अब फरठिया की जमीन लूटने की हो रही है तैयारी


आशुतोष रंजन
गढ़वा

किसी भी विषय पर मुखर हो कर बेबाक अंदाज़ में बोलने और उस मुद्दे के हल तक एक जिद्द के तहत प्रयासरत रहने वाले भाजपा के पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी को आज सैकड़ो ग्रामीणों की किस बड़ी समस्या को ले कर उनके बीच कहना पड़ा की मैं हूं ना.?,वो किस गांव में गए थे और उन्हें ऐसा क्यों कहना पड़ा,आइए आपको बताते हैं।

वो गए थे ओखरगाड़ा: गढ़वा प्रखंड के फरठिया गांव की तरह मेराल के ओखरगाड़ा के ग्रामीणों की जमीन भी पिछड़ा वर्ग आवासीय विद्यालय बनाने के नाम पर लूटने की तैयारी शुरू हो चुकी है,वर्तमान सत्ता के ईशारे पर वर्षो से आवासीत गरीबों को उजाड़ने की तैयारी हो रही है,उक्त बातें भाजपा के पूर्व विधायक सत्येन्द्रनाथ तिवारी ने रविवार को ओखरगाड़ा गांव के ग्रामीणों के बुलावे पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कही,उन्होंने कहा कि मैं हूं ना,मेरे रहते किसी भी कीमत पर गरीबों को उजड़ने नही दिया जाएगा,इस मामलें में वह जल्द ही डीसी से मिलकर पूरी जानकारी देंगे,साथ ही अगर जरूरत पड़ा तो गरीबों को न्याय दिलाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी यहां आएंगे,कहा कि गरीबों को न्याय दिलाने के लिए वह पूरे ग्रामीणों के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे,किसी भी परिस्थिति में ग्रामीणों को वहां से बेदखल नही होने देंगे,उन्होंने एक बार फ़िर दुहराते हुए कहा कि कल्याणपुर में जिस जमीन पर स्थानीय विधायक का घर है वह जमीन मूसहर परिवार के लिए आवंटित किया गया था,उसी के बगल में कई शिक्षण संस्थान भी गैरमजरूआ भूमि पर काबिज है,सरकार और प्रशासन को चाहिए कि उक्त जमीन से अवैध कब्जा हटाते हुए वहां पर पिछड़ा वर्ग के लिए आवासीय विद्यालय बनवाए,पूर्व विधायक ने कहा कि सरकार अब सिर्फ गरीबों का जमीन लूटकर उसपर भवन निर्माण कराकर उसका कमीशन लेने और अपने चहेते को उक्त काम में बतौर पार्टनर रखवाने का काम कर रही है,मंत्री को गरीबों,दलितों,आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के उजड़ने की तनिक भी चिंता नहीं है,कहा कि ओखरगाड़ा के ग्रामीण वहां पर पिछले 80 वर्षो से अपना घर, मकान और दुकान बनाकर आवासीत हैं,जिस जमीन पर पिछड़ा वर्ग का आवसीय विद्यालय बनाने की बात हो रही है उसी जमीन पर पिछले वर्ष करीब 50 प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास का निर्माण कराया गया है,उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विद्यालय,शिक्षण संस्थान और विकास कार्य के वे तनिक भी विरोधी नही है,विद्यालय भवन और विकास कार्य के लिए वैसी भूमि को चिन्हित किया जाए जिस पर किसी भी तरह का ग्रामीणों का कोई दखल कब्जा नही है,उन्होंने स्थानीय विधायक पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि वह विधायक बनने से पहले गढ़वा में भूमिहीन थे,लेकिन विधायक और मंत्री बनने के साथ ही दो सौ एकड़ से अधिक जमीन रजिस्ट्री करा कर जमींदार की भूमिका में आ गए,उन्होंने कहा कि मंत्री के ईशारे पर कई ऐसे गैरमजरूआ जमीन है जो सेटलमेंट कर दिया गया है।

ज़मीन बचाने की लगाई गुहार: बैठक में मौजूद ग्रामीण कन्हाई साव,जगदीश साव,लखन उरांव, विजय साव,रहमान खान,एकराम अंसारी,राममूरत साव,राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता,सुलेमान अंसारी, दिगनी देवी,नरगिस बीबी,शहिना बीबी,रूबी बीबी,मेहरून बीबी, नजमा खातून,कलावती देवी, ललिता देवी,सलमा बीबी,करमी देवी सहित अन्य सभी ग्रामीणों द्वारा कहा गया कि वो सभी गुज़रे 80 साल से अधिक समय से वहां पर घर,मकान और दुकान बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं,अचानक मेराल अंचल के सीओ सहित अन्य अधिकारी पहुंचकर जमीन का मापी करने लगे,इसके बाद पिछड़ा वर्ग के लिए आवासीय विद्यालय बनाने के लिए जमीन चिन्हित किया जाने लगा,ग्रामीणों ने कहा कि जान दे देंगे लेकिन उक्त जमीन से किसी भी कीमत पर बेदखल नही होंगे,ग्रामीणों ने पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी से मदद करते हुए ज़मीन बचाने की गुहार लगाई है।