भारतीय संस्कृति और संस्कृत शिक्षा के प्रति दूर हो उदासीनता


आशुतोष रंजन
गढ़वा

गढ़वा जिला सहित पलामू प्रमंडल के जवलंत विषय को ले कर मुखरता से आवाज़ उठाने वाली श्री बंशीधर नगर पंचायत की निवर्तमान अध्यक्ष विजया लक्ष्मी द्वारा प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी भेज कर ज़रूरी मांग की गई है,क्या है वो मांग,आइए आपको बताता हूं।

विजया की चिट्ठी पीएम के नाम: – विजया लक्ष्मी ने चिट्ठी में उल्लेखित किया है की गढ़वा जिले में 2 संस्कृत विद्यालय प्रमोद संस्कृत मध्य विद्यालय सोनपुरवा गढ़वा मुख्यालय एवं प्राथमिक संस्कृत विद्यालय रंका यह दोनों विद्यालय सदियों से संचालित हो रहा था,जहां बच्चे संस्कृत के साथ साथ अपने देश की पुरातन संस्कृति से वाक़िफ हो रहे थे,अंग्रेजी शासन काल में लगभग 1915 में इन विद्यालयों को मान्यता प्रदान करते हुए सीधे सरकारी अनुदान देने का निर्णय लिया गया था,तब से लेकर 2021 तक विद्यालय जैसे तैसे शिक्षकों के अभाव में चलता रहा परंतु कोरोना काल में एक शिक्षक की मृत्यु के बाद विद्यालय बंद है इस दिशा में निदेशक द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी गढ़वा से मंतव्य मांगा गया,जिस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा संस्कृत शिक्षा के प्रति अति क्रूर शक्ति का प्रयोग करते हुए विद्यालय बंद कर इस की मान्यता रद्द करने की अनुसंसा कर दी गई,यह सनातन संस्कृति के प्रति घोर अन्याय है,आज जहां पूरे विश्व में संस्कृत शिक्षा एवं भारतीय संस्कृति का परचम लहरा रहा है एवं लोग संस्कृत शिक्षा की महत्ता को स्वीकार कर इसका अनुसरण कर रहे हैं,स्वयं हमारे प्रधानमंत्री इसके लिए प्रयत्नशील हैं,परंतु झारखंड में संस्कृत विद्यालय जहां वेद प्राच्य दर्शन न्याय कर्मकाण्ड ज्योतिष योग आयुर्वेद एवं मीमांसा के छात्र तैयार किए जाते हैं उसे बंद करने का सफल प्रयास किया जा रहा है,इसी विषम विषय को ले कर विजया लक्ष्मी द्वारा प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए कहा गया है कि झारखंड के 24 जिलों में संस्कृत विद्यालय को पूरी तरह से बंद करते हुए तथा देश की संस्कृति से रूचि रखने वाले छात्र छात्राओं को जानकारी से महरूम रखने की एक साज़िश पर काम किया जा रहा है,इसलिए संस्कृत विद्यालय को पुनः सभी जिलों में संचालित किया जाए तथा इनके अधीनस्थ शिक्षकों को उचित वेतन देने की कृपा किया जाए।