मेराल से हटाए गए अंचलाधिकारी


आशुतोष रंजन
गढ़वा

गढ़वा जिला के मेराल थाना अंतर्गत हासनदाग गांव निवासी नथन चौधरी की हत्या हुई थी,उसी मामले में पुलिस द्वारा चार लोगों को हिरासत में लिया गया था,पूछताछ के बाद जिन्हें छोड़ दिया गया था,उसी बात से आक्रोशित हो ग्रामीणों द्वारा थाना गेट के सामने सड़क जाम से शुरुआत की गई थी,जहां कुछ ही देर बाद पथराव और लाठीचार्ज भी हुआ,जहां एक ओर ग्रामीणों के पत्थरबाजी में पुलिसकर्मी घायल हुए तो वहीं पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में कई ग्रामीण भी चोटिल हुए,उक्त घटना के बाद आज तलक उस मामले को ले कर सियासत भी तेज़ है,जहां एक ओर विपक्ष द्वारा गलत बताया गया तो वहीं ख़ुद के प्रशासन और उनके द्वारा की गई प्रशासनिक कार्रवाई को सत्तापक्ष द्वारा भी मुखालफत की गई,तभी तो आज उसी मामले में इतनी बड़ी कार्रवाई हुई,वो कार्रवाई क्या है,आइए आपको इस ख़ास ख़बर के ज़रिए बताते हैं।

सरकार ने चलाया डंडा: उस रोज़ मेराल थाना गेट के साथ बाज़ार में भी लाठीचार्ज किया गया था,कहा तो यहां तक जाता है की मेराल के तत्कालीन सीओ अंगारनाथ स्वर्णकार द्वारा ख़ुद से बाज़ार क्षेत्र में व्यवसाइयों के ऊपर लाठी बरसाए गए थे,उनके द्वारा लाठी मारने को ले कर जहां एक तरफ़ विपक्ष अब तलक उद्वेलित है तो वहीं दूसरी ओर सत्तापक्ष को भी नागवार गुजरा था,तभी तो वही नागवार गुजरना आज रिजल्ट दे गया,कहने का मतलब की सीओ के विरुद्ध सीधे रूप में कार्रवाई हो गई,आज सरकार ने उन्हें मेराल सीओ पद से हटा दिया,राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा उन्हें मुख्यालय में योगदान देने का आदेश निकाला गया है,यानी अब वो मेराल के सीओ नहीं होंगें,एकाएक हुए इस तबादले को उसी हंगामे से जोड़ कर देखा जा रहा है,मुझे भी कुछ ऐसा ही अहसास हुआ तभी हमने इस ख़बर का शीर्षक दिया की “सीओ ने चलाई थी लाठी,सरकार ने चलाया डंडा।”