छह करोड़ 37लाख रुपए की लागत से गढ़वा में दो सड़कों का होगा निर्माण,सरकार ने दी स्वीकृति


आशुतोष रंजन
गढ़वा

मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गढ़वा सदर प्रखंड में करीब छह किलोमीटर लंबी दो सड़क का निर्माण किया जाएगा,छह करोड़ 37 लाख 38 हजार सात सौ रुपए की लागत से बनने वाले इस सड़क निर्माण की ग्रामीण कार्य विभाग झारखंड सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

ऐसे हो रहा आधारभूत संरचना में तेज़ी से सुधार: – जानकारी देते हुए गढ़वा विधायक सह झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने बताया कि इसके तहत गढ़वा – चिनिया मुख्य पथ से हेलीपैड होते हुए कल्याणपुर तक करीब ढाई किलो मीटर से अधिक सड़क का निर्माण दो करोड़ 82 लाख 19 हजार रुपए की लागत से तथा महुलिया रोड में वीर कुंवर से ढोटी होते हुए जाटा पुल तक करीब साढ़े तीन किलो मीटर लंबी सड़क का निर्माण तीन करोड़ 55 लाख 19हजार सात सौ रुपए कि लागत से किया जाएगा,उक्त दोनों सड़कें बाईपास के लिए रिंग रोड के रूप में काम करेंगी तथा कल्याणपुर,जाटा, छतरपुर एवं महुलिया पंचायत की एक बहुत बड़ी आबादी इससे लाभान्वित होगी,मंत्री ने बताया कि पूरे गढ़वा में सभी गांव को पक्की सड़क से एवं इन सड़कों को मुख्य सड़क से जोड़ने का कार्य तेजी से किया जा रहा है,सभी प्रमुख सड़कों को सूचीबद्ध कर प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जा रहा है,उन्होंने बताया कि आने वाले समय में कोई भी गांव ऐसा नहीं बचेगा जो पक्की सड़क से वंचित रहे,मंत्री ने कहा कि गढ़वा की सभी जर्जर सड़कों का भी निर्माण कार्य कराया जा रहा है,मुख्य सड़क पर अधिक ट्रैफिक ना हो इसलिए गांव की सड़कों को भी मुख्य सड़क से जोड़ते हुए रिंग रोड के रूप में उपयोग किया जाएगा,ताकि लोग ट्रैफिक का सामना किए बगैर सुगमता पूर्वक आवागमन कर सकें,सुगम यातायात से समय की भी बचत होगी,साथ ही अनावश्यक ट्रैफिक एवं दुर्घटना की समस्या भी समाप्त होगी,उन्होंने कहा कि झारखंड की हेमंत सरकार गढ़वा जिला एवं पलामू प्रमंडल सहित पूरे राज्य में आधारभूत संरचना को दुरुस्त करने का कार्य कर रही है,सीमित संसाधन के बावजूद सड़क,बिजली,पेयजल,सिंचाई, शिक्षा एवं चिकित्सा जैसे सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काफी तीव्र गति से कार्य हो रहा है,झारखंड को पूरे देश में अव्वल बनाने की सोच के साथ सभी क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है,उन्होंने कहा कि यदि पूर्व में भी इसी सोच एवं इच्छाशक्ति के साथ कार्य किया जाता तो आज राज्य की स्थिति कुछ और होती।