भला किसी को कमज़ोर कैसे आंकू..?


आशुतोष रंजन
गढ़वा

झारखंड में नगर निकाय चुनाव होने की दुदुंभी भले ना बजी हो पर इसी राज्य का एक जिला ऐसा भी है जहां उम्मीदवारों ने नगाड़ा बजा दिया है,यानी की सभी उम्मीदवार घर की देहरी से निकल गलियों मोहल्लों में पहुंच लोगों के सामने ख़ुद को भावी प्रत्याशी के रूप में पहचानित करा रहे हैं,वो क्या कह रहे हैं,आइए आपको बताते हैं।

मैं ही हूं मज़बूत उम्मीदवार: – मतदाताओं के सामने प्रत्याशियों के ज़ुबान से जो अल्फाज़ निकल रहे हैं उसे किस रूप में समझा जाए इसे तो आपको अगले ख़बर में बताएंगे लेकिन यहां आपको बता दूं की वो यही कहते सुने जा रहे हैं की नहीं है मेरे सामने कोई दीवार,मैं ही हूं मज़बूत उम्मीदवार,अब आप सोचिए जब किसी उम्मीदवारों का आत्मविश्वास इतना बुलंद हो तो सोचने पर विवश हो जाना पड़ता है लेकिन यहां यह भी कहना ज़रूरी है की यह चुनाव है जहां विश्वास और आत्मविश्वास होना तो लाज़िमी है लेकिन अति आत्मविश्वास होना तो कतई ठीक नहीं है।

कहीं अपनी रणनीति से ही ना मिल जाए आपको मात: – लेकिन चुनाव में अक्सर ऐसा देखा जाता है की अगर किसी प्रत्याशी को किसी पदधारी का झूठा साथ भी है तो वो ख़ुद के सामने हर किसी को कमज़ोर ही आंकता है,कुछ ऐसा ही देखने को प्रतीत हो रहा है,अहले सुबह से प्रत्याशियों द्वारा घर घर पहुंच जनसंपर्क किया जा रहा है उसी जनसंपर्क के दरम्यान जहां एक ओर वो लोगों से ख़ुद को एक प्रत्याशी के रूप में पहचानीत करा रहे हैं वहीं दूसरी ओर साथ चल रहे मित्रों से यह भी कहते सुने जा रहे हैं की लोगों का मिलना और मुझे स्वीकारना देख कर क्या आपको लग रहा है की मेरे सामने कोई है,अरे भाई सीधे सीधे कहूं की मेरे सामने का हर दीवार खुद ब खुद ढहता चला जा रहा है और मैं सभी बाधाओं को यूं ही पार करता चला जाऊंगा,लेकिन शायद उन्हें इल्म नहीं है की यह चुनाव है और चुनाव में हर मिलने वाला और हर दिखने वाला भीड़ वोट नहीं होता,बहुत विरले ही होते हैं जो उस भीड़ को वोट में बदल पाते हैं,साथ ही साथ यह भी कहूं की आप जिससे अभी शुरुआत में ही ख़ुद को मजबूत होने का दावा कर रहे हैं,यह कैसे आपने मान लिया की जो आपके साथ सुबह में घूम रहा है वो शाम में किसी अन्य उम्मीदवार के पास नहीं बैठ रहा हो,इसलिए चुनाव में यह भी कहा जाता है की हर किसी से अपनी रणनीति का खुलासा हरगिज़ नहीं करनी चाहिए क्योंकि वो आपकी बनाई रणनीति का खुलासा अगर आपके प्रतिद्वंदी के पास ज़ाहिर हो गया तो जहां आप उस रणनीति से शह पाने की कोशिश कर रहे हैं,पर वो आपकी उसी रणनीति से ही आपको मात दे देगा,इसलिए बेहतर यही होगा की आप ज़ुबान बंद और आंख खुला रख ही चुनाव में आगे बढ़ें तब ही कामयाबी मिलने की उम्मीद रहेगी,नहीं तो….!