एक व्यक्ति की हुई है संदेहास्पद मौत


आशुतोष रंजन
गढ़वा

कमोवेश हर उलझे मामलों में पुलिस को ही दोषी ठहराना क्यों आसान समझा जाता है,यह वो ज्वलंत सवाल है जो अब तलक अनुतरित है,दोषी ठहराने से पूर्व वो यह क्यों नहीं समझना चाहते की उनके उस उलझे मामलों को वही पुलिस सुलझाएगी जिसे आज वो दोषी बता रहे हैं,कुछ अरसा पहले भी एक मामले के बाद इस सवाल को मैं सामने लाया था और आज एक मामले के बाद फिर लिखते हुए उसी सवाल को दूहरा रहा हूं,इस आस के साथ की शायद इस बार ज़वाब मिल जाए,आख़िर आज फिर ऐसा क्यों लिखना पड़ा,आइए आपको बताते हैं।

एक व्यक्ति की हुई है संदेहास्पद मौत: – आपको बताएं की गढ़वा थाना क्षेत्र के कितासोती गांव निवासी ब्रजेश प्रजापति की मौत आज संदेहास्पद हो गई,उसके परिजन शशिकांत प्रजापति ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व उसके पटीदार प्रमिला कुंअर के द्वारा गढ़वा थाना में आवेदन देकर जमीन विवाद से संबंधित प्राथमिकी का निवेदन किया गया था,उक्त मामले में गढ़वा पुलिस द्वारा दोनों पक्ष को गढ़वा थाना में बुलाया गया था,दोनो पक्ष के लोग पहुंचे और दोनों से मामले को ले कर पूछताछ हुई,उसी दरम्यान अचानक ब्रजेश प्रजापति वहीं बैठे बैठे ज़मीन पर गिर पड़ा मौजूद लोगों द्वारा इलाज़ वास्ते उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया,उधर उसकी मौत हुई और इधर उसके परिजनों द्वारा यह कहा जाने लगा की उससे पुलिस द्वारा ज़रा सख्ती से पूछताछ की गई,जिस कारण उसकी तबियत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई,जबकि बात उससे बिल्कुल इतर है,क्योंकि यह भी बताया जा रहा है की उसका तबियत बहुत दिनों से नासाज़ था,उसी दरम्यान अपने लोगों से ज़मीनी विवाद हुआ और मामला थाना पहुंचने के कारण उसे भी थाना आना पड़ा,और अचानक उसकी तबियत बिगड़ी,जब तक इलाज़ हो पाता,तब तक उसकी मौत हो गई।

अस्पताल से शव ले कर भागे परिजन: – बताऊं उससे पहले आपको तस्वीर दिखाता हूं जिसमें आप बेशक देख रहे होंगें की स्ट्रेचर पर रखे मृतक के शव को कैसे लोग ले कर भाग रहे हैं,शव ले कर लोग थाना गेट पर पहुंचे और शव को ज़मीन पर रख कर मुख्य सड़क को जाम कर दिया,उधर पुलिस द्वारा लाख समझाने के बाद भी लोग मानने और सड़क से शव हटाने को तैयार नहीं हुए,अंततः अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अवध कुमार यादव और अंचलाधिकारी मयंक भूषण द्वारा तार्किक बातों से समझाने और मामले की जांच करने के आश्वासन के बाद लोग समझे और शव को हटाया।

होगी मामले की जांच: – उक्त मामले के बावत अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अवध कुमार यादव ने बताया कि 1 सप्ताह पूर्व प्रमिला कुंअर नामक एक महिला ने थाना में आवेदन देकर भूमि विवाद से संबंधित शिकायत दर्ज कराई थी, उसी मामले को ले कर पुलिस ने दोनों पक्ष को सुलह समझौता के लिए थाना बुलाया था,जहां दोनों प्रतीक्षा रूम में बैठकर आपस में सुलह समझौता कर रहे थे,उसी बीच ब्रजेश प्रजापति बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा, तत्काल पुलिस और परिजनों द्वारा उसे सदर अस्पताल ले जाया गया,जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया,घटना के बाद परिजन अन्य मामलों की तरह आक्रोशित हो गए और उनके द्वारा शव के साथ सड़क जाम कर दिया गया,लेकिन समझाने के बाद वो समझे और उनके द्वारा जाम हटाया गया,तत्पश्चात शव को अपने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया,साथ ही अधिकारी ने कहा की मामले की जांच की जाएगी।

कुछ घंटे के बाद आखिरकार हंगामे का पटाक्षेप तो हो गया लेकिन मैं एक बार फिर से वही सवाल दुहराऊंगा की जब हमारे आपके किसी भी उलझे मामलों को पुलिस द्वारा ही सुलझाया जाना है तब फिर आख़िर हम आप उसी पुलिस के ऊपर दोषारोपण करने के साथ साथ एक झटके में दोषी ठहरा दिया करते हैं,ज़रूरत है ऐसी मनोवृति में बदलाव लाने की ताकि लाख झंझावत झेलते रहने के बाद भी पुलिस हमें अमन का माहौल प्रदान करता रहे।