंशीधर नगर के पाल्हे जतपुरा गांव में बुधवार को कथा के दौरान श्री श्री 1008 श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि सुख और दुख हमारे मन की मन: स्थिति है। हमारे मन की प्रतिकूलता और अनुकूलता ही सुख-दु:ख है। यदि इच्छा के अनुरूप व्यवहार हो तो सुख होता है और जो इच्छा के प्रतिकुल व्यवहार हो तो दु:ख होता है। मन ही सुख-दु:ख का कारण होता है। यदि मन को अच्छे कार्य में लगाएं तो हमें मोक्ष प्राप्त होता है। जबकि मन को गलत कार्य में लगाने पर बंधन प्राप्त होता है। वायु को वश में किया जा सकता है। लेकिन मन को वश में करना बहुत कठिन कार्य है। अच्छे कार्यों के अभ्यास से मन की चंचलता कम किया जा सकता है। मन नहीं लगे तो भी अच्छे कार्यों में मन को अवश्य लगाना चाहिए। जादूगरी व चमत्कारी कार्यों में लगने के बजाय हमें कर्म करते रहना चाहिए। क्योंकि कर्मशील व्यक्ति को ही सब कुछ प्राप्त होता है। अच्छे कार्य करने से मोक्ष व स्वर्ग मिले या ना मिले लेकिन व्यावहारिक तौर पर तत्काल उसका लाभ तो मिलेगा ही। जिस कार्य को करने से हमारी बुराई व विसंगतियां दूर हों वही धर्म है।