परस्पर व्यापार, ट्रैफिक जाम से निजात और वामपंथी उग्रवाद पर लगेगा अंकुश
दिवंगत आशुतोष रंजन
वीडियो एडीटर आकाश लोहार
गढ़वा
कभी एक ही में शामिल झारखंड बिहार के बीच बहुत गहरा आपसी सरोकार रहा है। सबसे अधिक वैवाहिक संबंध बना हुआ है। इसके साथ ही सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक सरोकार भी बहुत गहरा रहा है। इसे और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में मजबूत पहल करते हुए दोनों राज्यों के बीच सोन नदी पर एक नए पुल निर्माण की मांग की गई है। किस क्षेत्र के लिए यह मांग की गई है आइए इस खास खबर के जरिए जानते हैं।
झारखंड के पलामू संसदीय क्षेत्र से सांसद विष्णु दयाल राम ने आज मंगलवार को लोकसभा में नियम 377 के तहत एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने झारखंड के पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड (ग्राम पंचायत देवरी कला) और बिहार के रोहतास जिले (ग्राम देवीपुर, नौहट्टा प्रखंड) के बीच सोन नदी पर एक नए अंतरराज्यीय पुल के निर्माण की मांग की है। सांसद ने लोकसभा में कहा कि इस पुल के बनने से झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच आवागमन सुगम होगा। इससे यात्रा के समय में कमी आएगी और क्षेत्र के लोगों को उद्योग, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे।
ट्रैफिक जाम और वामपंथी उग्रवाद पर लगेगा अंकुश
वीडी राम ने कहा कि जपला सीमेंट फैक्ट्री बंद होने के बाद हुसैनाबाद क्षेत्र में कोई बड़ा उद्योग नहीं बचा है। जिससे यहां के मजदूरों को बिहार और उत्तर प्रदेश में काम के लिए जाना पड़ता है। इस पुल से लोगों का सफर आसान हो जाएगा और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह पुल वामपंथी उग्रवाद को नियंत्रित करने में भी सहायक होगा।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार के डेहरी पुल पर अत्यधिक ट्रैफिक का दबाव रहता है। जिससे औरंगाबाद और सासाराम जैसे शहरों में जाम की समस्या गंभीर हो गई है। यह नया पुल डेहरी पुल का विकल्प बनेगा और ट्रैफिक को संतुलित करने में मदद करेगा।
भारत सरकार से पुल निर्माण की अपील
सांसद ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार से आग्रह किया कि इस पुल को अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी परियोजना के तहत जल्द से जल्द स्वीकृति दी जाए। उन्होंने कहा कि यह पुल झारखंड और बिहार की सीमा पर रहने वाले लाखों लोगों की लंबे समय से मांग रही है।
स्थानीय जनता को मिलेगी राहत
इस पुल से न केवल आम नागरिकों का आवागमन आसान होगा। बल्कि इससे व्यापार, रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को कृषि आधारित उद्योगों में काम के नए अवसर मिलेंगे। जिससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा