“कॉफ़ी विद एसडीएम” में गोताखोरों के साथ हुआ संवाद

“कॉफ़ी विद एसडीएम” में गोताखोरों के साथ हुआ संवाद

एसडीएम ने गोताखोरों को “जल रक्षक” की उपाधि दी, किया सम्मानित

जलीय आपदाओं से निपटने के लिए कुशल “जल रक्षकों” की टीम जरूरी : एसडीएम



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा


गढ़वा : सदर एसडीएम संजय कुमार के नियमित साप्ताहिक कार्यक्रम “कॉफ़ी विद एसडीएम” में आज क्षेत्र भर के गोताखोरों के साथ उनकी सौहार्दपूर्ण बैठक हुयी। इस दौरान न केवल क्षेत्र के गोताखोरों की निजी समस्याओं को सुना गया। बल्कि नदियों एवं जलाशयों में होने वाली आकस्मिक घटनाओं पर त्वरित बचाव कार्य, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता तथा गोताखोरों के प्रशिक्षण से संबंधित विषयों पर चर्चा हुई। एसडीएम के निमंत्रण पर इस संवाद कार्यक्रम में क्षेत्र के 26 जल-रक्षकों (गोताखोरों) ने हिस्सा लिया। एसडीएम ने कहा कि बरसात के मौसम में जल स्तर बढ़ने से डूबने की घटनाओं में इज़ाफ़ा होता है। ऐसे में गोताखोरों की भूमिका जीवनरक्षक के रूप में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने सभी गोताखोरों से खुद भी सतर्क रहने, बचाव के लिए सदैव तैयार रहने और जलाशयों में किसी आपदा की स्थिति में प्रशासन को तत्काल सूचना देने का आग्रह किया। एसडीएम ने गोताखोरों को “जल रक्षक” का विशेषण देते हुये उनकी चुनौती पूर्ण भूमिकाओं की सराहना की। बैठक में गोताखोरों ने अपने अनुभव साझा किए और बचाव कार्य को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपने अपने सुझाव भी दिए।

संसाधनों का अभाव: ज्यादातर गोताखोरों ने कहा कि वे मछली पकड़ने के क्रम में कुशल गोताखोर बन गए हैं। किंतु उनके पास गोताखोरी से संबंधित तकनीकी चीजों की कमी है। यहां तक कि कई बार उनके पास रस्सी और जाल भी अच्छी गुणवत्ता का नहीं मिल पाता है। उन्होंने लाइफ जैकेट, ऑक्सीजन किट, 8 इंच खानेदार जाल आदि उपलब्ध कराने का सुझाव दिया।

प्रशिक्षण की जरूरत: संवाद में इस बात पर जोर दिया गया कि किसी जलीय आपदा के बाद तात्कालिक रूप से क्या-क्या प्राथमिक चिकित्सा से जुड़े उपाय किए जा सकते हैं। इस पर उन्हें एक अनौपचारिक प्रशिक्षण दिया जाए। एसडीएम ने आश्वस्त किया कि वे जल्द ही स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर सभी गोताखोरों के लिए “लाइफ सेविंग” पर एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करवायेंगे। जिसमें डूबे हुए व्यक्ति की जीवन रक्षा के लिए तात्कालिक मानवीय उपाय जैसे माउथ ब्रीदिंग, सीपीआर आदि शामिल रहेंगे।

मानदेय के विकल्प तलाशेंगे: अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि क्षेत्र के अच्छे गोताखोरों की सूची मत्स्य विभाग के समन्वय से तैयार करवाएंगे। उनमें से कुछ उत्कृष्ट गोताखोरों को मानदेय या पारिश्रमिक के आधार पर कैसे अनुमंडल स्तर की आपदा प्रबंधन टीम से जोड़ा जाए इन विकल्पों पर भी जल्द ही कोई उपाय निकालेंगे।

सोनू कुमार व करीमन चौधरी को किया पुरस्कृत: पिछले दिनों कोयल नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद टापू में फंसे एक दिव्यांग युवक को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू अभियान में जुटे रहने वाले गोताखोर सोनू कुमार को एसडीएम संजय कुमार ने शाल ओढ़ाकर एवं पुरस्कार राशि प्रदान कर पुरस्कृत किया। इसी प्रकार हाल ही में अन्नराज डैम में डूबे सहिजना के युवक का शव 30 फीट गहरे पानी से निकाल लाने वाले गोताखोर करीमन चौधरी को शाल भेंटकर सम्मानित किया गया।

दर्द बयां किया: कुछ गोताखोरों द्वारा बताया गया कि वे विभिन्न जगहों पर रेस्क्यू करने के लिए जाते हैं। किंतु रेस्क्यू हो जाने के उपरांत प्राय: ऐसी स्थिति आ जाती है कि उन्हें पुरस्कार तो दूर की बात उन्हें न तो वापस लौटने के लिए वाहन मिलता है और न ही आने जाने का किराया। इसके चलते ही उनमें पहल करने की अभिरुचि खत्म होती जा रही है। हालांकि एसडीएम द्वारा बुलाए जाने पर वे लोग काफी उत्साहित दिखे। उन सभी ने बताया कि यह पहली बार है कि जब किसी प्रशासनिक पदाधिकारी ने उन्हें यह सम्मान देकर अपने यहां बुलाया और उनके महत्व को समझा है। इससे उनका उत्साह और मनोबल बढ़ा है।

जोन बनाकर कार्य आवंटन का सुझाव: संवाद के दौरान सुझाव आया कि जिले भर के गोताखोरों का डेटाबेस बनाकर क्षेत्र को अलग-अलग जोन में विभाजित कर हर जोन में निकटवर्ती गोताखोरों को टैग किया जाए। ताकि किसी जलाशय, जल स्रोत या इलाके में कोई जल दुर्घटना होती है तो संबंधित पदाधिकारियों को पता चल सके कि इस क्षेत्र के लिए सक्रिय गोताखोर कौन कौन हैं।

गोताखोरों के नाम नंबर प्रचारित प्रसारित करने का निर्णय: एसडीएम ने सभी गोताखोरों से अनुरोध किया कि यदि उनकी सहमति होगी तो वे क्षेत्र भर के गोताखोरों के नंबर मीडिया और सोशल मीडिया आदि के माध्यम से आम लोगों के बीच प्रसारित करना चाहते हैं। ताकि किसी आपदा की स्थिति में स्थानीय लोग खुद भी कुशल गोताखोर की त्वरित सेवा ले सकें। उन्होंने कहा की जोरदार सूची बनने की उपरांत लिखित सहमति मिलने पर सभी के नाम नंबर सार्वजनिक कर दिए जायेंगे।

सभी को अंग-वस्त्र देकर सम्मान: अंत में एसडीएम संजय कुमार ने सभी जल रक्षकों (गोताखोरों) की आपदा प्रबंधन में उपयोगिता एवं महत्व को रेखांकित करते हुए उनसे जीवन रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने का अनुरोध किया एवं सम्मान स्वरूप सभी को अंग वस्त्र प्रदान कर उनके कार्य के प्रति आदर प्रकट किया।

सहभागिता: बैठक के दौरान मुंशी चौधरी, धीरज कुमार सिंह, वीरेंद्र सिंह, सरदार प्रजापति, गोविंद चौधरी, रविंद्र चौधरी, शंभू चौधरी, अरविंद चौधरी, राम लखन चौधरी, गुड्डू चौधरी, जमीदार चौधरी, सिकंदर चौधरी, तज़्बुल अंसारी, सूरज चौधरी, करीमन चौधरी, नवल कुमार सिंह, धनंजय चौधरी, वीरेंद्र चौधरी, ओम प्रकाश चौधरी, सोनू चौधरी, राजेश चौधरी, दशरथ राम, कौशर अंसारी, जितेंद्र चौधरी, उदल चौधरी आदि गोताखोरों के अलावा मत्स्य विभाग के पर्यवेक्षक चंदेश्वर साहनी ने अपने विचार रखे।

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Ashutosh Ranjan

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