बंदरबांट करते थे विकासीय निधि,काम कहां करते थे जनप्रतिनिधि
आशुतोष रंजन
गढ़वा
बिना किसी लाग लपेट के बेबाक बोलने वाले बीस सूत्री जिला उपाध्यक्ष नितेश सिंह का कहना है कि पहले विकास के नाम पर सिर्फ छलावा और धोखा होता था,मुझे बताने की ज़रूरत थोड़े है क्योंकि आप सभी बखूबी वाकिफ़ हैं की गुज़रे वक्त के जनप्रतिनिधि द्वारा केवल ज़ुबानी काम किया जाता था,यानी काम केवल उनके ज़ुबान पर होता था,और आज भी कहने और बताने की आवश्यकता नहीं है की काम ज़ुबान पर हो रहा है या ज़मीन पर,जिस गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के गांव में जाने पर लोगों के चेहरे मुरझाए मिलते थे,हंसी काफुर दिखती थी,उन चेहरों पर मुस्कुराहट तब वापस लौटी और मुरझाना तब दूर हुआ जब लोगों ने मिथिलेश ठाकुर को अपना विधायक चुना,और साथ ही आपको बताऊं की कई बार गढ़वा आ कर यहां के हालात से वाक़िफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गढ़वा की बदहाली को दूर करने के लिए ही उन्हें मंत्री बनाया,और जैसे ही हाथ में अधिकार आया तो आप देख ही रहे हैं की कैसे एक नेता की तरह नहीं बल्कि एक जिम्मेवार बेटा की तरह मिथिलेश ठाकुर द्वारा गढ़वा को संवारा जा रहा है,जीतने विकास कार्य पूर्ण हो चुके और वर्तमान में कितनों पर तीव्र गति से काम चल रहा है उसे शब्दों में पिरो पाना मुश्किल है,क्योंकि हम सभी काम गिनाने वाले नहीं बल्कि सही मायने में सरजमीन पर काम करने वाले हैं,साथ ही पूर्व के जनप्रतिनिधि पर अपने अंदाज़ में चुटकी लेते हुए कहा की चुनाव के समय वो गाड़ी में नारियल भरकर घूमते थे,हर जगह फोड़ने के बजाए उसे वहीं फोड़ते थे जहां जनता की अधिक मांग होती थी,कहते थे कि सरकार बनते ही यह काम तुरंत पूरा हो जाएगा,लेकिन अबोध जनता को इस बात का अहसास भी हो पाता था की जहां जहां नारियल फोड़ा जा रहा है,उसमें से कई ऐसे काम हैं जो स्वीकृत ही नहीं हुए हैं,आलम होता था की वहां के लोग काम शुरू होने को ले कर राह ताकते रह जाते थे,इसीलिए हमने कहा की पूर्व के जनप्रतिनिधि द्वारा जनता को केवल छला गया,कहा कि हमलोग गलत राजनीति नहीं करते,क्योंकि पूर्व के विधायक फंड की जांच करा दी जाए तो पूर्व जनप्रतिनिधि जेल में नजर आएंगे।


