अभिभूत हूं इस सम्मान से: बिकास
आशुतोष रंजन
गढ़वा
गढ़वा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं के व्यवस्था के विषय में जब भी लिखने का मौक़ा मिलता था तो मैं यही लिखता था की रोड पर म्वक्किल और टेंट में वकील,कुछ इसी विषम हालात से वकील गुजरा करते थे,लेकिन यह गुज़रे वक्त की बात हो गई क्योंकि वर्तमान समय में उनकी व्यवस्था में ऐसा परिवर्तन हुआ है जिसे देख कर वो ख़ुद भी विश्वास नहीं कर पाते,सालों की अव्यवस्था में अभूतपूर्व परिवर्तन तब हुआ जब गौतम कृष्ण सिन्हा उर्फ बुलू बाबू अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बने,अध्यक्ष बनते के साथ ही अपने वादों के अनुसार उनके द्वारा विषम हालात को बदलने का तीव्र गति से प्रयास शुरू किया गया,उस प्रयास का सुपरीनाम हुआ की जहां एक ओर अधिवक्ताओं के लिए भव्य और सुव्यवस्थित भवन बना तो वहीं उनके लिए हर सुविधाएं उपलब्ध हुईं,साथ ही साथ यह भी कहूं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी की सुविधाओं में अनवरत बढ़ोतरी हो रही है,अब कुछ ही दिनों में अधिवक्ताओं के लिए कौन सी नई सुविधा उपलब्ध होने जा रही है,आइए आपको इस ख़ास ख़बर के ज़रिए बताते हैं।


जितना की आज शाम का होना: – मेरा क्षेत्र आज भी पिछड़ा है,जहां आज भी लोग विकास से महरूम हैं,जहां दो रोटी के लिए सुदूर प्रदेशों में पलायन करना नियति बनी हुई है,इस करुण कसक के साथ समाजसेवा में आगे बढ़े और रोज़ प्रतिरोज़ अपने सामर्थ्य के अनुसार लोगों को मदद पहुंचा रहे युवा समाजसेवी सह विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से भावी विधायक प्रत्याशी बिकास दुबे का आज अधिवक्ता संघ के सभा कक्ष में एक समारोह आयोजित कर विधिवत सम्मान किया गया,जहां अध्यक्ष बुलू बाबू द्वारा बुके दे कर और शॉल ओढ़ा कर स्वागत किया गया वहीं पगड़ी पहना कर उन्हें आभास कराया गया की जीत के सेहरा का आगाज़ है यह पगड़ी,उधर संघ के सभी पदाधिकारी एवं सभी अधिवक्ताओं द्वारा भी माला पहना कर उनका सम्मान किया गया,मौक़े पर बुलू बाबू द्वारा आपका विजयी होना उतना ही निश्चित है जितना की आज शाम का होना,उक्त पंक्ति के साथ उन्होंने कहा की केवल एक क्षेत्र के लिए इन्हें समाजसेवी कहना गलत होगा क्योंकि पूरे पलामू और गढ़वा के लोगों के लिए हर वक्त तत्पर रहते हुए बिकास दुबे समाजसेवा में जुटे हुए हैं,बात अगर विश्रामपुर की करें तो इन्हें वहां से चुनाव लडना है,और सबसे बड़ी बात की चुनाव इसलिए नहीं लड़ना और जनप्रतिनिधि मात्र इसलिए नहीं बनना है की अन्य जनप्रतिनिधियों की तरह अपना बदलाव करें,बल्कि इसलिए बनना है की सही मायने में विकास क्या कहलाता है उसे दिखाएं और एक आदर्श स्थापित करें,क्योंकि उसी क्षेत्र के निवासी होने के नाते उन्हें क्षेत्र का हाल किसी से जानने और पूछने की जरूरत नहीं है,क्योंकि इनके द्वारा उस हालात को जिया गया है,इसलिए विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र को विकास से पुरनूर करने के संकल्प के साथ इनके द्वारा जो क़दम बढ़ाया गया है,उनके उस क़दम का हमकदम बन यह अधिवक्ता संघ साथ में चलेगा और विजयी पताका फहरा कर ही दम लेगा।


अभिभूत हूं इस सम्मान से: – क्षेत्र में पहुंचने और लोगों को मदद करने के बाद उनके द्वारा स्वागत करने और सम्मानित करने के बाद बिकास दुबे द्वारा सभी से यही कहा जाता है की मैं नेता नहीं आपका बेटा हूं,और बेटा अपने गार्जियन से सम्मान नहीं बल्कि आशीर्वाद की चाहत रखता है,लेकिन उस सम्मान से उनके सामाजिक कार्य करने का जज़्बा और परवाज़ लेता है और वो दुगुने उत्साह के साथ समाजहित में काम किया करते हैं,हर रोज़ कहीं न कहीं सम्मानित होने वाले बिकास दुबे तब उस सम्मान से अभिभूत हुए जब उन्हें गढ़वा अधिवक्ता संघ द्वारा सम्मानित किया गया,उक्त मौक़े पर बोलते हुए उनके द्वारा कहा गया की इस सम्मान ने तो मुझे पूरी तरह अभिभूत तो किया ही साथ ही साथ एक बड़ी जिम्मेवारी को बखूबी निभाने का अहसास भी कराया,बोध हो रहा है की मुझे समाज के लिए सदैव तत्पर रहते हुए अपने दायित्व का निर्वहन करना है,साथ ही साथ संघ के अध्यक्ष बुलू बाबू के कार्यों की सहृदय सराहना करते हुए उन्होंने कहा की जैसे सबने यहां के हालात को देखा है ठीक उसी तरह पूर्व में मैं भी यहां के विषम हालात को देखा था,लेकिन आज हुए परिवर्तन को देख कर मुझे भी यकीन करना मुश्किल हो रहा था की क्या यह वही जगह है जहां हमारे सभी अधिवक्ता हर मौसम की मार को झेलते हुए किसी तरह काम किया करते थे,कल उनकी काम करने की ऊर्जा कुंठित होती थी पर आज हुए व्यापक बदलाव और मिल रहे सुविधा ने निश्चित रूप से उनके काम करने की शक्ति में इज़ाफा किया है,उधर अधिवक्ताओं के लिए लगातार किए जा रहे कार्य में खुद की भी सहभागिता निहित करते हुए बिकास दुबे द्वारा नए अधिवक्ताओं को पढ़ने के लिए लायब्रेरी में कानून के किताब वास्ते जो भी खर्च आएगा उसकी अदायगी करने की घोषणा की,साथ ही कहा की वो हर समय हर संभव मदद करने के लिए सहर्ष तैयार भी हैं।

