मंडल डैम से जल्द मिलेगा पानी! बिहार और झारखंड को मिलेगा लाभ

मंडल डैम से जल्द मिलेगा पानी! बिहार और झारखंड को मिलेगा लाभ

780 परिवारों को मिलेंगे 15-15 लाख रुपये और एक-एक एकड़ जमीन

सुलझा मंडल डैम के विस्थापित परिवारों का मामला

इसके बाद मंडल डैम से पानी जल्द मिलने की है संभावना



दिवंगत आशुतोष रंजन

प्रियरंजन सिन्हा


बिंदास न्यूज, गढ़वा : बिहार और झारखंड के लोगों को जल्द ही उत्तर कोयल नहर परियोजना मंडल डैम का पानी मिल सकता है। मंडल डैम के डूब क्षेत्र में रहने वाले 780 परिवारों को दूसरी जगह बसाने का रास्ता साफ हो गया है। सभी परिवारों को दो किस्तों में 15 लाख और एक एकड़ जमीन दी जाएगी। पहली किस्त में 10 लाख और दूसरी किस्त में पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को गढ़वा के रंका प्रखंड के विश्रामपुर के इलाके में बसाया जाना है। कुछ दिन पहले झारखंड सरकार की मुख्य सचिव अलका तिवारी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी ने मंडल डैम का जायजा लिया था। इसके बाद मंडल डैम से जुड़े विस्थापितों का मामला सुलझ गया है।


पीटीआर के उपनिदेशक प्रजेशजेना का बयान: इस बारे में पीटीआर के उपनिदेशक प्रजेशजेना बताते हैं कि आपसी समन्वय के बाद विस्थापित परिवारों को राशि दी जाएगी। साथ ही यह भी तय किया जा रहा है कि जिन जगहों पर परिवारों को बसाया जा रहा रहा है, वहां सरकार की ओर से अन्य तरह की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।


70 के दशक से अधूरी है परियोजना, पीएम ने 2019 में भी किया था शिलान्यास: दरअसल उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना के मंडल डैम का निर्माण कार्य अविभाजित बिहार में 1972 में शुरू हुआ था। लेकिन 1997-98 में नक्सली हमले के बाद मंडल डैम का निर्माण कार्य रोक दिया गया। इसके बाद 5 जनवरी 2019 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंडल डैम के अधूरे काम को पूरा करने के लिए एक बार फिर शिलान्यास किया। जिसके बाद मंडल डैम परियोजना को 2022 तक पूरा किया जाना था। लेकिन अभी तक कोई निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हुआ। जबकि मंडल डैम से जुड़े बिहार और झारखंड में नहर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

पलामू सांसद विष्णुदयाल राम का बयान: इस मामले पर पलामू के सांसद विष्णुदयाल राम कहते हैं कि यह ऐसा पहला प्रोजेक्ट है जिसके लिए केंद्रीय कैबिनेट ने मुआवजे के लिए दोबारा फंड जारी किया है। इस परियोजना के पूरा होने से बड़े इलाके में सिंचाई का संकट दूर हो जाएगा।

30 करोड़ से शुरू हुई परियोजना की 2891 करोड़ पहुंच गई लागत: 70 के दशक में जब मंडल डैम परियोजना शुरू हुई थी, तब इसकी लागत 30 करोड़ रखी गई थी। 90 के दशक तक परियोजना पर 769 करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे। पुन: 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिलान्यास के बाद इसके लिए फिर से 2391 करोड़ रुपये जारी किए गए। इसके बाद 2023 में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंडल डैम परियोजना के लिए अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। मंडल डैम परियोजना से बिहार के चावल हब माने जाने वाले औरंगाबाद और गया में 229793 एकड़, जबकि झारखंड में 49000 एकड़ में सिंचाई सुविधा मिलेगी।

मंडल डैम की उंचाई की जानी है कम, 3.44 लाख पेड़ काटने का था प्रस्ताव: मंडल डैम का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। डैम में सिर्फ गेट लगाने की जरूरत है। डैम की ऊंचाई 367 मीटर है। सरकार को डैम की ऊंचाई 42 मीटर कम करनी है। पलामू टाइगर रिजर्व ने डैम की ऊंचाई घटाने को कहा था। डैम निर्माण के लिए 3.44 लाख पेड़ काटने का प्रस्ताव था। लेकिन बाद में पेड़ों को काटने का फैसला टाल दिया गया।

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Ashutosh Ranjan

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