सदर अस्पताल के सामने सड़क जाम करने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज

सदर अस्पताल के सामने सड़क जाम करने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज

सार्वजनिक आवागमन बाधित करना दंडनीय अपराध है : एसडीओ


दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा

वीडियो एडीटर आकाश लोहार
गढ़वा

सड़क दुर्घटना के बाद भी सड़क जाम कर तमाम गतिविधियों को बाधित करने को एक आपराधिक कृत्य बताया गया है। जिसके लिए संविधान में दंड की व्यवस्था है। सदर एसडीओ ने इस संबंध में सबको कड़ी चेतावनी देते हुए ऐसे कृत्य से दूर रहने की हिदायत की है। यह किस प्रसंग में कहा है आइए इस खबर में बताते हैं। रविवार को सदर अस्पताल के सामने ग्रामीणों द्वारा रोड जाम करने के मामले में गढ़वा थाना में मामला दर्ज कराया गया है। सड़क दुर्घटना में मृत एक युवक के शव का अविलंब पोस्टमार्टम करने की मांग को लेकर ग्रामीणों और परिजनों ने रविवार को यहां मुख्य मार्ग जाम करते हुए आम लोगों के आवागमन को रोकने का प्रयास किया था। इस पर सम्यक धाराओं के तहत मार्ग बाधित करने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

उल्लेखनीय है कि अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने पूर्व में ही इस बात का निर्देश जारी किया हुआ है कि गढ़वा अनुमंडल क्षेत्र में कहीं भी सार्वजनिक आवागमन को जानबूझकर बाधित करने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। पिछले माह भी गढ़वा प्रखंड अंतर्गत हाईवे पर हुई एक दुर्घटना के बाद रोड जाम करने वालों पर एसडीओ संजय कुमार के कड़े रुख के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई थी। संजय कुमार ने पुनः नागरिकों से अपील करते हुये कहा कि किसी भी विरोध प्रदर्शन के लिए आम सड़क को जाम कर देना किसी भी रूप में सही तरीका नहीं है। किसी भी विभाग, कार्यालय या पदाधिकारी के विरुद्ध अगर किसी को कोई शिकायत, असंतोष या गुस्सा भी है तो इसके लिए तमाम प्रशासनिक व कानूनी विकल्प मौजूद रहते हैं। सबसे अच्छा विकल्प तो यही है कि ऐसे मामलों में जिले के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारियों तक अविलंब सूचना देना चाहिए। यहां तक कि यदि उन्हें भी कोई ऐसी सूचना मिलती है तो वे भी ऐसे मामलों पर तुरंत संज्ञान लेंगे। किंतु रोड जाम करने के उपरांत एक शिकायतकर्ता पीड़ित व्यक्ति भी कानून की नजर में उल्लंघनकर्ता की श्रेणी में आ जाता है। अत: विरोध के मामलों में जोश में आकर कभी रोड जाम करने जैसा कदम न उठाएं। क्योंकि किसी भी घटना-दुर्घटना के बाद या किसी अन्य कारण से रोड जाम कर आम लोगों के लिए संकट पैदा करना दंडनीय और अनैतिक भी है। उन्होंने अक्सर इस भीड़ में शामिल हो जाने वाले लोगों से भी अनुरोध किया है कि वे सड़क जाम करने की गतिविधियों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन न करें, ऐसा करना मंहगा पड़ता है।

राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 8b के तहत हैं कड़े प्रावधान

एसडीओ ने जानकारी दी कि राजमार्ग को अवरूद्ध करना एक संज्ञेय अपराध है। जिसके लिए संबंधित अधिनियम की धारा आठ (बी) के तहत 5 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है। इसलिए लोग कभी भी जानबूझकर हाईवे जाम करने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्तता से बचें।

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Ashutosh Ranjan

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