क्या सच में यह ख़्वाब पूरा होगा..?
आशुतोष रंजन
गढ़वा
झारखंड के गढ़वा का शहरी मुख्यालय भले आज पूरी तरह संकुचित होने की दहलीज पर है क्योंकि अतिक्रमण ने दायरे को सिमटा दिया है,मात्र एक ही सड़क होने के कारण अहले सुबह से देर रात तक लोगों को जाम की समस्या से दो चार होना पड़ता है,फिर भी लोग इस आस के साथ जीवन बसर कर रहे हैं की कल को ज़रूर इस परेशानी से निजात मिल जाएगा,लेकिन अतिक्रमण और अनवरत जाम के बीच जहां छोटी और बड़ी गाड़ियों की आवाजाही नहीं हो पाती ऐसे में उस सड़क से रेल ईंजन गुजर जाए तो आप निश्चित रूप से बोल उठेंगे की ऐसा कैसे संभव है,पर आपको मैं बताऊं की ऐसा हुआ है,यह बात कोई कुछ अरसा पहले का नहीं बल्कि गुजरे रात का है जब मुख्य सड़क से रेल ईंजन गुजरा,दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर रजनीश कुमार उर्फ छोटा ठाकुर द्वारा जो तस्वीर मुझे उपलब्ध कराई गई उसे देख मैं तो अचंभित रहा ही,उसे उस वक्त देखने वाले वाले लोग भी सहसा विश्वास नहीं कर पा रहे थे की सच में गढ़वा के मुख्य सड़क से रेल ईंजन गुजर रहा है,लेकिन यहां पर मैं यह भी स्पष्ट कर दूं की जिस सड़क को अब तलक दशकों बाद भी अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका है वहां कोई रेलवे पटरी थोड़े बिठा दिया गया,हां रेल ईंजन ज़रूर गुजरा,लेकिन बात है की एक लंबी रौली पर नया रेल ईंजन कहीं बाहर ले जाया जा रहा था,जो रौली गढ़वा मुख्य सड़क से हो कर गुजरा,पत्रकार रजनीश बताते हैं की लगभग डेढ़ बजे रात में जब उक्त रौली रेल ईंजन को ले कर सड़क से गुजर रहा था उस वक्त जाम नहीं था पर उस वक्त उसे गुजरता देखने वालों की मौजूदगी के कारण उसे सड़क से गुजरने में देर हुई,साथ ही जिसने भी उसे देखा सबने अपने अपने मोबाइल फोन में उस पल को कैद किया और हर्षित होते हुए यह कहते रहे काश अपने शहर से रेल गुजरने का ख़्वाब पूरा होता..?