100 कुंटल से अधिक महुआ, गुड़ आदि सामग्री थी गोदाम में
गांव की अवैध शराब भट्ठियों को बेची जाती थी यह सामग्री
स्थानीय लोग भी रहे एसडीएम के साथ, दिया कार्रवाई में साथ
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा: मेरी स्वरचित कविता की एक पंक्ति है “नयन में गंतव्य हो तो पहुंचना आसान है” – वह पंक्ति नायाब प्रशासनिक पदाधिकारी एसडीएम संजय कुमार ने चरितार्थ करके दिखा दिया है। उन्हें अर्जुन को केवल मछली की आंख की तरह सिर्फ अवैध शराब का मायका एवं ससुराल दुलदुलवा को सही जगह स्थापित करना ही दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि कदम दर कदम उन्हें सफलता मिलती जा रही है। कहां और कैसे आइए इस खास खबर के जरिए आपको भी बताएं :-
सदर एसडीएम संजय कुमार अवैध शराब निर्माण के अनैतिक कारोबार की जड़ों पर लगातार प्रहार कर रहे हैं। न केवल शराब निर्माण के काम में लगे शराब व्यवसायियों की काउंसलिंग जारी है। बल्कि अवैध शराब निर्माण की रोकथाम की दिशा में लगातार दंडात्मक कार्रवाई भी जारी है। इसका असर दुलदुलवा गांव की फिजाओं में स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। संजय कुमार पिछले दो हफ्ते से लगातार इस गांव में जा रहे हैं। शनिवार को उन्होंने गांव जाकर बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ गांव के कई इलाकों का भ्रमण किया। लोगों से अब तक हुए सुधार के बारे में फीडबैक लिया। लोगों की राय मानते हुए उन्होंने अवैध शराब बनाने के लिए कच्चा सामान जैसे महुआ, गुड़ आदि बेचने वाले गोदामों पर कार्रवाई करने की योजना बनाई। फल स्वरुप कुछ ही देर में उन्होंने तीन अलग-अलग ऐसे कारोबारियों के गोदामों/ दुकानों पर छापेमारी की। इनमें से एक विजय गुप्ता के गोदाम में महुआ, गुड़ आदि मिलाकर लगभग 100 कुंटल यानी 10 टन के आसपास सामान रखा हुआ था। विदित हो कि देशी शराब बनाने में महुआ एवं गुड़ का उपयोग किया जाता है। एसडीएम ने जब विजय गुप्ता से इस महुआ और गुड़ आदि के बड़े भंडार के स्रोत और उद्देश्य के बारे में पूछा तो वे कुछ बता नहीं पाए। हालांकि जब इस गोदाम का बिक्री रजिस्टर मांगा गया तो रजिस्टर में उन्हीं लोगों का नाम दर्ज पाया गया जो हमेशा से गांव में अवैध शराब निर्माण के लिए जाने जाते हैं और जिन पर इस संबंध में कई मामले दर्ज हैं। इससे प्रथम दृष्टया साबित हो गया कि उक्त सामग्री अवैध शराब निर्माण के काम आनी है। क्योंकि यह सामग्री उन्हीं व्यापारियों व व्यवसाईयों के बीच बेची जाती है। इस पर संजय कुमार ने दो साल के विक्री रजिस्टर जब्त करते हुये एहतियातन इस गोदाम की वीडियोग्राफी कराते हुए मौके पर ही सील कर दिया तथा गोदाम की चाबी का जिम्मेनामा विजय गुप्ता एवं एक स्थानीय ग्रामीण को संयुक्त रूप से लिखित में इस शर्त के साथ दे दिया गया कि वे न तो इस गोदाम के ताले को बिना अनुमति खोलेंगे और न ही कोई सामग्री बिक्री करेंगे।
गोदाम मालिक विजय गुप्ता ने स्वीकार किया कि वे अपनी उक्त कच्ची सामग्री गांव के ही शराब माफिया के बीच में बिक्री करते थे। किंतु जब से एसडीएम ने यहां पर अभियान चलाया है उन्होंने बेचना बंद कर दिया है। वे इस बचे सामान को जल्द हटाने वाले थे। किंतु वे हटा नहीं पाए हैं। इसी बीच उनके गोदाम की आज जांच हो गई। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में अब ऐसा कार्य नहीं करेंगे । इसके अलावा अन्य व्यवसायी रविंद्र चंद्रवंशी के गोदाम में बड़ी मात्रा में सिर्फ गुड़ का भंडार पाया गया। इसमें महुआ का भंडार नहीं पाया गया। इस कारोबारी को भी प्रतिबंधित किया गया कि वह शराब बनाने वाले कारोबारी को यह सामग्री नहीं बेचेंगे। तीसरे कारोबारी के यहां बहुत कम मात्रा में उक्त सामग्री मिली। किंतु उसे भी पूर्व के व्यवसाईयों को दी गई हिदायत दोहराई गई।



गांव वाले दे रहे थे साथ: शनिवार को गांव का नजारा बदला हुआ था। क्योंकि अब एसडीएम अकेले नहीं चल रहे थे। उनकी कार्रवाई में गांव की पूरी भीड़ उनका साथ देते हुए चल रही थी। सभी का एक मत से यही कहना था कि अब इस गांव के लोग शराब से दूरी बनाने के स्वयं पक्षधर हो गये हैं। इसलिए वे सभी अवैध शराब के विरुद्ध एसडीएम द्वारा चलाई गई मुहिम का साथ देंगे।
भट्ठियों के लिए भी सर्च अभियान चलाया: एसडीएम ने शनिवार की विजिट के दौरान गांव की बस्ती एवं जंगल क्षेत्र में अवैध शराब भट्ठियों को लेकर सर्च अभियान चलाया। किंतु अच्छी बात यह रही कि उन्हें 2 घंटे के सर्च अभियान में कहीं कोई शराब भट्टी नजर नहीं आई। उन्होंने दुलदुलवा में ऐसी स्थिति लाने के लिए समस्त ग्राम वासियों को साधुवाद दिया।