गढ़वा से 17 नेताओं को झामुमो केंद्रीय समिति में मिली जगह

गढ़वा से 17 नेताओं को झामुमो केंद्रीय समिति में मिली जगह

13वें अधिवेशन में दिखी गढ़वा की मजबूत भागीदारी, संगठन को मिलेगा नया बल

गढ़वा के भविष्य के लिए शुभ संकेत



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा


गढ़वा : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 13वें केंद्रीय अधिवेशन में गढ़वा जिले को बड़ी राजनीतिक पहचान मिली है। पार्टी द्वारा घोषित नई केंद्रीय समिति में राज्य के विभिन्न जिलों के साथ-साथ ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश से कुल 286 सदस्यों को स्थान दिया गया है। इनमें गढ़वा जिला से कुल 17 नेताओं को केंद्रीय समिति का सदस्य चुना गया है। जो जिले के लिए एक बड़ी राजनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है।

गढ़वा से शामिल किए गए प्रमुख नेताओं में पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर और भवनाथपुर विधायक अनंत प्रताप देव का नाम सबसे ऊपर है। इन दोनों के साथ-साथ जिले के विभिन्न क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाले अन्य जमीनी कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी समिति में स्थान दिया गया है। इनके नाम हैं – ताहिर अंसारी, तनवीर आलम खान, मनोज ठाकुर, शंभू चंद्रवंशी, धीरज कुमार दुबे, नितेश कुमार सिंह, राज किशोर यादव, जेपी मिंज, अनिता दत्त, अंजली गुप्ता, जवाहर पासवान, शांति देवी, मदनी खान, संजीव कुमार भुइंया और कामेश्वर बैठा।

आगे संगठन का विस्तार पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन के द्वारा किया जाएगा। जिसमें केंद्रीय समिति के सदस्यों में से कुछ निर्धारित लोगों को पार्टी की बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी।

गढ़वा से इतनी बड़ी संख्या में नेताओं का चयन यह दर्शाता है कि जिले में झामुमो की संगठनात्मक मजबूती लगातार बढ़ रही है। यह भी स्पष्ट संकेत है कि पार्टी नेतृत्व अब जिला स्तरीय नेताओं को राष्ट्रीय मंच पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे न केवल संगठन की मजबूती बढ़ेगी, बल्कि आगामी चुनावों में इसका सीधा असर दिखेगा।

नवनियुक्त सदस्यों को बधाई देते हुए झामुमो के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह प्रतिनिधित्व केवल राजनीतिक पद नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है। पार्टी की नीति, सिद्धांत और जनहित के मुद्दों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब इन सभी सदस्यों पर है। संगठन को उम्मीद है कि ये सभी नेता अपनी भूमिका को ईमानदारी से निभाते हुए पार्टी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।

गढ़वा जिले में इस घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। इसे जिले के राजनीतिक भविष्य के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है।

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Ashutosh Ranjan

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