बालू का उठाव भी ज़रूरी है लेकिन वैध हो


आशुतोष रंजन
गढ़वा

अवैध रूप से हो रहे बालू उठाव पर लगातार सभी ने लिखा,हम भी आज लिख रहे हैं लेकिन उस अवैध उठाव पर नहीं बल्कि उसी से जुड़ा और आंखों देखा हाल कुछ अलग लिखने की कोशिश करते हुए कुछ जानना भी चाह रहे हैं,क्या जानना चाह रहे हैं आइए आप ख़ुद पढ़ कर समझिए और बताइए भी।

क्या इतना आमदनी होता है: – पूरे दिन काम करने के बाद जब देर शाम घर लौटा तो प्रतिरोज़ की तरह नहाया,इस आस के साथ की कुछ तो राहत मिले,राहत तो मिला लेकिन जेहन में एक याद यह भी कौंध रहा था की बिजली तो आना नहीं है,बस जैसे ही याद आया,नहाने के बाद मिल रहा राहत फ़ौरन काफुर हो गया और उमस वाली गर्मी और बिजली का नहीं होना सताने लगा,जैसे तैसे पसीने से तर बतर हुए हालात में आधा घंटा गुजारा और जब बर्दाश्त से बाहर हो गया तो एक बार फिर से नहा कर गाड़ी ले कर घर से निकल पड़ा,सीधे रंका मोड़ चौक पहुंचा,सच में राहत महसूस हुआ,चाय वाले से एक कप चाय मांगा और पीने लगा उसी दरम्यान मुझे जो नज़र आया अब उसे लिखता हूं,आप तो इस जानकारी से बखूबी वाक़िफ हैं की रात के अंधेरे में गढ़वा में नदियों से बालू का अवैध उठाव होता है,हो सकता है कुछ लोगों को जानकारी हो लेकिन मैं तो आज से पहले तक यही जानता था की ट्रैक्टर नदी में जाता है और बालू का उठाव कर अपने निर्धारित स्थल पर पहुंच उसे अनलोड करता है,लेकिन मैं यह नहीं जानता था की उस ट्रैक्टर के पीछे लग्जरी गाड़ी भी चला करता है,पर आज दिखा,मैं जो नज़र किया उस बावत आपको बताऊं की जैसे जैसे नदी से बालू ले कर ट्रैक्टर रंका मोड़ होते हुए गुज़र रहा था तो उसके पीछे लग्जरी गाड़ी यानी एक स्कॉर्पियो और कोई अन्य गाड़ी भी साथ में चल रहा था,जब लगातार ऐसा दिखा तो ना समझने के हालत में हमने चाय वाले से पूछा की भाई ट्रैक्टर का मतलब तो समझ रहे हैं की वो नदी से बालू ले कर जा रहा है लेकिन उसके पीछे ये गाड़ियां क्यों चल रही हैं,तो उसने आश्चर्य के साथ हंसते हुए कहा की आप सच में नहीं जानते हैं,हमने कहा की नहीं भाई,तो उसके द्वारा बताया गया की ट्रैक्टर के पीछे जिन गाड़ियों को आप चलते हुए देख रहे हैं ये सभी गाड़ियां उनकी ही हैं जिनका ट्रैक्टर बालू की ढुलाई कर रहा है,और ये सभी इसलिए हैं की कहीं मेरा ट्रैक्टर पकड़ ना लिया जाए,क्योंकि काम तो वैध नहीं अवैध ही हो रहा है,तब मुझे समझ आया की जब मैं रंका मोड़ पहुंचा था तो वहां छह सात लग्जरी गाड़ियां खड़ी थीं,और मेरे वहां पहुंचने के कुछ देर बाद ही सभी इधर उधर चली गईं,लेकिन बाद में उन्हीं गाड़ियों को ट्रैक्टर के पीछे जाते देखा तो पूरा माजरा समझ में आ गया,लेकिन अब सवाल यही उठता है और मैं जानना भी चाह रहा हूं की बहुत मोटी कमाई होती होगी तभी तो एक एक ट्रैक्टर के पीछे एक एक लग्जरी गाड़ियां पूरी रात चल रही हैं.?